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| Title | Subject | Paper |
|---|---|---|
| संक्षेप में समाचार | ||
| ‘एक्सट्रीम न्यूक्लियर ट्रांजिएंट्स’ | Science and Technology, | GS Paper 3, |
| बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद | Polity and governance , | GS Paper 2, |
| स्माल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) से AI आधारित डेटा सेंटर को विद्युत की प्राप्ति | Science and Technology, | GS Paper 3, |
| CPCB की प्रदूषित नदी स्थलों पर रिपोर्ट | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
| मुद्रास्फीति | economy, | GS Paper 3, |
| लॉजिस्टिक्स: भारत का विकास इंजन | infrastructure, | GS Paper 3, |
हाल ही में हवाई यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञान संस्थान के खगोलविदों ने ब्रह्मांडीय विस्फोटों की एक नई श्रेणी, ‘एक्सट्रीम न्यूक्लियर ट्रांजिएंट्स’ (ENTs) की खोज की है।
असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (BTR) में आयोजित बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) के चुनाव में 72% से अधिक मतदान हुआ।
भारत AI-संचालित डेटा केंद्रों की बढ़ती विद्युत माँग को पूरा करने के लिए स्माल मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMRs) के माध्यम से परमाणु ऊर्जा पर विचार कर रहा है।

हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रदूषित नदी खंडों की संख्या 311 से घटकर 296 हो गई है तथा सर्वाधिक प्रदूषित खंडों में भी कमी आई है।
वर्ष 2025 में भारत की मुद्रास्फीति तेजी से घटने की संभावना है। अगस्त 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.07% और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 0.52% रहने का अनुमान है। इससे उपभोक्ताओं को तो राहत मिलेगी, लेकिन सरकारी वित्त के लिए चुनौतियाँ खड़ी होंगी, जो राजस्व, राजकोषीय घाटे और ऋण प्रबंधन को प्रभावित कर सकती हैं।
भारत में मुद्रास्फीति को मुख्यतः दो मुख्य सूचकांकों WPI (थोक मूल्य सूचकांक) और CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) द्वारा मापा जाता है, जो क्रमशः थोक और खुदरा स्तर के मूल्य परिवर्तनों को मापते हैं।
कम मुद्रास्फीति को आमतौर पर उपभोक्ताओं के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि यह क्रय शक्ति की रक्षा करती है। हालाँकि, इसका प्रभाव अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है।
हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) (2022) की तीसरी वर्षगाँठ मनाई गई।







लॉजिस्टिक्स विकास, रोजगार और संतुलित विकास का एक प्रमुख प्रवर्तक है। आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करके, भारत 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और विकसित भारत@2047 विजन को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
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