Q. 'स्पंज सिटी' अवधारणा ने एक सतत शहरी जल प्रबंधन दृष्टिकोण के रूप में विश्व स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। भारत के शहरी जल मुद्दों के संदर्भ में इसके लाभों और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए, भारतीय शहरों में इस अवधारणा को लागू करने की क्षमता का मूल्यांकन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य मांग:

  • भारतीय शहरों में स्पंज सिटी अवधारणा को लागू करने की क्षमता का मूल्यांकन करें।
  • भारत के शहरी जल संबंधी समस्याओं  के संदर्भ में स्पंज सिटी अवधारणा के लाभों पर चर्चा करें।
  • भारत के शहरी जल मुद्दों के संदर्भ में स्पंज सिटी अवधारणा की चुनौतियों पर चर्चा करें।

 

उत्तर:

भारत में शहरी बाढ़ एक गंभीर चुनौती के रूप में उभरी है , जहां शहर प्राचीन आधारभूत संरचना एवं अनियोजित शहरी योजना का सामना कर रहे हैं दिल्ली ,असम एवं  महाराष्ट्र के साथ सम्पूर्ण देश  में निरंतर  बाढ़ की  घटनाएं सतत  समाधान की अविलंब आवश्यकता को रेखांकित करती हैं ।‘स्पंज सिटी’ अवधारणा प्रभावी वर्षा जल प्रबंधन के लिए हरित अवसंरचना को एकीकृत करते हुए  इस समस्या का समाधान प्रदान कर सकती है।

भारतीय शहरों में स्पंज सिटी अवधारणा को कार्यान्वित करने की संभावना

  • अवसंरचना पर दबाव को कम करना: स्पंज सिटी अवसंरचना ,पारगम्य फुटपाथ एवं हरित छतों के साथ  , अतिरिक्त वर्षा जल का प्रबंधन करने में मदद करता है , जिससे शहरी जल निकासी प्रणालियों पर दबाव कम होता है। इससे प्राचीन आधारभूत संरचना पर  पर दबाव कम हो सकता है
    उदाहरण के लिए: मुंबई में , मानसून के मौसम में जल निकासी प्रणाली प्रायः  प्रभावित हो  जाती है , जिससे बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है
  • आर्थिक लाभ: हरित अवसंरचना में प्रारंभिक निवेश बाढ़ से होने वाले क्षति लागत को कम करते हुए , जल उपचार के लिए व्यय को कम किया जा सकता है साथ ही  हरित  क्षेत्रों में संपत्ति के  मूल्यों में वृद्धि के द्वारा दीर्घकालिक आर्थिक बचत किया जा  सकता है।
    उदाहरण के लिए: कोलकाता में, स्पंज  सिटी तकनीक को लागू करने से बाढ़ से घरों एवं  व्यवसायों को होने वाली क्षति को रोका जा सकता है, जिससे जल प्रबंधन एवं  आधारभूत संरचना  की मरम्मत से सम्बंधित लागत कम हो सकती है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार: स्पंज शहरों में हरित अवसंरचना नगरीय ऊष्मा द्वीपों को कम करने तथा वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है , जिससे बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। वनस्पति शहरी क्षेत्रों को शीतल रखने  तथा  वायु से प्रदूषकों का निस्पंदन करने में मदद करती है।
    उदाहरण के लिए: दिल्ली में , जहाँ वायु गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है,स्पंज  सिटी पहल के माध्यम से हरित स्थलों  की संख्या में वृद्धि करने से प्रदूषण के स्तर एवं  तापमान को कम करने में मदद मिल सकती है , जिससे समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
  • सामुदायिक सहभागिता एवं जागरूकता: स्पंज  सिटी अवधारणा को कार्यान्वित  करने में सामुदायिक सहभागिता  तथा  सतत  जल प्रबंधन एवं  पर्यावरण संरक्षण के संबंध  में जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण हैं । इससे नागरिक पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक एवं सक्रिय हो  सकते हैं
    उदाहरण के लिए: हैदराबाद में , वर्षा उद्यान  एवं हरित  छतें स्थापित करने  की समुदाय-संचालित परियोजनाएँ निवासियों को सतत पद्धतियों  के महत्व के संबंध  में शिक्षित कर सकती हैं , जिससे पर्यावरणीय उत्तरदायित्व  की संस्कृति को प्रोत्साहन  मिलता है ।
  • नवाचार एवं तकनीकी प्रगति : स्पंज सिटी अवधारणा को अपनाने से शहरी नियोजन एवं  जल प्रबंधन प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है। इससे पारगम्य सतहों तथा  प्रभावी जल निस्पंदन प्रणालियों के निर्माण के लिए नवीन  सामग्रियों तथा  विधियों का विकास हो सकता है।
    उदाहरण के लिए: भारत के प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विख्यात बेंगलुरू में उन्नत स्पंज सिटी प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन से शहर को शहरी स्थिरता एवं  नवाचार में अग्रणी स्थान मिल सकता है, तथा अनुसंधान एवं  विकास के अवसर आकर्षित हो सकते हैं।

भारत के शहरी जल मुद्दों के संदर्भ में स्पंज सिटी अवधारणा के लाभ:

  • शहरी बाढ़ में कमी: स्पंज सिटी अवधारणा में पारगम्य फुटपाथ,हरित  छतें एवं  वर्षा उद्यान जैसे हरित अवसंरचना के  एकीकरण द्वारा  वर्षा जल को अवशोषित एवं  संग्रहीत किया जा सकता है  । यह तीव्र  अपवाह को कम करता है तथा  अतिरिक्त जल  को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।
    उदाहरण के लिए: दिल्ली में , जहाँ अधिक वर्षण  के कारण अक्सर जलभराव तथा बाढ़ की स्थिति उत्पन्न  होती है, हरित छतों तथा पारगम्य फुटपाथों के द्वारा वर्षा जल को अवशोषित करने के साथ  सतही अपवाह को कम करके इन समस्याओं  को कम किया जा सकता है।
  • जल की गुणवत्ता में सुधार : स्पंज शहर प्राकृतिक निस्पंदन प्रणाली का उपयोग करके वर्षा जल को स्वच्छ करते हैं क्योंकि जल  मृदा  एवं  वनस्पति परतों के माध्यम से निस्पंदित होते  है। यह प्रक्रिया प्रदूषकों को हटाने तथा  उस जल की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती है जो अंततः नदियों एवं  झीलों तक पहुँचता है।
    उदाहरण के लिए:  महाराष्ट्र में, जहां जल निकाय प्रायः औद्योगिक अपवाह द्वारा दूषित होते हैं ,वहां  वर्षा उद्यानों एवं  वनस्पति जलधाराओं का उपयोग करके नदी प्रणालियों तक पहुंचने से पहले स्टॉर्म वाटर(stormwater) से प्रदूषकों को निस्पंदित  किया जा सकता है, जिससे जल  की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • भूजल पुनर्भरण में वृद्धि: स्पंज शहर भूजल पुनर्भरण में मदद करते हैं । यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां भूजल स्तर में गिरावट के  कारण जल की कमी का सामना करना पड़ता है।
    उदाहरण के लिए: चेन्नई में , जहां लोगों को  जल की अधिक कमी का सामना करना  पड़ता है, वहां  अधिक पारगम्य सतहों एवं  हरित स्थलों  का निर्माण करके शुष्क अवधि के दौरान अधिक विश्वसनीय जल आपूर्ति प्रदान की जा सकती है।
  • जलवायु लचीलापन एवं अनुकूलन: स्पंज शहर अधिक वर्षा एवं  चरम मौसम की घटनाओं के प्रभावों को कम करके जलवायु परिवर्तन के प्रति शहरी लचीलापन बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए: असम में , जहाँ मानसूनी वर्षा प्रायः  विनाशकारी बाढ़ का कारण बनती है, स्पंज शहर वर्षा जल को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है ,साथ ही  बाढ़ के जोखिम को कम कर सकता है तथा  जलवायु परिवर्तन के प्रति शहरी लचीलापन  बढ़ा सकता है ।
  • शहरी जैव विविधता एवं हरित स्थानों का संवर्धन : शहरी नियोजन में हरित अवसंरचना के समावेश के द्वारा  विभिन्न पौधों एवं  पशुओं  की प्रजातियों के लिए आवास बनाया जा सकता है  जिससे  जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है । इसके अतिरिक्त, यह शहरी निवासियों के लिए मनोरंजन के स्थल भी प्रदान करता है
    उदाहरण के लिए: बैंगलोर में , जो अपने घटते हुए हरित आवरण के लिए जाना जाता है,वहां स्पंज सिटी पहल के द्वारा  अधिक पार्क , आर्द्रभूमि एवं  हरित छतों का निर्माण जैव विविधता को पुनर्स्थापित  करने के साथ  शहर के निवासियों के लिए हरित मनोरंजन स्थल  प्रदान करने में मदद कर सकता है ।

भारत के शहरी जल मुद्दों के संदर्भ में स्पंज सिटी अवधारणा को लागू करने की चुनौतियाँ:

  • उच्च प्रारंभिक निवेश लागत: स्पंज सिटी अवधारणा को लागू करने के लिए अधिक  वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है , जिससे उच्च अग्रिम लागतें उत्पन्न होती हैं जो वित्तीय रूप से संकटग्रस्त नगर निकायों के लिए एक बड़ा अवरोध हो सकती हैं।।
    उदाहरण के लिए:
    छोटे शहरों जैसे गुवाहाटी में, नगरपालिका बजट में मौजूदा अवसंरचना को स्पंज सिटी तकनीकों से पुनर्निर्मित करने के लिए पर्याप्त धन की कमी होती है
  • तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव: स्पंज सिटी अवधारणा के सफल कार्यान्वयन के लिए शहरी नियोजन , जल विज्ञान एवं  पर्यावरण इंजीनियरिंग में विशेष ज्ञान एवं कौशल की आवश्यकता होती है , जो कई भारतीय शहरों में अनुपलब्ध हो सकते हैं।
    उदाहरण के लिए: पटना में , स्थानीय शहरी नियोजन विभागों में प्रभावी स्पंज  सिटी परियोजनाओं को डिजाइन एवं  कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता की कमी हो सकती है , जिसके परिणामस्वरूप अनअपेक्षित  परिणाम प्राप्त होते हैं
  • रखरखाव और स्थिरता सम्बंधित मुद्दे: पारगम्य फुटपाथ एवं  हरित छतों जैसे हरित अवसंरचना  के घटकों को प्रभावी ढंग से कार्य  करने के लिए नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है , अन्यथा समय के साथ उनमे अपकर्षण हो सकता  है
    उदाहरण के लिए: उचित रखरखाव के बिना कोलकाता में, हरित  छतें आक्रामक प्रजातियों से घिर सकती हैं अथवा  जल निकासी की समस्याओं से ग्रस्त हो सकती हैं, जिससे अधिक वर्षा के दौरान  जल प्रबंधन में उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है।
  • सार्वजनिक जागरूकता और स्वीकृति: जागरूकता की कमी तथा परिवर्तन के प्रति प्रतिरोध आवश्यक हरित अवसंरचना परियोजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न कर सकता है ।
    उदाहरण के लिए: हैदराबाद में, स्थानीय निवासियों द्वारा पारंपरिक कंक्रीट फुटपाथों को बदलने का विरोध हो सकता है क्योंकि वे स्पंज सिटी के  लाभों से अपरिचित हैं साथ ही प्रारंभिक असुविधाओं के संबंध  में चिंतित हैं।
  • सघन शहरी क्षेत्रों में स्थान की कमी:: भारतीय शहरों में उच्च जनसंख्या घनत्व एवं सीमित खुले स्थल  विस्तृत स्तर  पर हरित अवसंरचना परियोजना को कार्यान्वित  करने में बाधा उत्त्पन्न करती  हैं।
    उदाहरण के लिए: मुंबई में , शहर के सघन  शहरी वातावरण एवं  प्रतिस्पर्धी भूमि उपयोग प्राथमिकताओं के कारण वर्षा उद्यान एवं  अन्य हरित अवसंरचना घटकों  को स्थापित करने के लिए पर्याप्त स्थल  की खोज करना जटिल हो सकता है ।

भारतीय शहरों में स्पंज सिटी अवधारणा को लागू करना शहरी जल मुद्दों के लिए एक सतत  समाधान प्रदान करता है, , जिससे बाढ़ के शमन एवं  भूजल पुनर्भरण जैसे लाभ प्राप्त होते  हैं । हालांकि, उच्च लागत , तकनीकी विशेषज्ञता एवं  सार्वजनिक स्वीकृति जैसी चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण है। सफल कार्यान्वयन एवं  दीर्घकालिक स्थिरता के लिए सरकार, समुदाय एवं  निजी क्षेत्र के हितधारकों के द्वारा  समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.