हाल ही में एक गहन मॉडलिंग अध्ययन में पाया गया है कि वातावरण में मेथेन का सबसे बड़ा स्रोत सूक्ष्मजीव हैं, न कि जीवाश्म ईंधन का जलना।
संबंधित तथ्य
जीवाश्म ईंधन से मेथेन उत्सर्जन में 1990 एवं 2000 के दशक के बीच गिरावट आई तथा तब से यह स्थिर है, जबकि सूक्ष्मजीव अधिक मेथेन का उत्पादन कर रहे हैं।
वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में, सदस्य देशों ने गैस के उत्सर्जन में कटौती एवं ग्रह की वार्मिंग को धीमा करने के लिए ‘वैश्विक मेथेन प्रतिज्ञा’ (Global Methane Pledge) शुरू की।
स्थानीय डेटा की आवश्यकता
डेटा बेमेल: यह हालिया डेटा दो उत्सर्जन सूची में असमान है, जिन्हें EDGAR एवं GAINS कहा जाता है।
EDGAR: इसने बताया था कि तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज से मेथेन उत्सर्जन वर्ष 1990 तथा 2020 के बीच बढ़ गया था।
GAINS: वर्ष2006 के बाद से उत्सर्जन में बड़ी ‘अपरंपरागत’ वृद्धि दर्ज की गई थी।
असमान डेटा का कारण: एक संभावित कारण लैटिन अमेरिका में पशुपालन में वृद्धि एवं दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका एवं अफ्रीका में कचरे से अधिक उत्सर्जन हो सकता है। साथ ही, दुनिया भर में आर्द्रभूमियों की संख्या में भी वृद्धि हुई थी।
अधिकांश अध्ययन जो उपग्रहों का उपयोग करते हैं, मेथेन के वास्तविक [समय के साथ परिवर्तन] को माप नहीं सकते हैं। सैटेलाइट डेटा की व्याख्या मॉडलों का उपयोग करके की जाती है एवं इस प्रकार अनिश्चितताओं का खतरा होता है।
मेथेन
एक ग्रीनहाउस गैस: मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बाद दूसरी सबसे प्रचुर मानवजनित ग्रीनहाउस गैस है, लेकिन यह ग्रह को अधिक गर्म करती है।
एक सदी से भी अधिक समय में, मेथेन की ग्लोबल वार्मिंग क्षमता CO2 से 28 गुना अधिक है और दो दशकों जैसी छोटी अवधि में इससे भी अधिक है।
इसके स्रोत: वैज्ञानिक तेजी से मेथेन के विभिन्न स्रोतों को पहचान रहे हैं, जिनमें से अधिकांश दो श्रेणियों में आते हैं: बायोजेनिक (Biogenic) और थर्मोजेनिक (Thermogenic)।
थर्मोजेनिक (Thermogenic): जब प्राकृतिक गैस या तेल जैसे जीवाश्म ईंधन को पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर से निकाला जाता है, तो थर्मोजेनिक मेथेन निकलती है।
बायोजेनिक (Biogenic): यह मेथेन माइक्रोबियल क्रिया से उत्पन्न किया जाता है।
बायोजेनिक एवं थर्मोजेनिक दोनों गतिविधियाँ मेथेन के विभिन्न आइसोटोप का उत्पादन करती हैं। कार्बन-13 द्वारा आइसोटोप को ट्रैक करना यह ट्रैक करने का एक तरीका है कि कौन से स्रोत सबसे अधिक सक्रिय हैं?
यदि 1,000 मेथेन अणुओं के समूह में एक निश्चित स्तर से कम कार्बन-13 परमाणु हैं, तो मेथेन एक जैविक स्रोत से है।
यदि मेथेन थर्मोजेनिक स्रोतों से प्राप्त है, जैसे कि फँसे हुए जीवाश्म ईंधन या भू-वैज्ञानिक गतिविधियों से, तो 1,000 अणुओं में अधिक कार्बन-13 परमाणु होंगे।
इस कार्बन आइसोटोप के कार्बन-13 परमाणुओं में 13 न्यूक्लियॉन (6 प्रोटॉन + 7 न्यूट्रॉन) होते हैं।
कार्रवाई आवश्यक: मेथेन को कम करने के लिए सबसे पहले मानवजनित गतिविधियों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
मानवजनित गतिविधियों में अपशिष्ट एवं लैंडफिल, चावल के खेत, आँत्र किण्वन, तेल तथा गैस और कोयला शामिल हैं।
मेथेन उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया के बारे में
मेथेनोजेन्स (Methanogens): मेथेन का उत्पादन करने वाले सूक्ष्मजीव बैक्टीरिया एवं यूकेरिऑट्स से अलग आर्किया (एकल-कोशिका वाले सूक्ष्मजीव) होते हैं तथा मेथेनोजेन्स (Methanogens) कहलाते हैं।
जीवित रहने की स्थिति: वे ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण में पनपते हैं, जैसे कि जानवरों के पाचन तंत्र, आर्द्रभूमि, चावल के खेत, लैंडफिल एवं झीलों तथा महासागरों के तलछट।
महत्त्व: मेथनोजन्स कार्बनिक पदार्थों को मेथेन में परिवर्तित करके वैश्विक कार्बन चक्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हालाँकि मेथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, मेथेनोजन्स द्वारा इसका उत्पादन प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा है।
लेकिन कृषि, डेयरी फार्मिंग एवं जीवाश्म ईंधन उत्पादन जैसी मानवीय गतिविधियों ने मेथेन उत्सर्जन को और बढ़ा दिया है।
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