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Lokesh Pal
May 11, 2024 05:00
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हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिगों को ‘अच्छे स्पर्श’ (Good Touch) और ‘बुरे स्पर्श’ (Bad Touch) की पारंपरिक धारणाओं के साथ-साथ ‘आभासी स्पर्श’ (Virtual Touch) की अवधारणा को सिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
वर्तमान समय की आभासी दुनिया में ‘आभासी स्पर्श’ की अवधारणा एक आवश्यकता है, जो साइबरस्पेस में संभावित जोखिमों की पहचान करने में सहायता करेगा।
वर्तमान समय में ‘वर्चुअल टच एजुकेशन’ बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं (विशेषकर नाबालिगों) को विस्तारित डिजिटल दुनिया में सुरक्षित और जिम्मेदारीपूर्ण रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं क्षमता प्रदान करती है। यह निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण है-
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