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Q. वायुराशियों के सामान्य वर्गीकरण का उल्लेख करते हुए वायुराशि निर्माण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

उत्तर:

दृष्टिकोण

  • भूमिका
    • वायु राशि के बारे में संक्षेप में लिखिए।
  • मुख्य भाग
    • वायु राशि निर्माण की प्रक्रिया के बारे में लिखिए।
    • वायु राशियों के सामान्य वर्गीकरण के बारे में लिखिए।
  • निष्कर्ष
    • इस संबंध में उचित निष्कर्ष दीजिए।

 

भूमिका         

वायुराशि वायुमंडल का वह विशाल, विस्तृत एवं घना भाग है जिसकी भौतिक विशेषताओं यथा तापमान एवं आर्द्रता में विभिन्न ऊँचाई पर क्षैतिज दिशा में समरूपता पाई जाती है। भौगोलिक क्षेत्र और उस क्षेत्र की विशिष्ट परिस्थितियाँ जहाँ वायु राशि बनती है, इसकी विशेषताओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं। वायु राशियों के निर्माण और वर्गीकरण को समझना मौसम विज्ञान में महत्वपूर्ण है, जो मौसम प्रणा और जलवायु स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

मुख्य भाग

वायु राशि निर्माण की प्रक्रिया

  • स्रोत क्षेत्र: वायु राशि बड़े, स्थिर क्षेत्रों में बनते हैं जिन्हें स्रोत क्षेत्र कहा जाता है। इसका एक उदाहरण आर्कटिक क्षेत्र है जहाँ महाद्वीपीय ध्रुवीय वायु राशि विकसित होती हैं जो इस ध्रुवीय क्षेत्र में व्याप्त चरम स्थितियों के कारण शीत और शुष्क होती हैं।
  • तापमान और आर्द्रता: स्रोत क्षेत्र की विशिष्ट जलवायु, वायु राशि के तापमान और आर्द्रता स्तर को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, कैरिबियन सागर के ऊपर विकसित होने वाली समुद्री उष्णकटिबंधीय वायु राशि आम तौर पर गर्म होती हैं और उनमें आद्रता की मात्रा अधिक होती है।
  • स्थिरता और अवधि: वे एक विस्तारित अवधि में अपने स्रोत क्षेत्र की विशेषताओं को प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए: दक्षिण एशियाई मानसून को प्रभावित करने वाली समुद्री वायु राशियाँ कई दिनों तक हिंद महासागर के ऊपर स्थिर रहती हैं और भारतीय उपमहाद्वीप की ओर बढ़ने से पहले आद्रता को अवशोषित करती हैं।
  • उच्च दाब प्रणाली: ये प्रणालियाँ, विशेष रूप से ध्रुवीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, वायु राशियों की उत्पत्ति को सुगम बनाती हैं। सर्दियों के दौरान साइबेरियाई उच्च दाब प्रणाली, बहुत शीत और शुष्क वायु राशियों को बढ़ावा देती है जो एशियाई महाद्वीप के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है।
  • मौसमी विविधताएं: मौसम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; जैसे, कनाडा से आने वाली महाद्वीपीय वायुराशियां शीतकाल में स्पष्ट रूप से ठंडी और शुष्क होती हैं, जबकि ग्रीष्मकाल में  गर्म और थोड़ी अधिक आर्द्र , जो उत्तर अमेरिकी मौसम प्रणाली को तदनुसार प्रभावित करता है।
  • सौर विकिरण: इसका वायु राशि के तापमान पर सीधा असर पड़ता है। भूमध्यरेखीय क्षेत्र , जो पूरे वर्ष उच्च सौर विकिरण प्राप्त करते हैं, गर्म और आर्द्र वायु राशि को जन्म देते हैं, जो उष्णकटिबंधीय जलवायु को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, जिससे यह वर्ष के अधिकांश समय गर्म और नम रहता है।
  • स्थलाकृति: किसी क्षेत्र का भौगोलिक लेआउट, जिसमें पहाड़ जैसी आकृतियां शामिल हैं, बनने वाली वायु राशियों को प्रभावित करता हैं। उदाहरण के लिए: रॉकीज़ पर विकसित होने वाले वायु राशि, छाया प्रभाव के कारण विशिष्ट रूप से शुष्क होती हैं और बदलती ऊँचाई के कारण इनके तापमान में काफी भिन्नता होती है।
  • पवन और अभिसरण क्षेत्र: पवन प्रणाली वायु राशियों के निर्माण में सहायता करते हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां विभिन्न वायु राशियां अभिसरित होती हैं, जैसे कि आईटीसीजेड जहां व्यापारिक पवनों का अभिसरण गर्म, आर्द्र वायु राशियों के विकास को बढ़ावा देता है, जो उष्णकटिबंधीय मौसम की स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।

वायु राशियों का सामान्य वर्गीकरण

  • समुद्री उष्णकटिबंधीय (mT): वे अपनी ऊष्म और आर्द्र विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उष्णकटिबंधीय महासागरीय क्षेत्रों से उत्पन्न होते हैं। उदाहरण: मैक्सिको की खाड़ी के ऊपर उत्पन्न वायु राशि, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों के मौसम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • महाद्वीपीय उष्णकटिबंधीय (cT.): ये गर्म होते हुए भी शुष्क होती हैं, जो सहारा रेगिस्तान जैसे रेगिस्तानी इलाकों में बनती हैं। ये राशियां उत्तरी अफ़्रीकी मौसम को बहुत प्रभावित करती हैं , जिससे यह अत्यधिक शुष्क और गर्म हो जाता है। गर्म और शुष्क हवाएँ कभी-कभी रेगिस्तानी धूल को लंबी दूरी तक ले जा सकती हैं
  • समुद्री ध्रुवीय (cP): शीत और आर्द्र, ये वायु राशि उत्तरी अटलांटिक जैसे क्षेत्रों में ठंडे समुद्री जल पर बनती हैं। वे पश्चिमी यूरोपीय जलवायु को प्रभावित करती हैं, ठंडे और नम मौसम पैटर्न लाती हैं, और यूके में अप्रत्याशित मौसम के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
  • महाद्वीपीय ध्रुवीय (cA): ध्रुवीय क्षेत्रों में भूमि क्षेत्रों पर बनने वाली ये ठंडी और शुष्क वायुराशियाँ अक्सर सर्दियों के मौसम में साइबेरिया में उत्पन्न होती हैं। वे पूर्वी एशिया में ठंडे मौसम के पैटर्न को प्रभावित करती हैं, जहाँ सर्दियों के दौरान तापमान में काफी गिरावट आती है।
  • महाद्वीपीय आर्कटिक (cA): आर्कटिक क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली ये वायुराशियाँ अत्यंत कम तापमान के लिए जानी जाती हैं। उत्तरी अमेरिका, विशेष रूप से कनाडा में इनके प्रवेश के कारण बहुत ही शीत परिस्थितियाँ पैदा होती हैं, जिससे चरम सर्दियों का मौसम बनता है, जिसमें तापमान काफ़ी कम होता है।

निष्कर्ष

इन वर्गीकरणों को समझने से मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी करने, मौसम विज्ञानियों को मौसम प्रणाली का सटीक पूर्वानुमान लगाने और विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर जलवायु गतिशीलता को समझने में मदद मिलती है। यह मौसम पूर्वानुमान विज्ञान का सार है, जो इस बात की जानकारी देता है कि विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न मौसम प्रणालियां कैसी होती हैं।

 

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