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GANHRI ने NHRC-भारत प्रमाणन को स्थगित किया

Lokesh Pal May 17, 2024 05:00 115 0

संदर्भ

राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन (Global Alliance of National Human Rights Institutions- GANHRI) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC), भारत की मान्यता को दूसरी बार स्थगित कर दिया।

संबंधित तथ्य 

  • पृष्ठभूमि: एक मान्यता प्राप्त मानवाधिकार निकाय के रूप में NHRC की स्थिति को वर्ष 2023 में निलंबित कर दिया गया था और अब वर्ष 2024 में फिर से निलंबित कर दिया गया है।
    • NHRC की ‘A-स्थिति’ (A-status) को पहले वर्ष 2016 में स्थगित कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 2017 में इसे बहाल कर दिया गया था। यह पहली बार है कि भारत की स्थिति को वर्ष 2023 और 2024 में लगातार दो वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
      • स्थगन का मतलब है कि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। 
  • प्रमाणन/प्रत्यायन पर उप समिति (Sub Committee on Accreditation- SCA) द्वारा निर्णय: यह निर्णय SCA की बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, होंडुरास और ग्रीस के प्रतिनिधि शामिल थे।
    • यह एक ‘दृढ़, सहकर्मी-आधारित प्रक्रिया है, जो चार क्षेत्रों ‘अफ्रीका, अमेरिका, एशिया प्रशांत और यूरोप’ में से प्रत्येक के NHRI के प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है।
  • भारत पर प्रभाव: यह अब मानवाधिकार परिषद और कुछ UNGA निकायों में मतदान करने की भारत की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
  • स्थगन के कारण: समिति की नवीनतम रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है, इसकी पिछली रिपोर्ट में स्थगन की सिफारिश करने के कई कारण बताए गए हैं।
    • इनमें NHRC में सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शिता की कमी, मानवाधिकार जाँच की निगरानी के लिए पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति और सदस्य पैनल में लैंगिक और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व की कमी शामिल है।
    • भारत का NHRC अंतरराष्ट्रीय निकाय को संतुष्ट करने में विफल रहा है कि NHRC ‘सरकारी हस्तक्षेप से स्वतंत्र रूप से कार्य करने में सक्षम’ है।
      • विश्लेषकों के अनुसार, दूसरे वर्ष भी वही कारण बने रहे, जो भारत के ‘A’ स्थिति को खोने का कारण बने।

राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन (Global Alliance of National Human Rights Institutions-GANHRI)  के बारे में

  • उत्पत्ति: पहले इसे मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय संस्थानों की अंतरराष्ट्रीय समन्वय समिति के रूप में जाना जाता था, इसकी स्थापना 13 दिसंबर, 1993 को ट्यूनिस, ट्यूनीशिया में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में की गई थी।
  • परिचय: सभी क्षेत्रों में 110 से अधिक NHRI, उनके सदस्यों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए, GANHRI दुनिया भर में सबसे बड़े मानवाधिकार नेटवर्क में से एक है।
    • GANHRI अफ्रीका, अमेरिका, एशिया प्रशांत और यूरोप में NHRI के चार क्षेत्रीय नेटवर्क के साथ घनिष्ठ तालमेल में कार्य करता है, जिससे स्वतंत्र नेटवर्क की एक व्यापक संरचना तैयार होती है।
    • GANHRI संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है और एक विश्वसनीय भागीदार है। 
  • मुख्यालय: जिनेवा
  • अधिदेश: वैश्विक स्तर पर NHRI की गतिविधियों का समन्वय करना, इसके सदस्यों को बातचीत और आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ उनके जुड़ाव की सुविधा प्रदान करता है।
  • मान्यता: यह उन NHRI को दिया जाता है, जो प्रत्येक पाँच वर्ष में समीक्षा की एक कठोर प्रक्रिया के बाद, संयुक्त राष्ट्र-शासित पेरिस सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से अनुपालन करते पाए जाते हैं।
    • प्रत्यायन NHRI को अंतरराष्ट्रीय मान्यता और सुरक्षा प्रदान करता है। ‘
    • संयुक्त राष्ट्र पेरिस सिद्धांतों और GANHRI कानून के अनुसार, GANHRI द्वारा मान्यता के लिए दो वर्गीकरणों का उपयोग किया जाता है:
      • A: पेरिस सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से अनुपालन; A स्थिति प्रमाणन GANHRI के कार्य एवं निर्णय लेने के साथ-साथ मानवाधिकार परिषद और अन्य संयुक्त राष्ट्र तंत्र के कार्य में भागीदारी प्रदान करती है।
      • B: पेरिस सिद्धांतों के साथ आंशिक रूप से अनुपालन।
        • GANHRI 120 सदस्यों का एक निकाय है, जिनमें से 88 देशों के पास ‘A’ स्थिति मान्यता है, जबकि 32 के पास ‘B’ स्थिति है, या ‘आंशिक रूप से पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप’ हैं।
        • NHRC के पास ‘A’ मान्यता होती थी।
  •  प्रत्यायन पर उप समिति (Sub Committee on Accreditation- SCA): प्रत्यायन पर उप समिति मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) के तत्त्वावधान में मान्यता पर सिफारिशें करने के लिए जिम्मेदार है, जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रस्ताव 2005/74 में किया गया है।
    • इसे औपचारिक रूप से कानून द्वारा GANHRI ब्यूरो की एक उप-समिति के रूप में स्थापित किया गया है, जो GANHRI कानून के तहत स्थापित प्रबंधन समिति है।
    • मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय (Office of the High Commissioner for Human Rights- OHCHR) प्रत्यायन पर उप समिति पर एक स्थायी पर्यवेक्षक है और GANHRI और उसके SCA के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
  • पेरिस सिद्धांत: इन्हें वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था।
    • पेरिस सिद्धांतों ने NHRI को स्वतंत्र और प्रभावी माने जाने के लिए भूमिकाएँ, जिम्मेदारियाँ और न्यूनतम मानक निर्धारित किए हैं।
    • पेरिस सिद्धांतों ने छह मुख्य मानदंड निर्धारित किए हैं, जिन्हें NHRI को पूरा करना आवश्यक है। ये हैं:-
      • अधिदेश एवं योग्यता
      • सरकार से स्वायत्तता
      • किसी कानून या संविधान द्वारा गारंटीकृत स्वतंत्रता
      • बहुलतावाद
      • पर्याप्त संसाधन
      • जाँच की पर्याप्त शक्तियाँ।
  • प्रत्यायन प्रणाली को मजबूत करने के उपाय: GANHRI मान्यता प्रणाली पिछले वर्षों में विकसित और मजबूत हुई है। प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए GANHRI ने जो उपाय अपनाए उनमें शामिल हैं:
    • एक प्रणाली जिसके द्वारा 5 वर्षों के आवधिक आधार पर NHRI की समीक्षा की जाती है।
    • अधिक पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए NHRI के लिए एक अपील प्रक्रिया हैं।  
    • प्रत्येक एप्लिकेशन की अधिक प्रभावी समीक्षा और  अधिक केंद्रीकृत सिफारिशें
    • NHRI और अन्य हितधारकों द्वारा SCA सिफारिशों का व्यापक वितरण और अधिक ज्ञान ताकि वे देश में इसका पालन कर सकें और प्रमाणन प्रक्रिया में योगदान कर सकें।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC)

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में: भारत का NHRC वर्ष 1993 के मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम (Protection of Human Rights Act- PHRA) के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  • अधिदेश: NHRC ‘संविधान द्वारा गारंटीकृत या अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों में सन्निहित व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से संबंधित अधिकारों’ की सुरक्षा और प्रचार के लिए जिम्मेदार है।
  • चयन समिति: भारत के राष्ट्रपति चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करते हैं, जिसमें शामिल हैं:-
    • प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)
    • लोकसभा अध्यक्ष
    • केंद्रीय गृह मंत्री
    • राज्यसभा के उपसभापति
    • संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता
  • सदस्यता: इसमें एक अध्यक्ष, पाँच पूर्णकालिक सदस्य और 7 मानित सदस्य होते हैं। एक व्यक्ति, जो भारत का मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो, अध्यक्ष होगा।
    • दो सदस्य: एक जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है और एक सदस्य, जो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश है या रहा है।
    • तीन सदस्य: मानवाधिकारों से संबंधित मामलों का ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से एक महिला होगी।
    • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अल्पसंख्यक/पिछड़ा वर्ग/महिला/बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त पदेन सदस्यों के रूप में कार्य करते हैं।
  • सेवा और निष्कासन: वे तीन वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, सेवा करते हैं।
  • कार्य
    • जाँच: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग  (NHRC) अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में किसी भी सार्वजनिक अधिकारी की शिकायतों या विफलता की जाँच, स्वत: संज्ञान से या याचिका प्राप्त होने के बाद करता है।
    • रोकथाम और सुरक्षा: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जेलों में कैदियों की रहने की स्थिति की जाँच करने और उस पर सिफारिशें करने के लिए जिम्मेदार है।
    • मानव अधिकारों में अनुसंधान: आयोग मानव अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देता है और गैर-सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित करता है। जाँच करते समय, आयोग को सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
    • संधियों का प्रभावी कार्यान्वयन: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानव अधिकारों पर संधियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय उपकरणों का भी अध्ययन करता है और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करता है।
    • हस्तक्षेप: यह ऐसे न्यायालय की मंजूरी मिलने के बाद न्यायालय के समक्ष लंबित मानवाधिकारों के उल्लंघन के किसी भी आरोप से जुड़ी कार्यवाही में हस्तक्षेप कर सकता है।
  • मान्यता: वर्ष 1999 में NHRI के लिए मान्यता प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से इसे ‘A’ स्थिति NHRI के रूप में मान्यता दी गई है, जिसे वर्ष 2006, 2011 और वर्ष 2017 में स्थगन के बाद भी बरकरार रखा गया।
    • नागरिक समाज संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा भारत के रिकॉर्ड के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए वैश्विक निकाय को पत्र लिखने के बाद इस बार ‘A’ स्थिति को टाल दिया गया था।

NHRC की कार्यप्रणाली के खिलाफ SCA द्वारा उठाई गई चिंताएँ

  • हितों का टकराव: SCA ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस अधिकारियों को मानवाधिकार उल्लंघनों, विशेषकर पुलिस द्वारा किए गए उल्लंघनों की जाँच में शामिल करने में हितों का वास्तविक या कथित टकराव हो सकता है।
    • इससे निष्पक्ष जाँच करने की उनकी क्षमता के साथ-साथ पीड़ितों की मानवाधिकार न्याय तक पहुँचने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
  • सदस्यता में विविधता की कमी: इसने प्रमाणन/प्रत्यायन को स्थगित करने के कारणों के रूप में कर्मचारियों और नेतृत्व में विविधता की कमी तथा हाशिए पर रहने वाले समूहों की रक्षा के लिए अपर्याप्त कार्रवाई का हवाला दिया।
    • GANHRI ने NHRC की संरचना में ‘बहुलतावाद की कमी’ के बारे में संदर्भित किया है, जिसमें केवल एक महिला शामिल है, जो इसकी ‘पदेन’ प्रमुख है।
    • SCA ने आगे कहा कि, NHRC द्वारा अपने कर्मचारियों के रूप में सूचीबद्ध 393 कर्मचारियों में से केवल 95 पर महिलाएँ कार्यरत हैं।
  • अन्य मानवाधिकार निकायों के साथ अस्पष्ट सहयोग: SCA ने नोट किया कि NHRC और नागरिकसमाज के बीच संबंध प्रभावी या रचनात्मक नहीं है, विशेष रूप से NGO और मानवाधिकार रक्षकों (HRD) पर इसके मुख्य समूह के माध्यम से सहयोग के संबंध में।
  • नियुक्ति में पारदर्शिता का अभाव: नवंबर 2017 में NHRC की समीक्षा में, SCA  ने कहा कि वर्तमान में PHRA में निहित चयन प्रक्रिया पर्याप्त व्यापक एवं पारदर्शी नहीं है। 
  • महासचिव की नियुक्ति: चूँकि, NHRI के सदस्य सार्वजनिक क्षेत्र से हैं, विशेष रूप से सर्वोच्च रैंकिंग वाले सदस्य, संगठन की पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता पर सवाल उठाया गया है।
  • नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों को प्रभावित करने वाले कानूनों पर निगरानी: नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों के संबंध में कानूनों की समीक्षा के संबंध में अपने जनादेश का प्रयोग करने में NHRC की विफलता के बारे में चिंताएँ उठाई गई हैं।
    • इसमें विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2010, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, गैर-कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम 1967 शामिल हैं।
  • अन्य चिंताएँ
    • NHRC द्वारा बड़ी संख्या में शिकायतें पहले चरण में ही खारिज कर दी गईं।
    • मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अन्य मुद्दों के अलावा, वर्ष 2022 में बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार के दोषियों की रिहाई के संबंध में NHRC की ओर से कार्रवाई की स्पष्ट कमी के बारे में चिंता जताई है, जिन्होंने बाद में इस वर्ष की शुरुआत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
    • प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारियों की कमी, जो अधिकतर अनुबंध के आधार पर कार्य करते हैं।

आगे की राह

  • PHRA में संशोधन: SCA की सिफारिश है कि NHRC, PHRA में संशोधन की सिफारिश करना और इसकी जाँच संरचना में संशोधन करना
    • सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों को जाँच स्टाफ के रूप में कार्य करने की क्षमता समाप्त कर दी जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि NHRC स्वतंत्र रूप से ऐसे पदों पर उपयुक्त योग्य कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकता है।
    • NHRC को इस पद के लिए स्वतंत्र रूप से उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए सशक्त बनाने के लिए, महासचिव के पद हेतु एक वरिष्ठ सिविल सेवक को उपलब्ध कराने की सरकार की क्षमता को समाप्त कर देना।
  • पारदर्शी चयन प्रक्रियाओं की स्थापना: एक ऐसी प्रक्रिया, जो योग्यता आधारित चयन को बढ़ावा देती है और बहुलतावाद सुनिश्चित करती है, NHRC के नेतृत्व में जनता का विश्वास और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इसमें शामिल है:-
    • रिक्तियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना
    • विभिन्न सामाजिक समूहों एवं शैक्षणिक योग्यताओं से संभावित उम्मीदवारों की संख्या अधिकतम करना।
    • आवेदन, स्क्रीनिंग, चयन और नियुक्ति प्रक्रिया में व्यापक परामर्श और/या भागीदारी को बढ़ावा देना।
    • पूर्व-निर्धारित, वस्तुनिष्ठ और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मानदंडों के आधार पर आवेदकों का मूल्यांकन करना।
  • हितधारकों के साथ सामंजस्य स्थापित करना: यह अनुशंसा करता है कि NHRC नागरिक समाज और HRD के साथ रचनात्मक जुड़ाव और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए।
  • मानवाधिकार उल्लंघनों को संबोधित करना: SCA अनुशंसा करता है कि NHRC मानवाधिकारों के सभी उल्लंघनों को संबोधित करे और प्रभावी अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करे ताकि राष्ट्र यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बदलाव कर सके कि मानवाधिकारों की रक्षा की जा सके।
    • NHRC को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन मुद्दों पर उसकी स्थिति सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाए, क्योंकि इससे भारत में सभी लोगों के लिए संस्था की विश्वसनीयता और पहुँच को मजबूत करने में योगदान मिलेगा

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