Q. वैश्विक AI प्रतिस्पर्द्धा (Global AI Race) शक्ति संतुलन को सैन्य शक्ति से एल्गोरिदम आधारित प्रभुत्व में परिवर्तित कर रही है, जिससे 'डिजिटल कोल्ड वार' की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण कीजिए कि कैसे AI और AGI उन्नति वैश्विक भू-राजनीति को नया रूप दे रही है एवं सुझाव दीजिये कि भारत को अपनी तकनीकी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए कौन से रणनीतिक उपाय अपनाने चाहिए। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • ‘डिजिटल शीत युद्ध’ के उद्भव पर चर्चा कीजिए क्योंकि वैश्विक AI होड़, शक्ति संतुलन को सैन्य शक्ति से एल्गोरिदमिक प्रभुत्व में स्थानांतरित कर रही है।
  • विश्लेषण कीजिए कि कैसे AI और AGI में होने वाली प्रगति वैश्विक भूराजनीति को सकारात्मक रूप से नया रूप दे रही है।
  • विश्लेषण कीजिए कि कैसे AI और AGI में होने वाली प्रगति, वैश्विक भूराजनीति को नकारात्मक रूप से परिवर्तित रही है।
  • भारत को अपनी प्रौद्योगिकीय प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए कौन से रणनीतिक उपाय अपनाने चाहिए, इसका सुझाव दीजिए।

उत्तर

मशीनों द्वारा मानव बुद्धि का अनुकरण अर्थात् कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI), मानव द्वारा किए जा सकने वाले किसी भी बौद्धिक कार्य को करने में सक्षम मशीनों का विकास, वैश्विक भू-राजनीति में क्रांति ला रहे हैं। राष्ट्र, AI-संचालित प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश कर रहे हैं, जिससे ‘डिजिटल शीत युद्ध’ जैसी प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है, जहाँ एल्गोरिदम में प्रभुत्व पारंपरिक सैन्य शक्ति को पीछे छोड़ देता है।

Enroll now for UPSC Online Course

‘डिजिटल शीत युद्ध’ का उदय

  • सैन्य से एल्गोरिदमिक प्रभुत्व की ओर बदलाव: वैश्विक AI होड़, पारंपरिक सैन्य शक्ति पर
    डेटा नियंत्रण और कम्प्यूटेशनल संसाधनों पर जोर देती है, जो वैश्विक प्रभाव को पुनः परिभाषित करती है।

    • उदाहरण के लिए: चीन के Qwen 2.5 और डीपसीक ने अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती दी है, यह दर्शाता है कि कैसे AI सफलताएँ, अब भू-राजनीतिक शक्ति गतिशीलता के लिए केंद्रीय हैं।
  • महाशक्तियों के बीच AI हथियारों की दौड़: अमेरिका और चीन, उन्नत AI मॉडल में भारी निवेश कर रहे हैं जिससे शीत युद्ध के परमाणु हथियारों की दौड़ जैसी रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता उत्पन्न हो रही है। 
    • उदाहरण के लिए: US CHIPS अधिनियम का उद्देश्य चीन की सेमीकंडक्टर तक पहुँच  को प्रतिबंधित करना है, जो AI विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो एल्गोरिदम-संचालित प्रतिस्पर्धा को उजागर करता है।
  • AI का आर्थिक हथियारीकरण: राष्ट्र, आर्थिक प्रभुत्व के लिए AI का लाभ उठा रहे हैं और वैश्विक बाजारों में प्रभाव के लिए फिनटेक, स्वास्थ्य सेवा व रक्षा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका और चीन में AI-आधारित व्यापार निगरानी प्रणालियों का उपयोग वैश्विक स्तर पर आर्थिक और आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  • डिजिटल साम्राज्यों का उदय: OpenAI, टेनसेंट और हुआवेई जैसी टेक कंपनियाँ गैर-राज्य अभिकर्ताओं के रूप में कार्य करती हैं, जो तकनीकी नवाचारों के माध्यम से भू-राजनीतिक शक्ति परिवर्तन में योगदान देती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: हुआवेई का AI-संचालित 5G बुनियादी ढाँचा, डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे निर्भरताएँ बनती हैं जो वैश्विक गठबंधनों को प्रभावित करती हैं।
  • निगरानी और साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: AI-संचालित निगरानी उपकरण, जैसे कि फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, राष्ट्रों द्वारा शक्ति प्रदर्शित करने और असहमति को नियंत्रित करने के तरीके को बदल रही हैं। 
    • उदाहरण के लिए: चीन की सोशल क्रेडिट प्रणाली नागरिकों के व्यवहार की निगरानी करने के लिए AI का उपयोग करती है, जिससे व्यक्तियों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ता है और इसका भू-राजनीतिक आख्यान  प्रभावित होता है।

AI और AGI में होने वाली प्रगति, वैश्विक भूराजनीति को सकारात्मक रूप से नया आकार दे रही है

  • वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना: AI जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों पर सहयोग को बढ़ावा देता है, जिससे राष्ट्र सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्नत प्रणालियों को लागू करने के लिए एकजुट होते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: Microsoft द्वारा AI for Earth कार्यक्रम का उपयोग वैश्विक स्तर पर वनों की कटाई और जल की कमी से निपटने के लिए किया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी को दर्शाता है।
  • स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों की उन्नति: AI, पूर्वानुमानित विश्लेषण और वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं में सफलता को सक्षम बनाता है व महामारी और चिकित्सा संकटों के लिए तेज़ समाधान प्रदान करता है। 
    • उदाहरण के लिए: COVID-19 महामारी के दौरान AI-संचालित उपकरणों ने प्रकोप के रुझानों की भविष्यवाणी की तथा नीतिगत निर्णयों और वैक्सीन वितरण रणनीतियों में सहायता की।
  • वैश्विक आर्थिक विकास को गति देना: प्रक्रियाओं को स्वचालित करके और दक्षता में सुधार करके, AI सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिससे विकासशील और विकसित देश समान रूप से लाभान्वित होते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से भारत द्वारा कृषि में AI को अपनाने से फसल की उपज के पूर्वानुमान में सुधार हुआ है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
  • बेहतर आपदा प्रबंधन: विशाल डेटासेट का विश्लेषण करने की AI की क्षमता, प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने और उन्हें कम करने में सहायता करती है, जिससे वैश्विक प्रत्यास्थता सुनिश्चित होती है। 
    • उदाहरण के लिए: संयुक्त राष्ट्र के AI-संचालित सैटेलाइट सिस्टम, बाढ़ जैसी जलवायु-प्रेरित आपदाओं की निगरानी करते हैं औरप्रारंभिक चेतावनी देकर लोगों का  जीवन बचाते हैं।
  • छोटे देशों को सशक्त बनाना: उन्नत AI उपकरण छोटे देशों को शासन, रक्षा क्षमताओं और आर्थिक दक्षता में सुधार करके, वैश्विक भू-राजनीति में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: AI द्वारा संचालित एस्टोनिया की ई-गवर्नेंस प्रणाली ने प्रशासनिक पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करते हुए वैश्विक स्तर पर मानक स्थापित किए हैं।

वैश्विक भूराजनीति पर AI और AGI में होने वाली प्रगति का नकारात्मक प्रभाव

  • भू-राजनीतिक असमानता में वृद्धि: उन्नत AI, कुछ ही देशों में केंद्रित है, जो विकासशील देशों को हाशिए पर डाल रहा है, तकनीकी विभाजन को गहरा कर रहा है, और AI के अल्पाधिकार का निर्माण कर रहा है।
    • उदाहरण के लिए: केवल अमेरिका, चीन और कुछ यूरोपीय देशों जैसे देश ही AI पेटेंट फाइलिंग के मामले में प्रभुत्व हासिल कर रहे हैं, जिससे छोटी अर्थव्यवस्थाएँ उनकी तकनीक पर निर्भर हो सकती हैं।
  • AI का शस्त्रीकरण: AI-संचालित स्वायत्त हथियार और साइबर युद्ध उपकरण, संघर्षों के जोखिम को बढ़ाते हैं, वैश्विक सुरक्षा को कमजोर करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: आर्मेनिया-अज़रबैजान संघर्ष में इस्तेमाल किए गए AI-सक्षम ड्रोन हमलों ने स्वायत्त हथियारों के नैतिक उपयोग के संबंध में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
  • आर्थिक विस्थापन और व्यापार युद्ध: AI-संचालित ऑटोमेशन को अपनाने वाले राष्ट्रों में लोगों के लिए उपलब्ध नौकरियों की संख्या कम हो रही है जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और संरक्षणवादी नीतियों के कारण व्यापार संघर्ष शुरू हो जाते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तेज हो गया क्योंकि दोनों देश AI विकास के लिए महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उत्पादन में प्रभुत्व चाहते थे।
  • गोपनीयता और डिजिटल संप्रभुता का क्षरण: AI निगरानी उपकरण सरकारों को आबादी को नियंत्रित करने, सत्तावादी शासन और सीमा पार डेटा जासूसी को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: उइगर आबादी की निगरानी के लिए चीन द्वारा AI-संचालित फेशियल रिकॉग्निशन के उपयोग ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार चिंताओं को जन्म दिया है।
  • नैतिक और विनियामक विखंडन: राष्ट्रों के बीच अलग-अलग AI नीतियां, एक विखंडित वैश्विक ढाँचा बनाती हैं, जो सहयोग को रोकती हैं और सीमा पार प्रौद्योगिकियों में अविश्वास को बढ़ावा देती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: यूरोपीय संघ का सख्त AI अधिनियम, चीन के अधिक अनुमेय दृष्टिकोण के विपरीत है, जो अंतर्राष्ट्रीय AI अंतरसंचालनीयता और सहयोग को सीमित करता है।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

तकनीकी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए भारत को रणनीतिक उपाय अपनाने चाहिए

  • नैतिक AI विकास पर ध्यान केंद्रित करना: सुरक्षित और नैतिक AI उपयोग के लिए नियम विकसित करने से तकनीकी कूटनीति में अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता और नेतृत्व सुनिश्चित होता है। 
    • उदाहरण के लिए: नीति आयोग की AI फॉर ऑल पहल समावेशी और नैतिक AI तैनाती पर बल देती है, जिससे निष्पक्ष प्रौद्योगिकी उपयोग सुनिश्चित होता है।
  • AI रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करना: भारत को AI-विशिष्ट अनुसंधान केंद्रों में निवेश करना चाहिए और स्वदेशी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक-उद्योग साझेदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत गुजरात सरकार द्वारा की गई पहल I-Hub जैसे संस्थानों की स्थापना ने AI विकास में स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा दिया है।
  • सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देना: सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, AI विकास के लिए विदेशी देशों पर निर्भरता कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत सरकार की PLI योजना का उद्देश्य घरेलू चिप विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करना है, जो AI इंफ्रास्ट्रक्चर का एक मुख्य घटक है।
  • AI प्रतिभा पूल का विकास करना: AI इंजीनियरों और डेटा वैज्ञानिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, AI डोमेन में प्रतिभा की कमी को दूर कर सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: स्किल इंडिया AI प्रमाणन जैसे कार्यक्रम, युवा पेशेवरों को विभिन्न उद्योगों में AI और बिग डेटा एनालिटिक्स को लागू करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं, जो भारत की AI उन्नति में योगदान करते हैं।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देना: प्रौद्योगिकी दिग्गजों और स्टार्टअप के साथ सहयोग करके अभिनव AI परियोजनाओं के लिए संसाधनों को बढ़ाया जा सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भारत सरकार के साथ साझेदारी की है, जो आयुष्मान भारत जैसी सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं में AI समाधानों को एकीकृत करती है।

नवाचार और सहयोग को अपनाकर भारत डिजिटल शीत युद्ध के बीच AI-संचालित विकास का लाभ उठा सकता है। अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, कुशल प्रतिभाओं में निवेश करना और रणनीतिक साझेदारी बनाना तकनीकी प्रत्यास्थता सुनिश्चित करता है। नैतिक एल्गोरिदम का मार्ग प्रशस्त करना, भविष्य की ओर अग्रसर भारत को बढ़ावा देता है  जो AI में वैश्विक नेतृत्व के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करता है। 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.