100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत-ईएफटीए (EFTA) व्यापार समझौता

Lokesh Pal May 13, 2024 05:00 95 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: मुक्त व्यापार समझौता, टैरिफ और गैर-टैरिफ संबंधी बाधाएँ तथा यूरोपीय मुक्त व्यापार समझौता इत्यादि के बारे में।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: मुक्त व्यापार समझौते तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़ी चुनौतियाँ एवं उसके समाधान, अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून तथा अंतरराष्ट्रीय निवेश कानून संबंधी नीतियाँ एवं प्रावधान ।

संदर्भ:

  • हाल ही में, भारत द्वारा यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता किया गया।
    • इस समझौते में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं।

भारत और ईएफटीए (EFTA) के मध्य मुक्त व्यापार समझौता:

  • पर्यावरण और श्रम का एकीकरण: इस समझौते के माध्यम से भारत पर्यावरण और श्रम जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों को शामिल करने पर सहमत हुआ है। 
    • भारत इन मुद्दों को पारंपरिक रूप से व्यापार समझौतों में शामिल करने का विरोध करता रहा है।
  • निवेश सुविधा पर जोर: भारत के ईएफटीए (EFTA) मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में एक विस्तृत निवेश का अध्याय शामिल है, जो अन्य हालिया भारतीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में नहीं देखे जा सकते हैं।
    • यह निवेश सुविधा के मुद्दों पर केंद्रित है, न कि निवेश सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर।
  • ईएफटीए राष्ट्रों से एफडीआई प्रतिबद्धता: भारत ईएफटीए देशों के साथ यह समझौता करने में  कामयाब रहा है कि वे एफटीए लागू होने के 10 वर्षों के भीतर भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाने का “लक्ष्य” निर्धारित करंगे।
    • इसके बाद अगले पाँच वर्षों में 50 बिलियन डॉलर और मिलेंगे।
  • भारत में रोजगार सृजन के प्रति प्रतिबद्धता: इस निवेश अध्याय के अनुच्छेद 7.1(3)(बी) में यह प्रावधान किया गया है कि ईएफटीए राज्यों का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में भारत में दस लाख नौकरियों के सृजन को सुविधाजनक बनाना होगा।
    • इस समझौते द्वारा आचरण के दायित्व को संहिताबद्ध करने पर बल दिया गया है – किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, परिणाम के बावजूद, ईमानदार प्रयास करने के  दायित्व पर बल दिया गया है।
    • ईएफटीए देश भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करने और दस लाख नौकरियों के सृजन के लिए प्रयास करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं।

भारत का मुक्त व्यापार समझौता:

  • बाध्यकारी व्यापार और निवेश नियम: एफटीए में नियमित रूप से व्यापार और निवेश दोनों पर बाध्यकारी नियम होते हैं।
    • इस सदी के पहले दशक में जापान, कोरिया, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों के साथ हस्ताक्षरित भारत के एफटीए इसी आर्थिक तर्क पर आधारित हैं।
  • निवेश को वरीयता : बाध्यकारी व्यापार नियमों के अलावा, इन सभी में निवेश की सुरक्षा के प्रावधानों के साथ एक विस्तृत निवेश अध्याय शामिल है, जो सुरक्षा के स्थान पर निवेश को अधिक वरीयता प्रदान करता है। 
  • एफटीए 2.0: भारत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून को अंतरराष्ट्रीय निवेश कानून से अलग कर दिया।
    •  इसमें ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात के साथ एफटीए जिसमें बाध्यकारी व्यापार तो है लेकिन निवेश नियमों का अभाव देखा गया है।
  • व्यापार और निवेश के लिए अलग-अलग समझौते: भारत का दृष्टिकोण एक ही देश के साथ व्यापार और निवेश पर अलग-अलग समझौते करने जैसा प्रतीत होता है।
    • यह संयुक्त अरब अमीरात के मामले में अधिक स्पष्ट रूप से देखा गया है। 
    • 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के बाद, नई दिल्ली और अबू धाबी ने इस वर्ष की शुरुआत में एक द्विपक्षीय निवेश संधि में प्रवेश किया है।
  • भारत-यूके अलगाव: ब्रिटेन के लिए संबंध विखंडन दृष्टिकोण, जहाँ व्यापार और निवेश समझौतों पर दो अलग-अलग संधियों के रूप में बातचीत की जाती है।

आगे की राह:

  • स्पष्ट एफटीए नीति की आवश्यकता: विशेषकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेशी निवेश कानूनों से आसानी से निपटने के लिए, भारत को एक स्पष्ट एफटीए नीति की आवश्यकता है।
  • व्यापार और निवेश को एकीकृत करना: भारत न केवल व्यापार बल्कि किसी विशेष देश से उच्च निवेश प्रवाह की भी अपेक्षा करता है। निम्न महत्त्वपूर्ण तत्त्वों को इसकी एफटीए नीति में शामिल किया जाना चाहिए:
    • भारत को एक व्यापक आर्थिक संधि के हिस्से के रूप में व्यापार और निवेश पर ध्यान देना चाहिए।
    • व्यापार को निवेश से पृथक करने संबंधी दृष्टिकोण अधिक प्रभावी नहीं है।
    • व्यापार और निवेश अर्थात दोनों के समावेश से भारत को लाभकारी सौदा करने के लिए स्पष्टता का लाभ मिलेगा।
      • उदाहरण: भारत यह तर्क दे सकता है कि उसे निवेश पर रियायत देने के बजाए व्यापार में अधिक रियायतों की आवश्यकता है या इसके विपरीत।
  • निवेश संरक्षण को मजबूत करना: भारत को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एक प्रभावशाली विवाद निपटान तंत्र के साथ, निवेश के मुद्दों के दायरे को केवल सुविधा से प्रभावी सुरक्षा तक विस्तारित करने पर विचार करना चाहिए।
  • निवेशकों का विश्वास बढ़ाना: अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर, मजबूत कानूनी सुरक्षा प्रदान करने से भारत के पक्ष में निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  • स्पष्ट एफटीए नीति का महत्त्व: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्तर में गिरावट को देखते हुए, देश को उच्च आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए एक प्रभावी व स्पष्ट रुप से परिभाषित और समावेशी एफटीए नीति की आवश्यकता है।

निष्कर्ष:

निष्कर्षतः यह एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है। व्यापार संवर्धन के साथ-साथ लक्ष्य-उन्मुख निवेश सुविधा को प्राथमिकता देकर, भारत आर्थिक विकास के नए अवसर प्राप्त कर सकता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकता है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                       (UPSC : 2018)                                                                  

प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: 

  1. ऑस्ट्रेलिया    
  2. कनाडा    
  3. चीन  
  4. भारत    
  5. जापान   
  6. यू.एस.ए.

उपर्युक्त में से कौन-कौन  आसियान (ASEAN) के ‘मुक्त व्यापार भागीदारों’ में से हैं?

(a) 1, 2, 4 और 5

(b) 3, 4, 5 और 6

(c) 1, 3, 4 और 5

(d) 2, 3, 4 और 6

उत्तर: (c)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.