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WHO ने दिया दूसरे डेंगू टीके को आरंभिक मंजूरी

Lokesh Pal May 18, 2024 04:27 140 0

संदर्भ

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक जापान की दवा निर्माता कंपनी द्वारा निर्मित TAK-003 नामक डेंगू के लिए दूसरे टीके को आरंभिक मंजूरी देने की घोषणा की है।

संबंधित तथ्य 

  • WHO ने जापान की दवा निर्माता कंपनी टेकेडा फार्मास्यूटिकल्स द्वारा डेंगू के लिए निर्मित दूसरे टीके TAK-003 को आरंभिक मंजूरी दे दी है।
  • प्रकृति: यह एक प्रकार का लाइव-एटिनुएटेड वैक्सीन (Live-attenuated Vaccine) है, जिसमें डेंगू रोग के लिए जिम्मेदार विषाणु के चार सीरोटाइप के कमजोर संस्करण होते हैं। इस प्रकार, यह शरीर को सभी चार डेंगू विषाणु के खिलाफ प्रतिरक्षा के निर्माण में सहायता करता है।

लाइव-एटिनुएटेड वैक्सीन

यह टीका ‘वाइल्ड’ विषाणु या जीवाणु से प्राप्त होता है, जिन्हें प्रयोगशाला में आमतौर पर बार-बार संवर्द्धन द्वारा कमजोर किया जाता है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में टीके के रूप में उपयोग किया जाने वाला खसरा विषाणु वर्ष 1954 में खसरे की बीमारी से पीड़ित एक बच्चे के शरीर से पृथक किया गया था।

  • लक्षित आयु वर्ग: TAK-003 को 6 से 16 वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चों को दिया जा सकता है, जिनमें डेंगू से प्रभावित होने और संचरण की संभावना अधिक है।
  • खुराक (Dosage): WHO के अनुसार, टीका को 3 महीने के अंतराल पर 2 खुराक के रूप में दिया जाना चाहिए।
  • वैश्विक स्वीकृति की स्थिति: ब्रिटेन, ब्राजील, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया और थाईलैंड ने भी TAK-OO3 नामक टीके को मंजूरी दे दी है।
  • पहला टीका: WHO ने डेंगू के खिलाफ सनोफी पाश्चर द्वारा विकसित पहले डेंगवैक्सिया CYD-TDV (Dengvaxia CYD-TDV) नामक टीके को आरंभिक मंजूरी दी थी।
    • यह एक लाइव, एटिनुएटेड डेंगू विषाणु ही है, जिसे 9 से 16 वर्ष की आयु-वर्ग को दिया जाना है।

डेंगू के लिए भारत का DNA टीका 

  • सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने डेंगू बुखार के लिए भारत के पहले एवं एकमात्र DNA टीके के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है।
  • टीका अपने प्रारंभिक परीक्षण चरण में है तथा आशाजनक परिणाम दे रहा है।

DNA टीका (DNA Vaccine)

  • DNA टीका एक विशिष्ट DNA अनुक्रम के माध्यम से किसी जीव की कोशिकाओं में एंटीजन को संसाधित करता है, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय कर देता है।
  • चार संबंधित वायरस (DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4) के कारण डेंगू रोग होता है, जिन्हें सीरोटाइप (Serotypes) के रूप में जाना जाता है।
  • किसी सीरोटाइप का संक्रमण उसी सीरोटाइप के खिलाफ आजीवन सुरक्षा प्रदान करता है, किंतु अन्य सीरोटाइप से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है, इसलिए ऐसे टीके की आवश्यकता पड़ती है, जो चारों सीरोटाइप को एक साथ लक्षित कर सके।

डेंगू (Dengue)

  • डेंगू मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय रोग है, जो जीनस फ्लावीवायरस (Genus Flavivirus) नामक विषाणु के कारण होता है तथा एडीज की कई प्रजातियाँ [मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti)] के द्वारा फैलता है।
  • प्रेरक कारक: यह एक उष्णकटिबंधीय रोग है, जो डेंगू विषाणु के कारण होता है। यह संक्रमित एडीज प्रजाति [एई. एजिप्टी (Ae. aegypti) या ए. एल्बोपिक्टस (Ae. albopictus)] के मच्छर के काटने से फैलता है।
    • ये मच्छर चिकनगुनिया, पीला बुखार और जीका विषाणु को भी फैलाते हैं।
  • डेंगू के सीरोटाइप: डेंगू का कारण बनने वाले विषाणु के 4 अलग-अलग सीरोटाइप (DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4) एक-दूसरे से संबंधित हैं।
    • सीरोटाइप सूक्ष्मजीवों की किसी प्रजाति के अंदर अलग-अलग समूह होते हैं, जो एक समान विशेषता साझा करते हैं। 
  • संवेदनशीलता (Vulnerability): अनुमान है कि प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में डेंगू के 100 से 400 मिलियन मामले आते हैं तथा 3.8 बिलियन लोग डेंगू-प्रभावित देशों में रहते हैं, जिनमें से अधिकांश देश एशिया, अफ्रीका और अमेरिका महाद्वीप में अवस्थित हैं।
  • लक्षण: तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मतली और दानें आदि हैं। गंभीर डेंगू की स्थिति में पेट में दर्द, उल्टी, नाक या मसूड़ों से खून आना एवं अत्यधिक थकान हो सकती है।
  • नियंत्रण एवं रोकथाम: हाल ही में विश्व मच्छर कार्यक्रम ने इंडोनेशिया में डेंगू पर सफलतापूर्वक नियंत्रण करने के लिए वोल्बाचिया (Wolbachia) जीवाणु से संक्रमित मच्छरों का उपयोग किया है।

आरंभिक मंजूरी की स्थिति का महत्त्व

  • गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता का आश्वासन: WHO की आरंभिक मंजूरी के माध्यम से टीके की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता से संबंधित कठोर अंतरराष्ट्रीय मानकों की पुष्टि होती है।
  • वैश्विक उपयोग और स्वीकृति: यह स्थिति टीके को वैश्विक स्तर पर उपयोग करने की अनुमति देती है। ऐसी स्थिति विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए लाभकारी है, जहाँ स्थानीय स्तर पर कठोर मूल्यांकन की प्रक्रिया उपलब्ध नहीं है।
  • व्यापक वितरण की सुविधा: WHO की आरंभिक मंजूरी के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों द्वारा खरीद प्रक्रियाओं में टीके को शामिल करना आसान हो जाता है, फलस्वरूप वैश्विक स्तर पर व्यापक वितरण को बढ़ावा मिलता है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए समर्थन: WHO की आरंभिक मंजूरी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में टीकों का एकीकरण करना सुविधाजनक हो जाता है, जिससे दुनिया भर में बीमारी की रोकथाम की रणनीतियों में सहायता मिलती है।

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