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वैश्वीकरण और अमेरिकी आयात शुल्क

Lokesh Pal May 17, 2024 05:15 113 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विश्व व्यापार संगठन, एंटी डंपिंग ड्यूटी आदि। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: शीत युद्ध 2.0, व्यापार युद्ध आदि। 

संदर्भ: 

  • हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) के कार्यालय को 18 बिलियन डॉलर के चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने का निर्देश दिया।

मुक्त व्यापार सिद्धांतों को कमजोर करना:

  • संरक्षणवाद का प्रभाव: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी नौकरियों की रक्षा के लिए टैरिफ लगाकर 2018 में चीन के साथ व्यापार युद्ध शुरू किया। 
  • चीनी वस्तुओं के विरुद्ध दंडात्मक शुल्क: वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्यापार बाधाओं को और तीव्र कर दिया है, चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 27.5% से बढ़ाकर 102.5% कर दिया है, साथ ही लिथियम बैटरी, कंप्यूटर चिप्स, महत्त्वपूर्ण खनिजों, सौर सेल और अन्य वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क भी लगा दिया है।
  • संरक्षणवादी नीतियों के वैश्विक निहितार्थ: यह नीति सिर्फ़ लोकलुभावन नीति नहीं है, जिसे अमेरिकी राजनीति में सत्तावादी चीन के कारण नौकरियाँ जाने या उपयोगकर्ता बाज़ारों में होने वाली विकृति के बारे में प्रचलित चर्चा-परिचर्चा से बढ़ावा मिलता है। यह वैश्विक स्तर पर भेजे जाने वाला संदेश है।
  • मुक्त व्यापार नेतृत्व का परित्याग: इस सदियों पुराने नीतिगत उपकरण को द्विदलीय समर्थन के साथ, अमेरिका स्पष्ट रूप से मुक्त व्यापार के अग्रणी अधिवक्ता के रूप में अपनी स्थिति का परित्याग कर रहा है।

मुक्त व्यापार को खतरा:

  • व्यापार को हथियार के रूप में प्रयोग करना: अन्य देशों से आयात को बढ़ावा देने की अमेरिका की मंशा, जो संभवतः भारत के लिए लाभकारी है। यह उसके चीन विरोधी रुख के प्रभाव को कम नहीं करती है, जो न केवल संरक्षणवाद को बढ़ावा देकर, लागत में वृद्धि सुनिश्चित कराती है, बल्कि व्यापार को हथियार के रूप में भी बढ़ावा देती है।
  • अन्य तथ्य : यह अर्थशास्त्रियों, जलवायु अधिवक्ताओं और भू-राजनीतिक शांतिवाद के समर्थकों द्वारा समर्थित ऐतिहासिक सिद्धांतों के विपरीत है।
    • इतिहास हमें याद दिलाता है कि व्यापारिक संबंधों को तोड़ने से संघर्षों में तेज़ी आई है, जैसा कि एक सदी पहले देखा गया था।
  • मुक्त व्यापार के तर्क का लचीलापन: बाधाओं के बावजूद, मुक्त व्यापार एक ऐसे तर्क पर आधारित है जो चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है।
  • आर्थिक दक्षता की कुंजी: एडम स्मिथ के पिन फैक्ट्री उदाहरण के अनुरूप, जिसमें विशेषज्ञता कम संसाधनों के साथ उत्पादकता को बढ़ाती है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, विशेषज्ञतायुक्त अर्थव्यवस्था की समृद्धि को  बढ़ावा देती है।
  • अप्रतिबंधित वैश्विक बाजार में दक्षता: इसी प्रकार, अप्रतिबंधित वैश्विक बाजार में, आपूर्ति और माँग की गतिशीलता वैश्विक स्तर पर दक्षता को बढ़ावा देगी, जिसमें प्रतिस्पर्धा से लागत में कमी आएगी और मूल्य सृजन में वृद्धि होगी।
  • व्यापार में सापेक्ष लाभ: सैद्धांतिक रूप से, उत्पादकों को विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए केवल सापेक्ष लाभ की आवश्यकता होती है, जिससे व्यापार सभी प्रतिभागियों के लिए लाभप्रद हो जाता है, भले ही कुछ क्षेत्र में वह अन्य क्षेत्रों से पीछे ही क्यों न रह गए हों।
  • बाधा-मुक्त व्यापार की चुनौतियाँ: हालाँकि, वास्तविकता बाधा-मुक्त व्यापार के इस आदर्श से बहुत दूर है। 
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में, अन्यत्र कम लागत वाली फैक्टरियों को नौकरियों के आउटसोर्सिंग की चिंताओं के साथ-साथ एक नए शीत युद्ध की चिंताओं के कारण नीति-निर्माण में ध्यान केन्द्रित हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप सभी के लिए संभावनाएँ धूमिल हो गई हैं। 

व्यापार डंपिंग और भूराजनीतिक समाधान:

  • अमेरिकी बाधाओं से चीनी डंपिंग को लाभ  : संभवतः आंशिक रूप से अमेरिका को पुनः निर्यात करने के लिए, अमेरिका की कड़ी बाधाएँ चीन के सरकारी सब्सिडी प्राप्त निर्माताओं को भारत में सामान डंप करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। 
  • डंपिंग का पता लगाने की चुनौतियाँ: उत्पादन लागत से कम कीमत पर बेचे जाने वाले उत्पादों को डंप किया हुआ माना जाता है, और चीन की अस्पष्टता को देखते हुए, व्यापार नियमों के इस उल्लंघन को पकड़ना आसान नहीं है। 

भारत के लिए सिफारिशें:

  • आर्थिक विचारों में संतुलन: यद्यपि, चीनी आयात को कम करने और निर्यात अवसरों का लाभ उठाने के उपायों पर केंद्र सरकार विचार कर रही है, लेकिन आर्थिक तर्क को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
  • सस्ती चीनी वस्तुएँ और तकनीक के लाभ: सस्ती चीनी वस्तुओं, विशेष रूप से स्वच्छ-तकनीक क्षेत्रों में, न केवल हमारी अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं, बल्कि हमारे पर्यावरणीय उद्देश्यों को भी पूरा करने में सहायक हैं।  

निष्कर्ष:

अंततः, मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना सभी देशों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में वैध चिंताओं और चुनौतियों को प्रबंधित करते हुए मुक्त व्यापार के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                               

प्रश्न.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 

  1. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत  वाणिज्य विभाग, एंटी-डंपिंग ड्यूटी की सिफारिश करता है ; लेकिन अंतिम रूप से  वित्त मंत्रालय, भारत में एंटी-डंपिंग टैक्स लगाता है।
  2. एक एंटी-डंपिंग शुल्क इसके लागू होने की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि के लिये वैध रहता है, यदि इसे वैधता अवधि से पूर्व रद्द नहीं किया गया हो।
  3. व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR),सभी डंपिंग-रोधी, काउंटरवेलिंग शुल्क और अन्य व्यापार सुधारात्मक उपायों को लागू करने के लिये वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राधिकरण है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

  1. केवल एक 
  2. केवल दो 
  3. सभी तीनों  
  4. कोई भी नहीं 

उत्तर:(c)

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