Q. वर्तमान भू-राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ में भारत के परमाणु सिद्धांत की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये। यह भारत की रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं को कैसे संबोधित करता है और क्षेत्रीय स्थिरता में कैसे योगदान देता है? (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • वर्तमान भू-राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ में भारत के परमाणु सिद्धांत की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि यह भारत की रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं को किस प्रकार संबोधित करता है।
  • चर्चा कीजिए कि यह क्षेत्रीय स्थिरता में किस प्रकार योगदान देता है।

 

उत्तर:

वर्ष 2003 में स्थापित भारत का परमाणु सिद्धांत, विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध और परमाणु हथियारों के ‘नो फर्स्ट यूज’ (NFU) की नीति को रेखांकित करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत का परमाणु शस्त्रागार केवल रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है, जिससे अस्थिर भू-राजनीतिक परिदृश्य में स्थिरता बनी रहे। यह सिद्धांत वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण और परमाणु हथियारों के उत्तरदायी प्रबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वर्तमान भू-राजनीतिक गतिशीलता में भारत के परमाणु सिद्धांत की प्रासंगिकता

  • क्षेत्रीय परमाणु खतरों का मुकाबला करना: भारत के परमाणु सिद्धांत का विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध पर जोर यह सुनिश्चित करता है कि भारत पड़ोसी देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन से परमाणु खतरों को प्रभावी ढंग से रोक सकता है। यह अति महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश अपनी परमाणु क्षमताओं का विस्तार कर रहे हैं। 
    • उदाहरण के लिए: भारत की अग्नि-V मिसाइल , जिसकी रेंज 5,000 किलोमीटर है, क्षेत्रीय विरोधियों के खिलाफ इसकी प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाती है, जिससे एक विश्वसनीय प्रतिक्रिया क्षमता सुनिश्चित होती है।
  • रणनीतिक स्वायत्तता को संतुलित करना: भारत की NFU नीति इसकी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करती है, जिससे इसे परमाणु हथियारों की दौड़ में शामिल हुए बिना रक्षात्मक रुख बनाए रखने की अनुमति मिलती है। यह स्वायत्तता जटिल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बनाये रखने और अपनी परमाणु नीति पर संप्रभुता बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।
  • वैश्विक परमाणु अप्रसार में योगदान: परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता इसे एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित करती है, जो परमाणु प्रसार को रोकने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देती है। यह रुख भारत के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करता है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसकी स्थिति को मजबूत करता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत द्वारा मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR, 1987)  का पालन परमाणु अप्रसार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना: परमाणु हमले के जवाब में बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई के सिद्धांत की स्पष्ट अभिव्यक्ति, रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करती है। यह स्पष्टता विरोधियों द्वारा कोई गलत कदम उठाने से रोकती है, जिससे परमाणु संघर्ष की संभावना कम हो जाती है। उदाहरण के लिए: भारत में सामरिक बल कमान (SFC), यह सुनिश्चित करती है कि उसके परमाणु शस्त्रागार का प्रबंधन प्रभावी ढंग से किया जाए, जिससे तत्परता और विश्वसनीयता बनी रहे।
  • तकनीकी उन्नति के अनुकूल होना: जैसे-जैसे वैश्विक परमाणु गतिशीलता साइबर युद्ध और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ विकसित हो रही है, भारत का सिद्धांत अपने परमाणु शस्त्रागार की उत्तरदेयता पर ध्यान केंद्रित करके और अपनी कमांड एवं नियंत्रण प्रणालियों को प्रभावी करके प्रासंगिक बना हुआ है।
    उदाहरण के लिए: परमाणु त्रिस्तरीय क्षमताओं (भूमि, समुद्र और वायु-आधारित परमाणु बल) में भारत का निवेश ,फर्स्ट स्ट्राइक की क्षमताओं के खिलाफ इसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

भारत की सामरिक सुरक्षा चिंताओं का समाधान

  • सीमा पार आतंकवाद को रोकना: भारत का परमाणु सिद्धांत परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक निवारक के रूप में कार्य करता है, यह सुनिश्चित करता है कि पारंपरिक संघर्ष परमाणु युद्ध में न बदल जाए।
    उदाहरण के लिए: वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक ने परमाणु संयम बनाए रखते हुए, संघर्षों को प्रबंधित करने की उसकी क्षमता को प्रदर्शित किया।
  • चीन-भारत प्रतिद्वंद्विता: यह सिद्धांत विश्वसनीय सेकंड स्ट्राइक क्षमता सुनिश्चित करके चीन के साथ सामरिक असंतुलन को संबोधित करता है, इस प्रकार सीमा विवाद या क्षेत्रीय प्रभुत्व के संदर्भ में चीन द्वारा किसी भी परमाणु हमले के प्रयास की संभावना को रोकता है।
    उदाहरण के लिए: अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियों की तैनाती भारत की सेकंड स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाती है, जो चीन पर नियंत्रण हेतु महत्वपूर्ण है।
  • पाकिस्तान के सामरिक परमाणु हथियारों का जवाब: भारत द्वारा बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई पर जोर देने की नीति, पाकिस्तान के सामरिक परमाणु हथियार सिद्धांत के प्रत्युत्तर के रूप में कार्य करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पाकिस्तान द्वारा  परमाणु हमला करने की स्थिति आने पर भारत द्वारा एक अति विनाशकारी प्रतिक्रिया की जायेगी। इस तरह से पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की शुरुआत करने की संभावना काफी कम हो जाती है।
    उदाहरण के लिए: भारत का कोल्ड स्टार्ट सिद्धांत पारंपरिक सैन्य प्रतिक्रियाओं को परमाणु प्रतिरोध के साथ एकीकृत करता है।
  • तकनीकी बढ़त बनाए रखना: यह सिद्धांत भारत के परमाणु शस्त्रागार में निरंतर तकनीकी प्रगति पर बल देता  है और सुनिश्चित करता है कि यह कमांड और नियंत्रण प्रणालियों पर साइबर हमलों सहित अन्य उभरते खतरों का प्रभावी ढंग से जवाब दे सके। उदाहरण के लिए: DRDO और अन्य अनुसंधान एजेंसियों के साथ भारत का सहयोग परमाणु और मिसाइल प्रौद्योगिकियों में निरंतर प्रगति सुनिश्चित करता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा: NFU और विश्वसनीय प्रतिरोध की नीति को बनाए रखते हुए, भारत का परमाणु सिद्धांत इसकी व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के साथ संरेखित है और यह सुनिश्चित करता है कि परमाणु हथियार अंतिम उपाय के रूप में कार्य करें।
    उदाहरण के लिए: एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) भारत की कई डोमेन में खतरों को रोकने की क्षमता में योगदान देता है।

क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान

  • हथियारों की होड़ को रोकना: परमाणु हथियारों के प्रति भारत का संयमित दृष्टिकोण दक्षिण एशिया में होने वाली हथियारों की होड़ को रोकता हैऔर इस तरह से परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच आपसी संयम को प्रोत्साहित करता है। उदाहरण के लिए: विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध के सिद्धांत के अनुसार, भारत का सीमित परमाणु शस्त्रागार पाकिस्तान या चीन द्वारा प्रतिक्रियावादी निर्माण को भड़काने से बचाता है।
  • परमाणु संयम को बढ़ावा देना: भारत की स्पष्ट NFU नीति क्षेत्र में परमाणु संयम को बढ़ावा देती है, उत्तरदायी परमाणु व्यवहार के लिए एक मानक स्थापित करती है और आकस्मिक  परमाणु हमलों की संभावनाओं को कम करती है।
    उदाहरण के लिए: परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी परमाणु सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • कूटनीतिक जुड़ाव को प्रोत्साहित करना: सिद्धांत का ध्यान आक्रामकता के बजाय प्रतिरोध पर है, जो कूटनीतिक जुड़ाव पर जोर देता है, जिससे परमाणु हमले के  खतरे के बिना संवाद करके  संघर्ष समाधान करने का रास्ता बनता है।
    उदाहरण के लिए: परमाणु विश्वास-निर्माण उपायों (CBM) पर पाकिस्तान के साथ भारत की निरंतर वार्ता, क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्थाओं का समर्थन करना: भारत का परमाणु सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार प्रयासों के साथ संरेखित है, वैश्विक पहलों का समर्थन करता है जो परमाणु प्रसार के जोखिम को कम करते हैं और एक स्थिर क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण में योगदान करते हैं।
    उदाहरण के लिए: निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत की सक्रिय भागीदारी, वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के साथ संरेखित है।
  • बाहरी हस्तक्षेप को रोकना: सिद्धांत की विश्वसनीय निवारक क्षमता बाहरी शक्तियों को दक्षिण एशियाई संघर्षों में हस्तक्षेप करने से रोकती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि क्षेत्रीय मुद्दों को बाहरी परमाणु दबावों के बिना स्थानीय रूप से प्रबंधित किया जाता है।
    उदाहरण के लिए: रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी, इसकी परमाणु निवारक नीति और क्षेत्रीय स्थिरता का समर्थन करती है।

भारत का परमाणु सिद्धांत इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का आधार बना हुआ है, जो तेजी से विकसित हो रहे भू-राजनीतिक परिदृश्य में एक स्थिर ढाँचा प्रदान करता है। वैश्विक और क्षेत्रीय गतिशीलता में बदलाव के साथ, विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध और ‘नो फर्स्ट यूज’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करती है। प्रौद्योगिकी, गठबंधनों और रक्षा क्षमताओं में भविष्य की वृद्धि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.