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Title | Subject | Paper |
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संक्षेप में समाचार | ||
पूर्वी राज्यों में बाघों की संख्या में कमी: संरक्षण के प्रति बढ़ती चिंता | Environment, | GS Paper 3, |
भारत की हरित अर्थव्यवस्था | economy, | GS Paper 3, |
भारत का पहला पोलर रिसर्च व्हीकल (PRV) | Science and Technology, | GS Paper 3, |
भारत और नॉर्वे हरित समुद्री प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे | international Relation, | GS Paper 2, |
थर्मोफिलिक एक्टिनोबैक्टीरिया | Science and Technology, | GS Paper 3, |
वर्ष 2025 में भारत में पर्यावरण की स्थिति के आँकड़े | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
जनगणना-2027 | Polity and governance , | GS Paper 2, |
भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा किए गए एक अध्ययन में चीतल, साँभर तथा इंडियन बाइसन जैसी शिकार प्रजातियों पर चिंता व्यक्त की गई है।
भारत की हरित अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व गति वृद्धि हो रही है, जिससे भारत हरित संक्रमण में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।
हरित अर्थव्यवस्था का अर्थ केवल पर्यावरण की रक्षा करना नहीं है, बल्कि यह सतत् विकास, रोजगार सृजन, गरीबी उन्मूलन एवं वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के लिए एक रणनीतिक अनिवार्यता है। भारत के लिए, यह विकसित भारत 2047 को प्राप्त करने, जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने तथा विभिन्न पीढ़ीगत अंतरालों के मध्य समानता को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण ढाँचा प्रदान करता है।
हाल ही में भारत सरकार के उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers Limited-GRSE) ने भारत के पहले ‘पोलर रिसर्च व्हीकल’ (PRV) को स्वदेशी रूप से डिजाइन एवं निर्माण करने के लिए नॉर्वेजियन फर्म कोंग्सबर्ग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
भारत और नॉर्वे द्वारा ‘ग्रीन मैरीटाइम टेक्नोलॉजी’ (Green Maritime Technologies), ‘सतत् विकास’ और ‘आर्कटिक नेविगेशन पर सहयोग’ को मजबूत करने के लिए ओस्लो में नॉर-शिपिंग 2025 के दौरान द्विपक्षीय बैठकें आजोजित की गई।
हाल ही में तमिलनाडु के वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) के शोधकर्ताओं ने बिहार के नालंदा में राजगीर हॉट स्प्रिंग झील में थर्मोफिलिक एक्टिनोबैक्टीरिया (Thermophilic Actinobacteria) की खोज की है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, ‘विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र’ (CSE) तथा ‘डाउन टू अर्थ’ (DTE) ने वर्ष 2025 में भारत में पर्यावरण की स्थिति पर आँकड़े प्रकाशित किए हैं।
वर्ष 2025 के आँकड़ों में भारत के पर्यावरण की स्थिति एक महत्त्वपूर्ण चेतावनी है। हालाँकि भारत ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है, लेकिन खराब होती जलवायु, स्वास्थ्य और आर्थिक संकेतक तत्काल कार्रवाई की माँग करते हैं। नीति निर्माताओं को राष्ट्र के लिए एक अनुकूलित भविष्य को सुनिश्चित करने हेतु सतत् विकास, समान विकास और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अत्यधिक विलंब होने वाली जनगणना वर्ष 2021 को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा, जो 1 अक्टूबर, 2026 और 1 मार्च, 2027 को शुरू होगी।
जनसंख्या जनगणना-2027, अपने डिजिटल दृष्टिकोण और जाति गणना के साथ, भारत के नीतिगत परिदृश्य, सामाजिक न्याय ढाँचे और संघीय गतिशीलता को नया आकार देने के लिए तैयार है। हालाँकि, इसकी सफलता सटीक डेटा और न्यायसंगत परिणाम सुनिश्चित करने के लिए तार्किक, राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने पर निर्भर करती है।
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