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भारत का प्रोजेक्ट ईशान (ISHAN)

Lokesh Pal May 02, 2024 06:25 539 0

संदर्भ

हाल ही में भारत ने अपने चार हवाई क्षेत्रों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता एवं चेन्नई) को पूरे देश में फैली एक इकाई में समेकित करने की प्रक्रिया शुरू की है।

संबंधित तथ्य

  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने नागपुर में केंद्रित ‘इंडियन सिंगल स्काई हार्मोनाइज्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट’ (ISHAN) पहल के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए रुचि की अभिव्यक्तियाँ मांगी हैं।
  • यह कदम विमानन उद्योग की वृद्धि में उल्लेखनीय वृद्धि के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें वर्ष 2030 तक घरेलू यात्री यातायात दोगुना होने की उम्मीद है।

‘इंडियन सिंगल स्काई हार्मोनाइज्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट’ (ISHAN) पहल:

  • उद्देश्य: हवाई यातायात प्रबंधन (ATM) को परिष्कृत एवं मजबूत करना।
  • महत्त्व: इससे परिचालन को सुव्यवस्थित करने, क्षमता बढ़ाने एवं भीड़भाड़ को कम करने, कुशल रूटिंग तथा उड़ान के समय को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे एयरलाइंस एवं यात्रियों दोनों को लाभ होगा।
    • एक एकल सातत्य ‘उड़ान सूचना क्षेत्र’ (Flight Information Regions) से सुरक्षा, दक्षता, उपयोगकर्ता संतुष्टि, कम कार्बन फुटप्रिंट एवं इष्टतम जनशक्ति उपयोग के मामले में बहुत सारे लाभ मिलेंगे।
  • अग्रिम चुनौतियाँ: इस परियोजना के लिए समान प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन, मौजूदा प्रक्रियाओं में परिवर्तन, हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों के पुनर्प्रशिक्षण एवं नीति निर्माण की आवश्यकता होगी
  • आवश्यकता
    • समग्र पुनर्गठन: हवाई यातायात क्षमता के संदर्भ में हवाई क्षेत्र का सबसे कुशल उपयोग करने के लिए, हवाई क्षेत्र मार्ग संरचना एवं क्षेत्र की सीमाओं को समग्र रूप से पुनर्गठित करने की आवश्यकता है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ होगा।
    • मौजूदा अंतरालों को न्यूनतम करना: ‘सिंगल स्काई हार्मोनाइज्ड’ ATM के लाभों को प्राप्त करने के लिए निगरानी एवं संचार अंतराल क्षेत्रों को कम करना होगा, जैसे कम विस्थापन (न्यूनतम दूरी जो विमान को अलग से उड़ान भरनी चाहिए) तथा ईंधन-कुशल उड़ान पथ।
    • एक गहन अध्ययन: ISHAN के कार्यान्वयन के लिए, वर्तमान एवं अनुमानित हवाई यातायात वृद्धि तथा बढ़े हुए हवाई यातायात के प्रबंधन से संबंधित चुनौतियों का गहन अध्ययन करना होगा।

वर्तमान व्यवस्थाएँ

  • उड़ान सूचना क्षेत्र (Flight Information Regions- FIR): वर्तमान में, भारतीय हवाई क्षेत्र को चार FIRs (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई) एवं एक उप-FIR में विभाजित किया गया है, प्रत्येक को अलग से प्रबंधित किया जाता है।
    • नागपुर में एक ही प्राधिकरण के तहत इन FIR को एकीकृत करने से हवाई यातायात संचालन में दक्षता, सुरक्षा एवं निर्बाधता में सुधार होने का अनुमान है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India- AAI) के बारे में

  • एक वैधानिक निकाय: यह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  • स्थापना: इसका गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया एवं 1 अप्रैल, 1995 को तत्कालीन राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण तथा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण का विलय करके अस्तित्व में आया था।
  • अधिदेश: इसके पास देश में जमीन एवं हवाई क्षेत्र दोनों पर नागरिक उड्डयन बुनियादी ढाँचे के निर्माण, उन्नयन, रखरखाव तथा प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
  • उपलब्धियाँ: कलकत्ता एवं चेन्नई हवाई यातायात नियंत्रण केंद्रों पर स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके AAI’s द्वारा स्वचालित निर्भरता निगरानी प्रणाली (ADSS) के सफल कार्यान्वयन ने भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में इस उन्नत तकनीक का उपयोग करने वालें पहले देश के रूप में स्थापित किया है।

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