//php print_r(get_the_ID()); ?>
Title | Subject | Paper |
---|---|---|
संक्षेप में समाचार | ||
नार्को-एनालिसिस टेस्ट पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय | Polity and governance , | GS Paper 2, |
दुर्लभ मृदा तत्वों में आत्मनिर्भरता | Science and Technology, | GS Paper 3, |
अपर सियांग | Geography, | GS Paper 1, |
सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौता | Polity and governance , | GS Paper 2, |
प्रोटॉन उत्सर्जन | Science and Technology, | GS Paper 3, |
BBX32 प्रोटीन: अंकुर विकास में भूमिका | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
हाइड्रोजन प्लाज्मा का उपयोग करके निकल निष्कर्षण की सतत् विधि | Science and Technology, | GS Paper 3, |
क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी | Science and Technology, | GS Paper 3, |
कृषि में महिलाओं को सशक्त बनाना | social issues, | GS Paper 1, |
केरल में मानव-वन्यजीव संघर्ष | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
भारत में गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था | economy, | GS Paper 3, |
अमलेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2025) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि किसी आरोपी की सहमति के बिना उस पर नार्को-विश्लेषण परीक्षण नहीं किया जा सकता है, और ऐसे परीक्षणों के परिणाम किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्धि का एकमात्र आधार नहीं बन सकते हैं।
वैश्विक व्यापार युद्ध के बीच, चीन ने दुर्लभ मृदा तत्वों (REEs) के निर्यात को निलंबित कर दिया है, जिनका उपयोग स्मार्टफोन, अर्द्धचालक निर्माण और रक्षा उपकरणों जैसी प्रौद्योगिकियों में किया जाता है।
स्मार्टफोन से लेकर सैटेलाइट तक, इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर उन्नत हथियार प्रणालियों तक, 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था के लिए दुर्लभ मृदा तत्व अपरिहार्य हैं। एक महत्त्वपूर्ण REEs हितधारक के रूप में भारत की क्षमता का अभी तक दोहन नहीं हुआ है। प्रभावी नीतिगत समर्थन, प्रौद्योगिकी संचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, REE भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और स्वच्छ तकनीक के भविष्य को शक्ति प्रदान कर सकते हैं।
11.2 गीगावाट की सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना स्थानीय विरोध के कारण फिलहाल विलंबित है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MAH) सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (Suspension Of Operations- SoO) समझौते के आधारभूत नियमों की समीक्षा करने के लिए कुकी-जो विद्रोही समूहों के साथ चर्चा कर रहा है।
फिनलैंड के जैवस्कुले विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एस्टेटाइन-188 (¹⁸⁸At) के क्षय का सफलतापूर्वक पता लगाया है और उसकी विशेषता बताई है।
IISER भोपाल के शोधकर्ताओं ने बताया है, कि किस प्रकार एक प्रोटीन, BBX32, पौधों को भूमिगत से प्रकाश परिदृश्य में आने में मदद करता है, जो कि सफल पौध विकास के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट द्वारा नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में निकेल निकालने के लिए कार्बन-मुक्त, हाइड्रोजन प्लाज्मा विधि का प्रस्ताव दिया गया है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने मैग्नेटिक आइसोलेशन एंड कंसन्ट्रेशन (MagIC) नामक एक नई क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी विधि विकसित की है, जो पहले की तुलना में 100 गुना कम सांद्रता पर जैविक अणुओं की इमेजिंग की अनुमति देती है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला किसान वर्ष (International Year of the Woman Farmer) घोषित किया है।
निष्कर्ष
वर्ष 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला कृषक वर्ष घोषित किया जाना, लचीले कृषि विकास और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्रस्तुत करता है।
केरल ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन की माँग की है ताकि उसे मानव जीवन और संपत्तियों के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले जंगली जानवरों (अनुसूची 1) को मारने की अनुमति मिल सके।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अध्ययन के अनुसार, भारत में गिग कार्यबल वर्ष 2047 तक 62 मिलियन तक बढ़ जाएगा।
भारत की गिग इकॉनमी, जिसके वर्ष 2047 तक 61.9 मिलियन लोगों को रोजगार देने का अनुमान है, में परिवर्तनकारी क्षमता है, लेकिन श्रमिकों की सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत विनियमन की आवश्यकता है। राष्ट्रीय कानून, सामाजिक सुरक्षा और कौशल विकास को एकीकृत करने वाला एक संतुलित दृष्टिकोण भारत को निष्पक्ष गिग कार्य में वैश्विक नेतृत्त्वकर्त्ता के रूप में स्थापित कर सकता है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
<div class="new-fform">
</div>