//php print_r(get_the_ID()); ?>
उत्तर:
दृष्टिकोण:
|
प्रस्तावना:
भारत में मवेशियों की देशी नस्लें, जो अपनी शक्ति और सहनशीलता के साथ-साथ लचीलेपन के लिए जानी जाती हैं, इनकी संख्या में गिरावट हो रही हैं। यह गिरावट न केवल कृषि विविधता को प्रभावित कर सकती है बल्कि ग्रामीण आजीविका की स्थिरता के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है। इनके कारणों को समझना और इनके संरक्षण के लिए प्रभावी उपाय लागू करना जरूरी है।
मुख्य विषयवस्तु:
देशी नस्लों के मवेशियों की संख्या में कमी होने के कारण:
देशी नस्लों के संरक्षण के उपाय:
निष्कर्ष:
भारत में मवेशियों की देशी नस्लों का संरक्षण एक बहुआयामी चुनौती है जिसके लिए विभिन्न हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। जबकि इस क्षेत्र कमी क्रॉसब्रीडिंग, आर्थिक व्यवहार्यता और अपर्याप्त प्रबंधन जैसे कारकों से प्रेरित है। सरकार द्वारा किए गए उपाय, जैसे कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय डेयरी योजना- I, एक ठोस प्रतिक्रिया देते हैं। इन प्रयासों को जारी रखने और स्वदेशी नस्लों के लिए समर्थन बढ़ाने से न केवल इन मूल्यवान आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण होगा बल्कि भारत में ग्रामीण आजीविका और कृषि विविधता की स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Scheme to Promote Manufacturing of Electric Passen...
Ladakh’s New Rules on Quota, Domicile and Hill C...
First Fusion-Fission Hybrid Reactor: China Unveils...
Legislatures Enacting Laws Not Contempt of Court: ...
ICRISAT Centre of Excellence for South-South Coope...
World Air Transport Summit 2025 Key Highlights
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments