हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि वर्ष 2023 की गर्मी पिछले 2,000 वर्षों में उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे गर्म मौसम थी।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2023 में तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि: रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2023 में जून, जुलाई और अगस्त के गर्मियों के महीनों में तापमान पहले दर्ज किए गए किसी भी चरम तापमान से कम-से-कम 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा।
उत्तरी गोलार्द्ध के भू-भागों में गर्मियों का तापमान वर्ष 1850-1900 के पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 2.07°C अधिक था। यह वृद्धि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C से नीचे सीमित करने के पेरिस समझौते के लक्ष्य से काफी अधिक है।
अलनीनो का प्रभाव: पिछले वर्ष अनुभव की गई तीव्र गर्मी आंशिक रूप से अलनीनो जलवायु पैटर्न के कारण थी, जिसे वैश्विक तापमान वृद्धि के लिए जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूखे की अवधि बढ़ गई, जिससे वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हुए।
मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव: हीटवेव का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, वर्ष 1990 से वर्ष 2019 के बीच 43 देशों में प्रत्येक वर्ष हीटवेव के कारण 150,000 से अधिक मौतें हुई हैं।
ऐतिहासिक जलवायु तुलना: शोधकर्ताओं ने पहली शताब्दी ईस्वी से 1850 तक वैश्विक तापमान का अनुमान लगाने के लिए ‘ट्री-रिंग डेटा’ का उपयोग किया।
निष्कर्षों से पता चला है कि पिछले 28 वर्षों में से 25 वर्षों में गर्मियों का तापमान 246 वर्ष के तापमान से अधिक रहा है, जो आधुनिक तापमान रिकॉर्ड शुरू होने से पहले दर्ज किया गया सबसे गर्म वर्ष था।
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 2,000 वर्षों में सबसे कम तापमान वाले गर्मी वर्ष 2023 की गर्मियों की तुलना में लगभग चार डिग्री कम थी, जो एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट से प्रभावित थी।
जलवायु परिवर्तन से निपटने की तत्काल आवश्यकता: अध्ययन में बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन को कम करने हेतु तत्काल कार्रवाई की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्रवाई में देरी करने से प्रक्रिया और अधिक कठिन एवं महंगी हो जाएगी।
बढ़ते तापमान के कारण स्वास्थ्य जोखिम
वृद्ध आबादी का जोखिम
वर्तमान जोखिम: 14% वृद्ध लोग वर्तमान में 37.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के संपर्क में हैं, जिससे स्वास्थ्य की स्थिति खराब हो रही है और मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है।
भविष्य का जोखिम: वर्ष 2050 तक, यह आँकड़ा बढ़कर 23% हो जाने की उम्मीद है, जिससे लाखों और वृद्धर् लोग गर्मी की चरम स्थितियों के संपर्क में आ जाएंगे।
अनुकूलन क्षमता में क्षेत्रीय असमानताएँ
तैयार क्षेत्र: यूरोप, सबसे तेजी से गर्म होने वाले क्षेत्रों में से एक होने के बावजूद, लोगों को गर्मी के दौरान सहायता देने के लिए व्यवस्थाएँ मौजूद हैं।
कमजोर क्षेत्र: अफ्रीका और एशिया में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन स्वच्छ जल और स्वास्थ्य सेवा तक पर्याप्त पहुँच नहीं है, जिससे अत्यधिक गर्मी से निपटना मुश्किल हो जाता है।
वर्ष 2023 के 2000 वर्षों में सबसे गर्म वर्ष होने का कारण
अलनीनो घटना: अलनीनो जलवायु पैटर्न, जो वर्ष 2023 के मध्य में उभरा, ने वर्ष के चरम तापमान में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
महासागरों का बढ़ता तापमान: ग्रीनहाउस गैसों द्वारा गर्मी के अवशोषण के कारण महासागरों का तापमान बढ़ रहा है। ऊष्मा भंडार के रूप में कार्य करने वाले महासागरों ने वायुमंडल में अधिक गर्मी का उत्सर्जन किया है, जिससे समग्र तापमान में वृद्धि हुई।
एरोसोल में कमी: एरोसोल, जो सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके शीतलन प्रभाव डाल सकते हैं, वायु गुणवत्ता विनियमों के कारण कम हो गए हैं। इस कमी ने उनके शीतलन प्रभाव को कम कर दिया है, जिससे वायुमंडल में अधिक गर्म हो गया है।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में निरंतर वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग का दीर्घकालिक कारण रही है। ये गैसें वातावरण में गर्मी को रोकती हैं, जिससे तापमान बढ़ता है।
मानवजनित कारण: वनों की कटाई, दोषपूर्ण भूमि उपयोग पैटर्न, जीवाश्म ईंधन का उपयोग आदि जैसे मानव निर्मित कारकों ने तापमान वृद्धि में और योगदान दिया है।
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