Q. भारत का स्वास्थ्य सेवा परिवर्तन सीमित बुनियादी ढाँचे से वैश्विक चिकित्सा केंद्र बनने तक महत्त्वूर्ण रूप से विकसित हुआ है। स्वास्थ्य सेवा में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में 'हील इन इंडिया' (Heal in India) और 'हील बाय इंडिया' (Heal by India) जैसी पहलों के प्रभाव का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए एवं स्पष्ट कीजिए कि इस दृष्टिकोण को और मजबूत करने के लिए कौन से नीतिगत उपाय किए जा सकते हैं? (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • इस बात पर प्रकाश डालिए कि किस प्रकार भारत का स्वास्थ्य देखभाल परिवर्तन, सीमित बुनियादी ढाँचे से लेकर वैश्विक चिकित्सा केंद्र बनने तक महत्त्वपूर्ण रूप से विकसित हुआ है।
  • स्वास्थ्य देखभाल में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में ‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाय इंडिया’ जैसी पहलों के सकारात्मक प्रभाव का विश्लेषण कीजिए।
  • स्वास्थ्य देखभाल में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में उनकी कमियों का विश्लेषण कीजिए।
  • ऐसे अन्य नीतिगत उपायों का उल्लेख कीजिए, जो इस दृष्टिकोण को सुदृढ़ बना सकते हैं।

उत्तर

भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, जो वर्ष 2026 तक चिकित्सा पर्यटन में 13 बिलियन डॉलर तक पहुँचने के लिए तैयार है, वैश्विक चिकित्सा केंद्र बनने में हुए इसके परिवर्तन को दर्शाता है। केंद्रीय बजट 2025-26 बुनियादी ढाँचे, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर देकर पहलों को और सुविधाजनक बनाता है, जिससे अधिक प्रत्यास्थ और अभिनव स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त होता है।

Enroll now for UPSC Online Course

स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भारत में हुआ परिवर्तन सीमित बुनियादी ढाँचे से वैश्विक चिकित्सा केंद्र बनने तक पर्याप्त रूप से विकसित हुआ है

  • चिकित्सा अवसंरचना का विस्तार: भारत ने 1980 के दशक से अपनी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार किया है और सीमित अवसंरचना से एक अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उन्नत अस्पतालों में हुए परिवर्तन को प्रदर्शित किया है। 
    • उदाहरण के लिए: अपोलो अस्पताल में प्रोटॉन थेरेपी की शुरुआत, कैंसर के उपचार में एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने ऑस्ट्रेलिया और UK जैसे देशों से रोगियों को आकर्षित किया।
  • चिकित्सा शिक्षा के अवसरों में वृद्धि: देश में अब अधिक स्वास्थ्य पेशेवर तैयार हो रहे हैं। भारत में अगले पाँच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने की योजना है, जिससे स्वास्थ्य सेवा वितरण में वृद्धि होगी। 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2014 और 2024 के बीच, भारत का डॉक्टर-से-जनसंख्या अनुपात 1:1674 से बढ़कर 1:836 (NMC डेटा) हो गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1:1,000 के मानक को पार कर गया है।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी में वृद्धि: सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग ने भारत को स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों के कुशल प्रबंधन और विश्व स्तरीय देखभाल प्रदान करने में सक्षम बनाया है। 
    • उदाहरण के लिए: टाटा मेमोरियल सेंटर और सरकार के बीच साझेदारी के परिणामस्वरूप सस्ते और अत्याधुनिक कैंसर उपचार संयंत्रों की स्थापना हुई है।
  • गुणवत्तापूर्ण देखभाल के लिए वैश्विक मान्यता: भारत किफायती, उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपचार की माँग करने वाले अंतरराष्ट्रीय रोगियों के लिए एक गंतव्य बन गया है। 
    • उदाहरण के लिए: ‘हील इन इंडिया’ पहल ने वीजा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है और अस्पताल के बुनियादी ढाँचे को उन्नत किया है, जिससे भारत चिकित्सा पर्यटन के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
  • किफायती स्वास्थ्य समाधान: भारत द्वारा लागत-प्रभावी देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने से गंभीर और जानलेवा बीमारियों का उपचार किफायती हो गया है, जो वैश्विक स्तर के रोगियों को आकर्षित कर रहा है। 
    • उदाहरण के लिए: कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के उपचार सहित 36 जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क छूट ने स्वास्थ्य देखभाल की लागत को काफी कम कर दिया है।

‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाय इंडिया’ जैसी पहलों का सकारात्मक प्रभाव भारत को स्वास्थ्य देखभाल में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में सहायक रहा है।

  • चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिला: ‘हील इन इंडिया’ पहल ने अस्पताल के बुनियादी ढाँचे को उन्नत करके और चिकित्सा वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाकर अंतरराष्ट्रीय रोगियों को आकर्षित किया है, जिससे भारत के चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। 
    • उदाहरण के लिए: ‘हील इन इंडिया’ के तहत ई-मेडिकल वीजा की शुरुआत ने विदेशी रोगियों की संख्या में वृद्धि की है, जिसने भारत के 6 बिलियन डॉलर के चिकित्सा पर्यटन बाजार में योगदान दिया है।
  • वैश्विक कार्यबल की तैनाती: ‘हील बाय इंडिया’ भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को विदेशों में काम करने के लिए प्रशिक्षित करके वैश्विक स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी को दूर करता है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत होती है। 
    • उदाहरण के लिए: इस पहल के तहत प्रशिक्षित भारतीय नर्सें अब UAE और UK जैसे देशों में काम करती हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में कार्यबल की कमी दूर होती है।
  • स्वास्थ्य सेवा की बेहतर पहुँच: दोनों पहलों से यह सुनिश्चित होता है कि भारत न केवल अंतरराष्ट्रीय रोगियों का इलाज कर पायेगा बल्कि विशेषज्ञ देखभाल तक बेहतर पहुँच प्रदान करने के लिए अपने घरेलू स्वास्थ्य ढाँचे को भी मजबूत करता है। 
    • उदाहरण के लिए: बजट के तहत 200 डे-केयर कैंसर केंद्रों की स्थापना से ग्रामीण आबादी के लिए उन्नत कैंसर उपचार उपलब्ध होता है, जिससे शीघ्र निदान और देखभाल में सुधार होता है।
  • तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन: ये पहल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल स्वास्थ्य पर भारत के बढ़ते फोकस का लाभ उठाती हैं, जो दुनिया भर में अभिनव स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में विकसित AI-संचालित डायग्नोस्टिक टूल, केन्या जैसे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर रोगियों के परिणाम बेहतर हो रहे हैं।
  • आर्थिक और कौशल विकास: नवाचार और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देकर, ये पहल रोजगार उत्पन्न करती हैं, विदेशी निवेश को आकर्षित करती हैं और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: अंतरराष्ट्रीय रोगियों की आमद ने कुशल स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की मांग बढ़ा दी है, जिससे अकेले वित्त वर्ष 24 में संबद्ध स्वास्थ्य सेवाओं में 100,000 से अधिक नौकरियाँ सृजित हुई हैं।

स्वास्थ्य देखभाल में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में आने वाली कमियां

  • मेडिकल टूरिज्म में सीमित गुणवत्ता आश्वासन: जबकि ‘हील इन इंडिया’ अंतरराष्ट्रीय रोगियों को आकर्षित करता है, छोटे अस्पतालों में एकरूपी गुणवत्ता आश्वासन की कमी विश्व स्तरीय देखभाल के एक निरंतर प्रदाता के रूप में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाती है। 
    • उदाहरण के लिए: AIIMS या अपोलो जैसे बड़े अस्पतालों की उत्कृष्टता के बावजूद, टियर-2 शहरों में असंगत उपचार परिणामों और घटिया सुविधाओं की रिपोर्ट मेडिकल पर्यटकों को हतोत्साहित कर सकती है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: प्रगति के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है, जिससे समान पहुँच में बाधा आती है और वैश्विक स्तर पर समग्र स्वास्थ्य सेवा मॉडल पेश करने की भारत की क्षमता प्रभावित होती है। 
    • उदाहरण के लिए: आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों के बावजूद विशेष केंद्रों की अनुपलब्धता के कारण ग्रामीण मरीज अक्सर कैंसर के इलाज के लिए लंबी दूरी तय करते हैं।
  • प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी: ‘हील बाय इंडिया’ पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और निर्यात करने पर ध्यान केंद्रित करता है, लेकिन घरेलू कमी को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं करता है, जिससे भारत की आंतरिक स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने में अंतराल उत्पन्न होता है। 
    • उदाहरण के लिए: WHO के मानदंडों के अनुसार, भारत में 600,000 डॉक्टरों और 2 मिलियन नर्सों की कमी है, जो कार्यबल वितरण में असंतुलन को उजागर करता है।
  • उन्नत उपचार के लिए उच्च उपचार लागत: सीमा शुल्क छूट के बावजूद, प्रोटॉन थेरेपी जैसे उन्नत उपचार महंगे बने हुए हैं, जिससे मध्यम आय वाले रोगियों के लिए उन्नत उपचार कराना महंगा हो जाता है। 
    • उदाहरण के लिए: अपोलो अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए प्रोटॉन थेरेपी की लागत ₹25 लाख से अधिक है, जिससे यह कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रोगियों की पहुँच से बाहर हो जाती है।
  • दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों पर अपर्याप्त ध्यान: हालांकि दवाओं पर सीमा शुल्क छूट एक शुरुआत मात्र है परंतु दुर्लभ बीमारियों के लिए सीमित शोध और वित्तपोषण, वैश्विक स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों का समाधान करने में भारत के नेतृत्व को बाधित करता है। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका जैसे देशों की तुलना में दुर्लभ बीमारी अनुसंधान में भारत का निवेश न्यूनतम है, जहां NIH पर्याप्त अनुदान आवंटित करता है।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

इस दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए आगे के नीतिगत उपाय

  • सभी अस्पतालों के लिए अनिवार्य मान्यता: चिकित्सा पर्यटन की सुविधा प्रदान करने वाले अस्पतालों के लिए NABH या JCI मान्यता लागू करने से निरंतर गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा गंतव्य के रूप में भारत की विश्वसनीयता बढ़ेगी। 
    • उदाहरण के लिए: थाईलैंड जैसे देश चिकित्सा पर्यटन के लिए अस्पताल मान्यता को अनिवार्य बनाते हैं, जिससे यह उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल चाहने वाले रोगियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन जाता है।
  • टेलीमेडिसिन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार: टेलीमेडिसिन में निवेश करने से शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम किया जा सकता है, जिससे दूर से परामर्श संभव हो सकेगा और दुनिया भर में भारत की तकनीक-संचालित स्वास्थ्य सेवा क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा। 
    • उदाहरण के लिए: ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म ने पहले ही 14 करोड़ से ज़्यादा कंसल्टेशन सेशन आयोजित किए हैं, जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की क्षमता को दर्शाता है।
  • समर्पित दुर्लभ रोग अनुसंधान निधि: दुर्लभ रोग अनुसंधान के लिए एक विशिष्ट निधि आवंटित करना और निजी अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना, अभिनव उपचार समाधानों में भारत के नेतृत्व को मजबूत करेगा। 
    • उदाहरण के लिए: जापान की दुर्लभ रोग परियोजना, दवा विकास के लिए सरकारी अनुदान प्रदान करती है, जिससे यह ऑर्फन ड्रग इनोवेशन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन जाता है।
  • वैश्विक संस्थानों के साथ कौशल विकास साझेदारी: उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल स्कूलों के साथ सहयोग करने से ‘हील बाय इंडिया’ पहल के तहत वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर तैयार होंगे। 
    • उदाहरण के लिए: सिंगापुर का नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल भारत के PGIMER के साथ चिकित्सा प्रशिक्षण के लिए साझेदारी करता है, जिससे विशेषज्ञता में सुधार के अवसर मिलते हैं।
  • किफायती उन्नत देखभाल के लिए कर प्रोत्साहन: कम लागत पर उन्नत देखभाल प्रदान करने वाले अस्पतालों के लिए कर प्रोत्साहन शुरू करने से भारत, विदेशी रोगियों के लिए अधिक किफायती और आकर्षक गंतव्य बन सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: AI-आधारित निदान अपनाने वाले अस्पतालों के लिए कर कटौती, परिचालन लागत को कम कर सकती है, जिसका अर्थ है कि रोगियों के लिए शुल्क कम हो सकता है।

भारत की स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बनाने के लिए स्थायी सुधारों और वैश्विक भागीदारी की आवश्यकता है। अत्याधुनिक तकनीक, मजबूत चिकित्सा अवसंरचना और कुशल कार्यबल विकास के साथ ‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाय इंडिया’ को एकीकृत करके, भारत किफायती और अभिनव स्वास्थ्य सेवा में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। समावेशी, परिवर्तनकारी विकास सुनिश्चित करने के लिए “स्वस्थ भारत, वैश्विक नेतृत्वकर्ता” को मार्गदर्शक मंत्र के रूप में अपनाना चाहिए।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.