100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी

Lokesh Pal August 31, 2024 02:43 134 0

संदर्भ 

सौर ऊर्जा उपयोग में वृद्धि की दिशा में भारत के बढ़ते कदम के साथ, सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी (Solar Paraboloid Technology) को सौर ऊर्जा दक्षता में सुधार करने वाली अग्रणी प्रौद्योगिकी के रूप में देखा जा रहा है। 

सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी के बारे में

  • यह एक ऐसी तकनीक है, जिसे परवलयिक आकार के परावर्तक का उपयोग करके सौर ऊर्जा का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

  • सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी का कार्य
    • परवलयिक गर्त संग्राहक (Parabolic Trough Collector- PTC) प्रणाली: सौर परवलयिक एक ‘परवलयिक गर्त संग्राहक प्रणाली’ का उपयोग करते हैं, जिसमें लंबे, घुमावदार दर्पण शामिल होते हैं, जो दर्पण की फोकल दूरी पर स्थित रिसीवर ट्यूब पर सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। 
    • ऊष्मा उत्पादन: संकेंद्रित सूर्य की रोशनी रिसीवर ट्यूब के अंदर एक तरल पदार्थ को गर्म करती है। इस ऊष्मीय ऊर्जा को या तो विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है अथवा सीधे इंडस्ट्रियल हीटिंग उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 
    • उच्च परिचालन तापमान: ये प्रणालियाँ 300°C तक के तापमान पर कार्य कर सकती हैं, जिससे कम तापीय ह्रास के कारण उच्च तापीय दक्षता प्राप्त होती है। 

सीमांत प्रौद्योगिकियों (Frontier Technologies) के बारे में

  • इसमें कोई भी नवीन या विकासशील प्रौद्योगिकी शामिल है, जिसमें मनुष्यों के संचार के तरीके को बदलने एवं वैश्विक समस्याओं को हल करने की क्षमता है।

सीमांत प्रौद्योगिकी के प्रकार

  • डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ जैसे मेटावर्स, IoT, ब्लॉकचेन, AI, बिग डेटा और क्वांटम कंप्यूटिंग।  
  • भौतिक प्रौद्योगिकियाँ: स्वचालित ड्राइविंग, 3D प्रिंटिंग और हार्डवेयर नवाचार।
  • जैविक प्रौद्योगिकियाँ जैसे- बायोप्रिंटिंग, ऑर्गेनोइड्स, जेनेटिक इंजीनियरिंग और ब्रेन-कंप्यूटर-इंटरफेस।

सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी का महत्त्व

  • दक्षता में वृद्धि: सौर ऊर्जा को केंद्रित करके, सोलर पैराबोलॉइड पारंपरिक फोटोवोल्टिक (PV) प्रणालियों की तुलना में उच्च तापीय दक्षता प्रदान करते हैं। यह उच्च तापमान पर कार्य करने की उनकी क्षमता के कारण है, जो संवहनीय एवं प्रवाहकीय ऊष्मा ह्रास को कम करता है। 
  • प्रति यूनिट विद्युत की कम लागत: सोलर पैराबोलॉइड की उच्च दक्षता का अर्थ है कि समान मात्रा में सूर्य के प्रकाश से अधिक विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे प्रति यूनिट विद्युत की लागत में कमी आएगी तथा यह जीवाश्म ईंधन के साथ प्रतिस्पर्द्धी बन जाएगी। 
  • बहुमुखी अनुप्रयोग: विद्युत उत्पन्न करने के अलावा, सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए प्रत्यक्ष ऊष्मा प्रदान कर सकती है, जिससे इसका अनुप्रयोग बहुमुखी हो जाता है। 
  • नवीकरणीय ऊर्जा में योगदान: चूँकि देश कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने का लक्ष्य रखते हैं, इसलिए सौर पैराबोलॉइड विद्युत एवं ताप उत्पादन दोनों के लिए जीवाश्म ईंधन का एक सतत् एवं प्रभावी विकल्प प्रदान करते हैं। 
  • मापनीयता एवं लचीलापन: सौर पैराबोलॉइड प्रणाली को ऊर्जा की जरूरतों एवं उपलब्ध स्थान के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। यह लचीलापन बड़े पैमाने पर उपयोगिता अनुप्रयोगों एवं छोटे पैमाने पर स्थापनाओं दोनों के लिए अनुमति देता है। 
  • भूमि उपयोग दक्षता में सुधार: अपने संकेंद्रित डिजाइन के कारण, सौर पैराबोलॉइड प्रति इकाई भूमि क्षेत्र में उच्च ऊर्जा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे फ्लैट पैनल PV प्रतिष्ठानों की तुलना में स्थान का अधिक कुशल उपयोग कर सकते हैं। 

सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी के समक्ष चुनौतियाँ

  • उच्च प्रारंभिक लागत: इस प्रौद्योगिकी के लिए सटीक निर्माण, विशेष सामग्री और उन्नत ट्रैकिंग प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जिसके कारण प्रारंभिक निवेश लागत काफी अधिक होती है। 
  • बुनियादी ढाँचे की आवश्यकताएँ: बड़े पैमाने पर सौर पैराबोलॉइड को अपनाने के लिए भूमि की उपलब्धता और रखरखाव क्षमताओं सहित पर्याप्त बुनियादी ढाँचे का समर्थन आवश्यक है। 
  • नीतिगत समर्थन और प्रोत्साहन की आवश्यकता: सौर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल और नीतियाँ महत्त्वपूर्ण हैं। इसमें अनुसंधान और विकास में निवेश करना, वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना और स्थानीय विनिर्माण प्रयासों का समर्थन करना शामिल है। 

आगे की राह

  • अनुसंधान एवं विकास में निवेश: तकनीकी और आर्थिक बाधाओं को दूर करने के लिए, दक्षता में सुधार, लागत में कमी और सामग्री की गुणवत्ता  तथा प्रणाली डिजाइन को बढ़ाने के लिए निरंतर अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता है। 
  • सरकार और उद्योग सहयोग: सरकारों और निजी क्षेत्रों के बीच मजबूत साझेदारी नवाचार को बढ़ावा दे सकती है, वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है और मौजूदा ऊर्जा ढाँचे में सोलर पैराबोलॉइड टेक्नोलॉजी के एकीकरण को सुव्यवस्थित कर सकती है। 
  • जन जागरूकता और प्रोत्साहन: जनता को शिक्षित करने और शीघ्र अपनाने वालों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने से अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण में तेजी आ सकती है तथा पारंपरिक ऊर्जा विधियों की तुलना में सोलर पैराबोलॉइड के लाभों पर प्रकाश डाला जा सकता है। 
  • स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: स्थानीय उत्पादन और नवाचार को प्रोत्साहित करने से लागत और आयातित प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम हो सकती है, जिससे सोलर पैराबोलॉइड के लिए एक स्थायी बाजार को बढ़ावा मिल सकता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.