Q. ‘सैन्य मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को अपनाना भारत के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ एवं अवसर दोनों प्रस्तुत करता है।’ इस कथन के आलोक में, विश्लेषण कीजिये कि भारत सुरक्षा में जिम्मेदार AI उपयोग की वैश्विक माँग के साथ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यताओं को कैसे संतुलित कर सकता है? (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • सैन्य मामलों में AI को अपनाने में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
  • सैन्य मामलों में AI को अपनाने में भारत के समक्ष आने वाले अवसरों का परीक्षण कीजिए।
  • परीक्षण कीजिए कि, भारत रक्षा क्षेत्र में AI के जिम्मेदार उपयोग की वैश्विक माँग के साथ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यताओं को किस प्रकार संतुलित कर सकता है।
  • आगे की राह लिखिए।

 

उत्तर:

सैन्य मामलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को अपनाने से राष्ट्रीय सुरक्षा, युद्ध दक्षता और रणनीतिक निर्णय लेने की क्षमता को उन्नत करने के अपार अवसर उपलब्ध होंगे। जैसे-जैसे वैश्विक सेनाएँ, AI तकनीकों को एकीकृत कर रही हैं, भारत निगरानी, सटीक लक्ष्यीकरण और स्वायत्त प्रणालियों के लिए AI के उपयोग पर कार्य कर रहा है। नैतिक AI तैनाती की आवश्यकता के साथ इन प्रगति को संतुलित करना जिम्मेदार रक्षा नवाचार के लिए महत्वपूर्ण है।

सैन्य मामलों में AI को अपनाने में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ

  • तकनीकी अवसंरचना में कमियाँ: भारत में AI अवसंरचना अभी भी विकसित हो रही है, जिससे सैन्य अनुप्रयोगों में AI का पूर्ण उपयोग करने की इसकी क्षमता सीमित हो गई है। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका और चीन जैसी वैश्विक शक्तियों की तुलना में सीमित AI अनुसंधान सुविधाएँ, रक्षा में AI की तैनाती को बढ़ाने की भारत की क्षमता को चुनौती देती हैं।
  • AI एकीकरण की उच्च लागत: मौजूदा सैन्य ढाँचे में AI सिस्टम को एकीकृत करने के लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होती है, जो रक्षा बजट पर दबाव डाल सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: ड्रोन जैसी AI-संचालित लड़ाकू प्रणालियों को विकसित करना और तैनात करना लागत के दृष्टिकोण से निषेधात्मक हो सकता है, जिससे इसके व्यापक पैमाने पर अपनाए जाने की संभावना सीमित हो जाती है।
  • साइबर सुरक्षा खतरे: AI सिस्टम, साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों ने AI-सक्षम रक्षा प्रणालियों को लक्षित करने वाले साइबर हमलों में वृद्धि की सूचना दी है, जिससे डेटा सुरक्षा और AI अखंडता पर चिंता बढ़ गई है।
  • नैतिक और कानूनी दुविधाएँ: घातक हथियारों में AI का उपयोग नैतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है, जिसमें युद्ध में स्वायत्त निर्णय लेने की चिंताएँ भी शामिल हैं। 
    • उदाहरण के लिए: अंतरराष्ट्रीय  मंचों पर, घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों (LAWS) पर होने वाली चर्चा, भारत के समक्ष मौजूद नैतिक दुविधाओं को दर्शाती है जिसका सामना AI की प्रगति और जिम्मेदार उपयोग के बीच संतुलन बनाने में करना पड़ता है।
  • कुशल कार्यबल की कमी: भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में कुशल AI पेशेवरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है , जिससे AI को अपनाने में कमी आ रही है। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय सशस्त्र बलों ने AI विशेषज्ञता विकसित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी शुरू की है, परंतु इन प्रयासों को आगे बढ़ाना एक चुनौती बनी हुई है।

सैन्य मामलों में AI को अपनाने में भारत के लिए अवसर

  • उन्नत इंटेलिजेंस, निगरानी और सैनिक परीक्षण (ISR): AI, खुफिया जानकारी और निगरानी के लिए रियलटाइम डेटा प्रसंस्करण में काफी सुधार कर सकता है, जिससे युद्ध के मैदान की सटीक जानकारी मिल सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट संजय के माध्यम से ISR में AI के उपयोग की शुरुआत की है, जो स्थितिजन्य जागरूकता और परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए निगरानी प्रणालियों को एकीकृत करने पर केंद्रित है।
  • बेहतर लक्ष्य निर्धारण सटीकता: AI, लक्ष्य निर्धारण सटीकता को बेहतर बनाने, संपार्श्विक क्षति को कम करने और युद्ध दक्षता को बढ़ाने में सहायता कर सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत के DRDO ने AI-संचालित स्वायत्त ड्रोन विकसित किए हैं, जो लक्षित हमलों को बेहतर बनाते हैं और उच्च जोखिम वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों में संचालन को अधिक बेहतर बनाते हैं।
  • AI-संचालित स्वायत्त प्रणालियाँ: AI-सक्षम स्वायत्त ड्रोन और रोबोटिक प्रणालियाँ सीमा निगरानी और बारूदी सुरंगों को हटाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर सकती हैं , जिससे मानव जोखिम कम हो सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा AI-संचालित मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) का भारत द्वारा विकास, रक्षा में स्वायत्त प्रणालियों को एकीकृत करने की देश की क्षमता को दर्शाता है।
  • तेज निर्णय लेना: AI एल्गोरिदम बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं, जिससे युद्ध क्षेत्र में तेजी से निर्णय लेने में मदद मिलती है और कमांड प्रतिक्रिया समय में सुधार होता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय सशस्त्र बल AI-संचालित कमांड सेंटर पर कार्य कर रहे हैं जो रियलटाइम युद्धक्षेत्र विश्लेषण को सक्षम करते हैं, जिससे परिचालन प्रतिक्रियाओं में सुधार होता है।
  • सिमुलेशन और परिदृश्य नियोजन: AI युद्ध के मैदान के परिदृश्यों का अनुकरण कर सकता है, जिससे सैन्य नेतृत्वकर्ताओं को रणनीति विकास के लिए उन्नत पूर्वानुमान विश्लेषण मिल सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले AI-आधारित सिमुलेशन, नौसैनिक युद्ध परिदृश्यों की योजना बनाने, तत्परता और परिचालन रणनीतियों में सुधार करने में मदद करते हैं।

जिम्मेदार AI उपयोग की वैश्विक माँग के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को संतुलित करना

  • AI के उपयोग पर वैश्विक मानदंडों का पालन करना: भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाते हुए, जिम्मेदार AI उपयोग पर वैश्विक मानदंडों के साथ तालमेल सुनिश्चित करना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: संयुक्त राष्ट्र महासभा में, भारत संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए AI-संचालित घातक प्रणालियों की नैतिक तैनाती पर चर्चा का समर्थन करता है ।
  • वैश्विक संस्थाओं के साथ सहयोग: REAIM जैसे अंतरराष्ट्रीय  निकायों के साथ जुड़ने से भारत को वैश्विक AI विनियमों के निर्माण में योगदान करते हुए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यताओं को बनाए रखने में मदद मिलती है । 
    • उदाहरण के लिए: REAIM 2024 जैसे शिखर सम्मेलनों में भारत की भागीदारी उसके रक्षा हितों को आगे बढ़ाते हुए जिम्मेदार AI के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • स्वायत्त प्रणालियों में मानवीय निगरानी सुनिश्चित करना: नैतिक उल्लंघनों से बचने के लिए AI-संचालित स्वायत्त हथियार प्रणालियों में मानवीय निगरानी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत का DRDO यह सुनिश्चित करता है कि AI-सक्षम ड्रोन और स्वायत्त प्रणालियों में मैन्युअल ओवरराइड विकल्प हों, जो मानव-केंद्रित AI के लिए वैश्विक आह्वान के साथ संरेखित हो।
  • पारदर्शिता के साथ AI का विकास: सैन्य अनुप्रयोगों में नैतिक और जवाबदेह उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भारत को पारदर्शी AI विकास प्रथाओं को अपनाना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: रक्षा मंत्रालय (MoD), AI-संचालित सैन्य कार्यक्रमों में पारदर्शिता पर जोर देता है जिससे घरेलू और वैश्विक दोनों नियमों का अनुपालन सुनिश्चित होता है ।
  • AI और मानवाधिकार चिंताओं में संतुलन: एक जिम्मेदार लोकतंत्र के रूप में, भारत को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि युद्ध में AI का उपयोग, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए किया जाये। 
    • उदाहरण के लिए: नीति आयोग द्वारा विकसित ‘रक्षा में AI’ (AI in Defence) पर भारत की मसौदा नीति, वैश्विक मानवीय मानदंडों के साथ तकनीकी प्रगति को संतुलित करने पर केंद्रित है।

आगे की राह 

  • AI अनुसंधान और विकास में निवेश: भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए AI अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाना चाहिए । 
    • उदाहरण के लिए: मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए AI-संचालित सैन्य नवाचार पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं ।
  • साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना: भारत को बाहरी खतरों से AI-सक्षम प्रणालियों की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2020, साइबर हमलों से सैन्य संपत्तियों की सुरक्षा के लिए AI रक्षा प्रोटोकॉल को एकीकृत कर सकती है ।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी का निर्माण: AI क्षेत्र में निजी कंपनियों के साथ सहयोग करने से रक्षा में नवाचार और तैनाती में तेजी आ सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: भारतीय सशस्त्र बलों ने AI-आधारित निगरानी और लड़ाकू तकनीक विकसित करने के लिए कई स्टार्टअप के साथ भागीदारी की है।
  • प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देना: रक्षा क्षेत्र में AI प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार, कार्यबल की तत्परता के लिए महत्वपूर्ण है। 
    • उदाहरण के लिए: DRDO और नीति आयोग की पहल, सैन्य कर्मियों को AI और मशीन लर्निंग तकनीकों में प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है।
  • अंतरराष्ट्रीय  सहयोग को बढ़ावा देना: भारत को रक्षा क्षेत्र में नैतिक AI तैनाती सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय  सहयोग में शामिल होना चाहिए।

सैन्य मामलों में AI को अपनाना, भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। वैश्विक नैतिक मानदंडों का पालन करते हुए AI नवाचारों को आगे बढ़ाकर भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ा सकता है। भविष्य में अनुसंधान एवं विकास, साइबर सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय  सहयोग में रणनीतिक निवेश की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 21वीं सदी के लिए देश की सैन्य क्षमताओं को आकार देने में AI का जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.