संयुक्त राज्य अमेरिका एवं भारत नए मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (MSRA) के लिए कोलकाता बंदरगाह का ऑडिट कर रहे हैं।
संबंधित तथ्य
अप्रैल 2024 में, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भी इसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिकी नौसेना ने पिछले वर्ष ‘लार्सन एंड टुब्रो’ के साथ-साथ मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ MSRA समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
रक्षा औद्योगिक रोडमैप के अनुसार, अमेरिका एवं भारत, देश में विमानों तथा जहाजों के लिए रसद, मरम्मत एवं रखरखाव के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करने पर सहमत हुए हैं।
कोलकाता बंदरगाह के बारे में
यह भारत का एकमात्र नदी तटीय प्रमुख बंदरगाह है, जो सैंडहेड्स से 232 किलोमीटर ऊपर की ओर अवस्थित है।
इसका नेविगेशनल चैनल दुनिया के सबसे लंबे चैनलों में से एक है।
इसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता है।
यह भारत का सबसे पुराना परिचालन बंदरगाह है एवं भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों में से पहला है।
कोलकाता बंदरगाह प्रणाली में तीन बंदरगाह शामिल हैं:
कोलकाता
हल्दिया
सागर द्वीप
मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (MSRA) के बारे में
उद्देश्य: भारत को इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी नौसेना के जहाजों के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाना।
समझौता: MSRA अमेरिकी युद्धपोतों को बंदरगाह पर मरम्मत की अनुमति देगा। MSRA में सुरक्षा, भुगतान, देनदारियाँ आदि खंड शामिल हैं।
समझौते की प्रत्येक पाँच वर्ष में या आवश्यकतानुसार समीक्षा की जाती है।
MSRA एक गैर-वित्तीय समझौता है।
महत्त्व
अवसर: इन जहाजों की मरम्मत का कार्य भारतीय जहाज निर्माताओं के व्यावसायिक हित को पूरा करता है एवं संभावित रूप से ऐसे और अधिक अवसरों को जन्म देगा।
बढ़ता नेटवर्क: इस बढ़ते नेटवर्क में कोलकाता पोर्ट के जुड़ने से अमेरिका के साथ भारत के रक्षा संबंध एवं गहरे होंगे।
इससे संभावित रूप से ब्रिटेन जैसे अमेरिकी सहयोगियों की भारत को जहाज के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में उपयोग करने में रुचि बढ़ सकती है।
उदाहरण: इस वर्ष मार्च में, यू.के. की रॉयल नेवी (Royal Navy) ने कहा कि उसके दो सहायक जहाजों की मरम्मत एवं रखरखाव चेन्नई के कटुपल्ली शिपयार्ड में किया जाएगा।
इंडो-पैसिफिक: (भिन्न-भिन्न अवधारणाएँ)
अमेरिका के लिए, यह भारत के पश्चिमी तट तक फैला हुआ है जो यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड की भौगोलिक सीमा भी है जबकि भारत के लिए इसमें संपूर्ण हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत शामिल हैं, जैसा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में शांगरी ला डायलॉग में अपने मुख्य भाषण में संदर्भित किया था।
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