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प्रश्न की मुख्य माँग
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ऑनलाइन कंटेंट विनियमन, SAHYOG पोर्टल की शुरुआत के साथ तेज हो गया है। यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित करना और गैरकानूनी सामग्री को हटाना है। इस विकास ने X (पूर्व में ट्विटर) जैसे प्लेटफार्मों से कानूनी चुनौतियों को जन्म दिया है जो सरकारी नियंत्रण और डिजिटल स्वतंत्रता के बीच तनाव को उजागर करता है।
सकारात्मक प्रभाव | नकारात्मक प्रभाव |
तेजी से कंटेंट हटाना: इससे गैरकानूनी कंटेंट को तेजी से हटाया जा सकता है, राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार होगा और गलत सूचना के प्रसार को रोका जा सकेगा।
उदाहरण के लिए: SAHYOG आतंकी प्रचार को तेजी से हटाने में मदद कर सकता है, जिससे कट्टरपंथ के जोखिम कम हो सकते हैं। |
बड़े पैमाने पर सेंसरशिप का जोखिम: कई एजेंसियों के पास टेकडाउन शक्तियाँ होने से जवाबदेही के बिना अत्यधिक सामग्री को हटाया जा सकता है।
उदाहरण के लिए: स्थानीय पुलिस राजनीतिक असंतुष्टों के खिलाफ अवरोधक शक्तियों का दुरुपयोग कर सकती है। |
बेहतर समन्वय: प्लेटफ़ॉर्म, कानून प्रवर्तन और दूरसंचार प्रदाताओं के बीच रियल टाइम अंत:क्रिया की सुविधा देता है।
उदाहरण के लिए: SAHYOG बाल दुर्व्यवहार सामग्री हटाने जैसे आपातकालीन मामलों में मदद कर सकता है। |
प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का अभाव: धारा 69A के विपरीत, SAHYOG में स्वतंत्र समीक्षा या सामग्री को अवरुद्ध करने के औचित्य का अभाव है।
उदाहरण के लिए: इस संबंध में एक मनमाना आदेश आलोचनात्मक खोजी पत्रकारिता को समाप्त कर सकता है। |
हानिकारक सामग्री पर अंकुश लगाना: इससे फर्जी खबरों, सांप्रदायिक घृणास्पद भाषण और धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
उदाहरण के लिए: वित्तीय घोटालों के बारे में गलत सूचना का तुरंत मुकाबला किया जा सकता है। |
न्यायिक निगरानी को दरकिनार करना: स्वतंत्र जाँच या अपील विकल्पों के बिना निर्णय लिए जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए: असत्यापित सामग्री को हटाने से खोजी रिपोर्टिंग बाधित हो सकती है। |
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सहायता: साइबर खतरों और उग्रवाद पर त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है।
उदाहरण के लिए: यह भर्ती होने से पहले ऑनलाइन आतंकी नेटवर्क को ब्लॉक कर सकता है। |
संभावित डराने वाला प्रभाव: सामग्री हटा दिए जाने के डर से वाक् स्वतंत्रता हतोत्साहित हो सकती है।
उदाहरण के लिए: कार्यकर्ता सरकारी नीतियों की आलोचना करने में झिझक सकते हैं। |
प्लेटफ़ॉर्म के लिए कानूनी अनुपालन: IT नियमों के तहत कंटेंट मॉडरेशन नीतियों का पालन सुनिश्चित करता है।
उदाहरण के लिए: प्लेटफार्म अवैध कंटेंट के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होंगे। |
अस्पष्ट पारदर्शिता मानदंड: SAHYOG की निर्णय लेने की प्रक्रिया तक सार्वजनिक पहुँच की कमी चिंता का विषय है।
उदाहरण के लिए: उपयोगकर्ताओं को यह नहीं पता हो सकता है कि उनकी सामग्री क्यों ब्लॉक की गई है। |
SAHYOG पोर्टल को अनियंत्रित सेंसरशिप को रोकने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए। एक स्वतंत्र निरीक्षण निकाय, स्पष्ट निवारण तंत्र और न्यायिक समीक्षा की स्थापना से मुक्त भाषण और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा जा सकेगा। हितधारकों के परामर्श से IT कानूनों को मजबूत करना एक संतुलित नियामक ढाँचा बना सकता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल स्वतंत्रता दोनों को बढ़ावा देता है।
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