हाल ही में एशियन डेवलपमेंट पॉलिसी ने वर्ष 2024 के लिए ‘एशिया में एजिंग वेल’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
संबंधित तथ्य
रिपोर्ट में उम्र बढ़ने की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला गया एवं गरीबी, स्वास्थ्य तथा सामाजिक सेवाओं सहित विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर इसके दूरगामी प्रभाव दिखाए गए।
जनसांख्यिकीय लाभांश क्या है?
जनसांख्यिकी लाभांश से तात्पर्य उस आर्थिक वृद्धि से है, जो तब हो सकती है जब किसी देश की आबादी में आश्रितों (14 वर्ष से कम एवं 65 वर्ष से अधिक) की तुलना में कामकाजी उम्र के लोग (15 से 64 वर्ष के बीच) अधिक हों।
जनसांख्यिकीय उपहार: कुछ विशेषज्ञ इस स्थिति को ‘जनसांख्यिकीय उपहार’ कहते हैं।
इसका पूरा लाभ उठाने के लिए, युवाओं को अच्छी शिक्षा, उचित पोषण एवं यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं सहित स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच की आवश्यकता है।
ADB रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात में वृद्धि: ADB रिपोर्ट ने वर्ष 2050 तक भारत सहित विकासशील एशिया में 60 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के लोगों के अनुपात (वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात) में उल्लेखनीय वृद्धि की भविष्यवाणी की है।
भारत की विशिष्ट स्थिति: भारत में, वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात वर्ष 2022 में 20% से कम से बढ़कर वर्ष 2050 तक 30% से अधिक होने की उम्मीद है।
यह डेटा ADB द्वारा संयुक्त राष्ट्र डेटा के विश्लेषण पर आधारित है।
घटता जनसांख्यिकीय लाभांश: रिपोर्ट स्वीकार करती है कि भारत एवं इंडोनेशिया जैसी युवा अर्थव्यवस्थाओं को अभी भी जनसांख्यिकीय लाभांश से लाभ होगा, हालाँकि यह पहले की तुलना में कम महत्त्वपूर्ण होगा।
भारत की प्रति व्यक्ति GDP वृद्धि: बढ़ती वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात से आर्थिक विकास धीमा होने का अनुमान है। एक विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2031-2040 के बीच भारत की प्रति व्यक्ति GDP वृद्धि में 0.053 प्रतिशत की कमी आई है।
बदलता जनसांख्यिकीय परिदृश्य: रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि विकासशील एशिया में पिछले आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली अनुकूल जनसांख्यिकी आने वाले दशकों में एक चुनौती बन जाएगी।
सिल्वर डिविडेंड पोटेंशियल: रिपोर्ट में वृद्ध वयस्कों की भलाई एवं स्वास्थ्य में सुधार के लिए उनकी काम करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करने, ‘सिल्वर डिविडेंड’ बनाने जैसे तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया है।
कार्रवाई में सिल्वर डिविडेंड: यदि कम उपयोग की गई वरिष्ठ कार्य क्षमता के इस “सिल्वर डिविडेंड” का उपयोग किया जाता है, तो भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में 1.5 प्रतिशत अंक की वृद्धि देखी जा सकती है।
वरिष्ठ भागीदारी के माध्यम से विकास को अनलॉक करना: 60-69 वर्ष की आयु के लोगों की अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग करके आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
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