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Title | Subject | Paper |
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संक्षेप में समाचार | ||
चार्ल्स डार्विन की ‘एबॉमिनेबल मिस्ट्री’ (Abominable Mystery) | Science and Technology, | GS Paper 3, |
नॉर-शिपिंग, 2025 | international Relation, | GS Paper 2, |
हिमालयी क्षेत्र में पिघलते हिम आवरण में ब्लैक कार्बन की भूमिका | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
एक्सपोसोमिक्स (Exposomics) | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
भारत संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में निर्वाचित | international Relation, | GS Paper 2, |
नैनोप्लास्टिक्स ई. कोलाई संक्रमण संबंधी जोखिम को बढ़ा सकते हैं: अध्ययन | Science and Technology, | GS Paper 3, |
भारत जेन: भारत का पहला स्वदेशी एआई मॉडल | Science and Technology, | GS Paper 3, |
भारत के परमाणु ऊर्जा कानून | Polity and governance , | GS Paper 2, |
भारत में संघवाद | Polity, | GS Paper 2, |
CSIR–सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद द्वारा नेचर प्लांट्स में प्रकाशित एक हालिया शोधपत्र में पुष्पी पादपों में आणविक नवाचारों पर प्रकाश डाला गया है, जो चार्ल्स डार्विन के ‘एबॉमिनेबल मिस्ट्री’ (Abominable Mystery) प्रश्न को हल कर सकते हैं।
भारत ने नॉर-शिपिंग 2025 (Nor-Shipping 2025) में अपने ‘इंडिया कंट्री सेशन’ की मेजबानी की, जिसे केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एवं नॉर्वे में भारतीय दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि हिमालय में ब्लैक कार्बन (Black Carbon-BC) का स्तर बढ़ने से बर्फ की सतह के तापमान में वृद्धि हो रही है, जिससे ग्लेशियर पिघलने और जल अनुप्रवाह संबंधी सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
जब भारत पर्यावरणीय रोगों के बढ़ते बोझ का सामना कर रहा है, तब स्वास्थ्य जोखिमों का आकलन करने और उन्हें कम करने के लिए पारंपरिक ढाँचे से आगे बढ़कर एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
भारत को हाल ही में 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी 2026-28 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (Economic and Social Council – ECOSOC) के लिए निर्वाचित किया गया।
इलिनोइस विश्वविद्यालय, अर्बाना-शैंपेन के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि नैनोप्लास्टिक न केवल जोखिम उत्पन्न करते हैं, बल्कि रोगजनकों की विषाणुता को भी बढ़ाते हैं।
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने भारत जेन शिखर सम्मेलन में लार्ज लैंग्वेज मॉडल ‘भारत जेन (Bharat Gen)’ लॉन्च किया है।
भारत में परमाणु दायित्व ढाँचे में संशोधन करने के लिए चर्चा चल रही है, ताकि निजी कंपनियों को भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन सुविधाओं के निर्माण और संचालन की अनुमति मिल सके।
भारत के परमाणु कानूनों में संशोधन से निजी और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन उत्तरदायित्व संरचनाओं, तकनीक हस्तांतरण और आर्थिक व्यवहार्यता में चुनौतियाँ बनी हुई हैं। इस बदलाव के लिए ऊर्जा लक्ष्यों, सुरक्षा और रणनीतिक नियंत्रण में संतुलन की आवश्यकता है।
पिछले 11 वर्षों में नीति आयोग ने सहकारी एवं राजकोषीय संघवाद को बढ़ावा दिया है, जिससे केंद्र और राज्यों को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन और साझा लक्ष्यों के लिए सहयोग करने में सहायता प्राप्त हुई है।
नीति आयोग के बारे में
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विशेषता |
सहकारी संघवाद |
प्रतिस्पर्द्धी संघवाद |
राजकोषीय संघवाद |
उद्देश्य | साझेदारी | प्रदर्शन | संसाधन साझा करना |
प्रकृति | क्षैतिज समन्वय | अंतर-राज्यीय प्रतिद्वंद्विता | ऊर्ध्वाधर संसाधन हस्तांतरण |
संस्था | नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल, क्षेत्रीय परिषदें | नीति सूचकांक, SDG रैंक | वित्त आयोग, जीएसटी परिषद |
उदाहरण | आकांक्षी जिले | स्वास्थ्य/नवाचार रैंकिंग | कर हस्तांतरण, CSS |
नीति आयोग ने संविधान की अर्द्ध-संघीय भावना के अनुरूप सहकारी, प्रतिस्पर्द्धी और राजकोषीय संघवाद को बढ़ावा देकर भारत के संघीय परिदृश्य को बदल दिया है। आकांक्षी जिलों से लेकर प्रदर्शन सूचकांकों तक इसकी पहल क्षेत्रीय असमानताओं को संबोधित करते हुए राज्यों को सशक्त बनाती है, हालाँकि राजकोषीय असंतुलन और राजनीतीकरण जैसी चुनौतियों के लिए निरंतर सुधारों की आवश्यकता होती है।
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