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उत्तर:
दृष्टिकोण:
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परिचय:
संवैधानिक नैतिकता का तात्पर्य किसी देश के संविधान में निहित सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति व्यक्तियों, संस्थानों और सरकारों के पालन से है। यह मान्यता है कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, और सभी नागरिकों और संस्थानों को इसके प्रावधानों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें कायम रखना चाहिए।
मुख्य विषयवस्तु:
लोकतांत्रिक समाज के कामकाज के लिए संवैधानिक नैतिकता को कायम रखना आवश्यक है, ऐसा इसलिए है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि कानून का शासन कायम रहे और नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा हो।
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे कोई संवैधानिक नैतिकता को कायम रख सकता है:
संवैधानिक नैतिकता को कायम रखने के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:
निष्कर्ष:
इस प्रकार ये उदाहरण बताते हैं कि नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की सुरक्षा तथा लोकतांत्रिक समाज के कामकाज के लिए संवैधानिक नैतिकता को अनुरक्षित करना कितना आवश्यक है। यह इस विश्वास को दर्शाता है कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है और सभी नागरिकों और संस्थानों द्वारा इसका सम्मान किया जाना चाहिए और इसे बरकरार रखा जाना चाहिए।
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