Q. हालाँकि भारत का वैश्विक प्रभुत्त्व बढ़ रहा है, इसके राजनयिक बुनियादी ढाँचे को महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) में आवश्यक सुधारों की आलोचनात्मक जाँच कीजिये। मानव संसाधन, संरचनात्मक पुनर्गठन और तकनीकी अनुकूलनशीलता पर विशेष जोर देते हुए चर्चा कीजिये। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि होने के बावजूद उसके कूटनीतिक ढाँचे के समक्ष आने वाली गंभीर चुनौतियों का मूल्यांकन कीजिए।
  • एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) में आवश्यक सुधारों का परीक्षण कीजिए।
  • ऐसे सुधारों की कमियों का परीक्षण कीजिए।
  • मानव संसाधन, संरचनात्मक पुनर्गठन और प्रौद्योगीकीय अनुकूलनशीलता पर विशेष बल देते हुए आगे आवश्यक सुधारों पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

भारत के बढ़ते वैश्विक कद के लिए अपने हितों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने हेतु एक सशक्त राजनयिक बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है। विदेश मंत्रालय (MEA) को इन आकांक्षाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए मानव संसाधन, संरचनात्मक पुनर्गठन और प्रौद्योगिकीय अनुकूलनशीलता के संबंध में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना चाहिए। ग्लोबल डिप्लोमेसी इंडेक्स जैसी रिपोर्टें भारत की कूटनीतिक उपस्थिति को उजागर करती हैं, परंतु उभरती वैश्विक गतिशीलता से मेल खाने के लिए सुधारों की आवश्यकता पर भी बल देती हैं।

Enroll now for UPSC Online Course

वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ने के बावजूद भारत के कूटनीतिक ढाँचे के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ

  • स्टाफ की कमी: भारत के राजनयिक दल में स्टॉफ की संख्या अत्यधिक कम है, जिसके पास 193 वैश्विक मिशनों का प्रबंधन करने हेतु केवल 850 IFS अधिकारी हैं, जिससे भारत की प्रभावकारी रूप से प्रभाव डालने की क्षमता सीमित हो जाती है। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका में 14,500 राजनयिक कार्यरत हैं, जो व्यापक वैश्विक पहुँच के लिए आवश्यक कार्यबल में तीव्र अंतर को दर्शाता है।
  • विखंडित विभाजन: विदेश मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय जिम्मेदारियों का अतिव्यापन, विशेषकर रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में, अकुशलता को जन्म देता है।
  • घरेलू पोस्टिंग में असमानताएँ: भारत में तैनात अधिकारियों को विदेशी नियुक्तियों की तुलना में अधिक प्रोत्साहन नहीं प्राप्त होता, जिससे उनका मनोबल गिरता है और महत्त्वपूर्ण घरेलू भूमिकाओं के लिए  अधिकारी कम आकर्षित होते हैं।
  • विशेषज्ञ भूमिकाओं का अभाव: रोटेशनल प्रणाली भाषा दक्षता, साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता को दरकिनार करती है, जो कूटनीति में तेजी से महत्त्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
  • अपर्याप्त तकनीकी विशेषज्ञता: विदेश मंत्रालय के पास साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष नीति जैसे उभरते क्षेत्रों में पर्याप्त बुनियादी ढाँचे और विशेषज्ञता का अभाव है, जिससे वैश्विक कूटनीति में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कमजोर हो रही है।

विदेश मंत्रालय में सुधार की आवश्यकता

  • कार्यबल का विस्तार: कार्यबल की कमी को शीघ्रता से दूर करने के लिए रक्षा कर्मियों, शिक्षाविदों और सलाहकारों को शामिल करते हुए लेटरल एंट्री के माध्यम से IFS की भर्ती में वृद्धि करनी चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: रक्षा कूटनीति जैसे क्षेत्रों में विषय वस्तु विशेषज्ञों को शामिल करने से भारत की रणनीतिक सहभागिता क्षमताएँ बढ़ती हैं।
  • प्रभाग पुनर्गठन: भारत के पड़ोस और उससे परे एकीकृत क्षेत्रीय नीतियों और बेहतर समन्वय को सुनिश्चित करने के लिए खंडित प्रभागों को एकजुट इकाइयों में समेकित करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: एक एकीकृत दक्षिण एशिया प्रभाग पाकिस्तान, नेपाल और हिंद महासागर क्षेत्र के प्रति भारत के दृष्टिकोण को सुव्यवस्थित कर सकता है।
  • घरेलू प्रोत्साहन बढ़ाना: दिल्ली स्थित अधिकारियों के लिए आवास, वित्तीय भत्ते और शैक्षिक सुविधाओं में सुधार करना चाहिए ताकि घरेलू पोस्टिंग को और अधिक आकर्षक बनाया जा सके। 
    • उदाहरण के लिए: घरेलू भूमिकाओं के लिए मौद्रिक लाभ प्रदान करने से समानता सुनिश्चित होती है और सक्षम अधिकारियों को महत्त्वपूर्ण नीति-निर्माण पदों पर सेवा करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
  • भाषा और डोमेन विशेषज्ञता: पोस्टिंग को भाषा कौशल के साथ संरेखित करना चाहिए और समर्पित कैरियर ट्रैक के माध्यम से अंतरिक्ष नीति और AI जैसे उभरते क्षेत्रों में विशेषज्ञता को प्रोत्साहित करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: साइबर सुरक्षा-केंद्रित राजनयिक, अंतरराष्ट्रीय तकनीकी विनियमों में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है और महत्त्वपूर्ण हितों की रक्षा कर सकता है।
  • संस्थागत क्षमता निर्माण: जलवायु कूटनीति और क्षेत्रीय भूराजनीति जैसे उभरते क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान और नीति नियोजन के लिए समर्पित केंद्र स्थापित करना चाहिए।

ऐसे सुधारों की कमियाँ

  • धीमी गति से क्रियान्वयन: भर्ती बढ़ाने और विभागों के पुनर्गठन में वर्षों लग सकते हैं, जिससे कूटनीतिक चुनौतियों के तत्काल समाधान में देरी हो सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: वर्तमान भर्ती दरों के अनुसार देखा जाये तो इष्टतम कैडर स्ट्रेंथ प्राप्त करने में वर्षों लग सकते हैं।
  • लेटरल एंट्री का विरोध: मौजूदा IFS अधिकारी, योग्यता और दीर्घकालिक एकीकरण चुनौतियों से संबंधित चिंताओं का हवाला देते हुए लेटरल हायरिंग का विरोध कर सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: IFS एसोसिएशनों के विरोध ने पहले महत्त्वपूर्ण रणनीतिक भूमिकाओं में विशेषज्ञों को शामिल करने के प्रयासों को धीमा कर दिया।
  • उच्च लागत: कैडर का आकार बढ़ाने, बेहतर सुविधाएं प्रदान करने तथा विशेषज्ञों की नियुक्ति करने से मंत्रालय के वित्तीय संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है।
  • समन्वय की चुनौतियाँ: विभागों को एकीकृत करने से प्रशासनिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है और संक्रमणकालीन चरण के दौरान कुप्रबंधन का जोखिम हो सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: पुनर्गठन के पिछले प्रयासों के कारण नीति क्रियान्वयन में देरी हुई, जैसे कि IOR क्षेत्र में।
  • विशेषज्ञों को बनाए रखना: डोमेन विशेषज्ञों को निजी क्षेत्र के अवसर अधिक आकर्षक लग सकते हैं, जिससे प्रतिभा को बनाए रखने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अक्सर सरकारी भूमिकाओं की तुलना में उच्च वेतनमान वाली निजी फर्मों को प्राथमिकता देते हैं।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

निम्नलिखित पर विशेष जोर के साथ आगे सुधारों की आवश्यकता है

मानव संसाधन

  • लेटरल हॉयरिंग और समावेशिता: मजबूत परिवीक्षा मानदंडों के साथ विविध सरकारी और शैक्षणिक क्षेत्रों से डोमेन विशेषज्ञों और अधिकारियों की भर्ती करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञता वाले शिक्षाविदों को नियुक्त करने से नीति निर्माण की गहनता और निष्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है।
  • अधिकारियों के लिए बेहतर प्रोत्साहन: घरेलू पोस्टिंग में अधिकारियों के लिए प्रतिस्पर्धी आवास, भत्ते और पारिवारिक सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि समान कार्यबल वितरण सुनिश्चित हो सके। 
    • उदाहरण के लिए: दिल्ली में बेहतर आवास, मनोबल बढ़ा सकते हैं, जिससे नीति निर्माण केंद्रों के निर्णयन में सुधार हो सकता है।

संरचनात्मक पुनर्गठन 

  • डिवीजन समेकन: अक्षमताओं को कम करने और निर्णयन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए ओवरलैपिंग प्रादेशिक डिवीजनों को मिलाना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: PAI (पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान), BM (बांग्लादेश और म्यांमार) और उत्तरी डिवीजनों को एक दक्षिण एशिया डिवीजन में एकीकृत करने से सामंजस्यपूर्ण क्षेत्रीय जुड़ाव सुनिश्चित हो सकता है।
  • संशोधित भौगोलिक कार्य: नीतियों के दोहराव से बचने के लिए देशों को तार्किक क्षेत्रों के अंतर्गत संरेखित करना चाहिए तथा प्रभागों के भीतर और उनके बीच समन्वय में सुधार करना चाहिए।

प्रौद्योगिकीय अनुकूलनशीलता

  • विशेष तकनीकी कैडर: विदेश मंत्रालय के अंतर्गत साइबर सुरक्षा, AI और अंतरिक्ष नीति में डोमेन विशेषज्ञों के लिए स्थायी पद बनाये जाने चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: दूतावासों में एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, वैश्विक साइबर सहयोग पर तत्काल सहायता प्रदान कर सकता है।
  • उन्नत प्रशिक्षण मॉड्यूल: IFS अधिकारियों के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों पर निरंतर व्यावसायिक विकास कार्यक्रम शुरू करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: नियमित AI और डेटा एनालिटिक्स कार्यशालाएँ वैश्विक प्रौद्योगिकी नीतियों को हैंडल करने में अधिकारियों की क्षमताओं को बढ़ा सकती हैं।

Enroll now for UPSC Online Classes

भारत को एक मजबूत वैश्विक शक्ति बनाने हेतु विदेश मंत्रालय में सुधार करना महत्त्वपूर्ण है। मानव संसाधनों को मजबूत करने, संस्थागत ढाँचे का आधुनिकीकरण करने और प्रौद्योगिकी अंगीकरण को बढ़ावा देना अति महत्त्वपूर्ण है। इंडियास्टैक (India stack) और डिजिटल डिप्लोमेसी जैसी पहल दक्षता को बढ़ा सकती हैं। पुनर्गठित विदेश मंत्रालय बहुपक्षीय मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इसके उत्थान को पर्याप्त राजनयिक आधार द्वारा सहायता मिले।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.