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Q. अपनी वैश्विक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए भारत द्वारा अफ्रीका के साथ साझेदारी के महत्व को स्पष्ट करें। भारत-अफ्रीका संबंधों को और गहरा बनाने एवं उसके समक्ष आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करें। अपने उत्तर के समर्थन में उदाहरण भी प्रदान करें।(250 शब्द, 15 अंक)

Answer:

दृष्टिकोण:

  • भूमिका: भारत और अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के महत्व को बताते हुए अपने उत्तर की शुरुआत करें, फिर भारत की वैश्विक आकांक्षाओं के संदर्भ में इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित करें।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    • बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार पर प्रकाश डालते हुए आर्थिक पहलू पर चर्चा से शुरुआत करें।
    • उन लॉजिस्टिक और कनेक्टिविटी मुद्दों पर चर्चा करें जो व्यापार और आर्थिक जुड़ाव में बाधा बन सकते हैं।
    • सहयोग के संभावित क्षेत्रों, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा के बारे में बात करें।
    • व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के महत्व पर चर्चा करें।
  • निष्कर्ष: भारत की वैश्विक आकांक्षाओं के लिए भारत-अफ्रीका साझेदारी के महत्व पर जोर देते हुए निष्कर्ष लिखें।

भूमिका:

भारत और अफ्रीका अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ एक गहरा और बहुआयामी संबंध साझा करते हैं। वैश्विक मंच पर इस महाद्वीप के उभरते महत्व को देखते हुए अफ्रीका के साथ साझेदारी का महत्व भारत की वैश्विक आकांक्षाओं के साथ संबंधित है। यह रिश्ता आपसी सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ से प्रेरित है जोवसुधैव कुटुंबकमके भारतीय दर्शनविश्व  एक परिवार हैद्वारा निर्देशित है।

मुख्य भाग:

भारतअफ्रीका साझेदारी का महत्व:

  • व्यापार और आर्थिक विकास
    • भारत और अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। वर्ष 2030 तक व्यापार  को दोगुना कर 200 बिलियन डॉलर तक करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।
    • अफ्रीका अपने समृद्ध संसाधनों और युवा आबादी के साथ, भारतीय उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण बाजार और निवेश के अवसर उपलब्ध कराता है।
  • सामरिक महत्व:
    • भारत और अफ्रीका विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं, और वे संयुक्त रूप से ग्लोबल साउथ के हितों की वकालत करते हैं।
    • साथ में वे वैश्विक मानदंडों और निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं (खासकर बहुपक्षीय मंचों पर)
  • प्रौद्योगिकी और कौशल हस्तांतरण
    • प्रौद्योगिकी और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में भारत की उन्नति के कारण आर्थिक क्षमताओं में सुधार करने और दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की गुंजाइश है।
  • सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
    • यह रिश्ता महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के युग से चले रहे मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों से और भी मजबूत हुआ है।

भारतअफ्रीका संबंधों को गहरा बनाने में चुनौतियाँ:

  • तार्किक मुद्दे
    • भौगोलिक दूरी और अपर्याप्त कनेक्टिविटी से आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करने में चुनौती आती है।
    • रोडवेज, रेलवे और बंदरगाहों जैसे लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में और सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
  • अन्य राष्ट्रों के साथ प्रतिस्पर्धा:
    • अफ्रीका के लिए कई वैश्विक शक्तियों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
    • चीन जैसे देशों ने अफ्रीका में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।
  • आर्थिक सीमाएँ
    • भारत, अफ्रीकी देशों को आर्थिक सहायता प्रदान करता रहा है, उसकी प्रतिबद्धताएँ अक्सर उसकी अपनी आर्थिक सीमाओं के कारण बाधित होती हैं।

संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के अवसर:

  • नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग:
    • भारत और अफ्रीका दोनों देशों में नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
    • यह सहयोगवन वर्ल्ड, वन ग्रिडके सपने को पूरा कर सकता है।
  • स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्युटिकल क्षेत्र
  • कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर प्रकाश डाला है।
    • भारत, जिसे दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है, अफ्रीका के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA):
    • व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीकी देशों के सन्दर्भ में इनका उपयोग किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

तेजी से वैश्वीकृत हो रही दुनिया में, अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी उसकी वैश्विक आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। हालाँकि इसमें चुनौतियाँ विद्यमान हैं लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और व्यापार जैसे क्षेत्रों से सम्बंधित अवसर साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इन अवसरों का लाभ उठाकर ही भारत अफ्रीका के वैश्विक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, साथ ही अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को भी आगे बढ़ा सकता है।

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