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भारतीय रेलवे की विरोधाभासी वास्तविकताएँ

Lokesh Pal May 13, 2024 05:30 107 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: औपनिवेशिक काल एवं भारतीय रेल व्यवस्था का विकास। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारतीय रेलवे का इतिहास, भारतीय रेलवे से जुड़े मुद्दे, भारतीय रेल प्रणाली का आधुनिकीकरण एवं भारतीय रेल प्रणाली के निजीकरण का मुद्दा तथा संबंधित चुनौतियाँ।   

संदर्भ: 

हाल ही में भारत सरकार ने रेलवे के आधुनिकीकरण की आवश्यकता को पहचाना और मौजूदा ट्रेनों को विश्व स्तरीय परिवहन में बदलने के लिए एक महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत की।

भारतीय रेलवे का इतिहास:

  • औपनिवेशिक काल: 1853 में भारत में सर्वप्रथम रेल औपनिवेशिक हितों के लिए अंग्रेजों द्वारा प्रारंभ की गयी थी। 
    • उस समय भारतीय रेल नेटवर्क चीन से भी अधिक विकसित अवस्था में था।
    • 1951 में भारतीय रेलवे का राष्ट्रीयकरण किया गया, यह एशिया का दूसरा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बना। 
  • वर्तमान में भारतीय रेलवे के पास  इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन, वातानुकूलित ट्रेन, सौर संचालित ट्रेन के साथ ही सीएनजी आधारित ट्रेनों का एक विस्तृत नेटवर्क है। 
  • चीनी बुनियादी ढाँचे से प्रतिस्पर्धा : हालाँकि, अब भी भारतीय रेल नेटवर्क, चीन के बुनियादी ढाँचे के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

भारतीय रेलवे के समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियाँ :

  • क्षमता: त्यधिक भीड़, विशेषकर गैर-वातानुकूलित कोचों में पूरे रेल तंत्र पर अत्यधिक दबाव डाल रही है ।
  • गति: खराब ट्रैक नेटवर्क ट्रेन की गति को कम करने का कार्य कर रहा है।
  • सुरक्षा और देरी: दुर्घटनाएँ, सुरक्षा से संबंधित रिक्त पद और लगातार देरी।
    • ट्रैक क्षमता: 40% ट्रैक क्षमता पर अत्यधिक बोझ
    • दुर्घटनाएँ: अधिकांश दुर्घटनाएँ खराब एवं पुरानी ट्रैक प्रणाली के कारण ट्रेन के पटरी से उतर जाने से होती हैं।
    • सुरक्षा कार्मिक: सुरक्षा कार्मिकों के रिक्त पद और टक्कर-रोधी प्रणालियों की कमी मुख्य मुद्दा है ।
    • बिलंब : ट्रेन प्रणाली का समयबद्ध व सुचारु रुप से संचालन न किए जाने की वजह से यात्रा में विलंब होता है।
  • रेलवे वित्त: रेलवे वित्त घाटे में चल रहा है इसके अलावा क्रॉस-सब्सिडी और परियोजना में देरी की समस्या से भी भारत का रेल तंत्र जूझ रहा है।
    • ऑपरेटिंग अनुपात: 107 (100 रुपये कमाने के लिए 107 रुपये खर्च करना)।
    • क्रॉस-सब्सिडी: माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के बीच से।
    • पूंजी निवेश: बुनियादी ढाँचे के लिए बजट और ऋण पर निर्भरता।
    • लंबित परियोजना : अत्यधिक लागत एवं वित्त की कमी परियोजनाओं के संचालन में बिलंब के विविध कारणों में से एक हैं।
    • राजस्व हानि: बिना टिकट यात्रा के कारण रेलवे तंत्र को राजस्व संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

आगे की राह:

  • बुनियादी ढाँचे में निवेश: बुनियादी ढाँचे में निवेश कर उसे विश्वसनीय बनाया जाना चाहिए। 
  • विनिर्माण मॉडल: चीन या अन्य देशों के लागत प्रभावी विनिर्माण मॉडल को अपनाया जाना चाहिए।    
  • मिशन रफ़्तार: ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए मिशन रफ़्तार और वंदे भारत जैसे ढाँचे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 
  • हाई-स्पीड ट्रैक: हाई-स्पीड संगत ट्रैक का विकास किया जाना चाहिए। 
  • डिजिटल बुकिंग: भीड़-भाड़ से और टिकट चोरी से बचने के लिए डिजिटल बुकिंग तंत्र को आसान व प्रभावी बनाया जाना चाहिये। 
  • रेल बजट बढ़ाना: बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए रेल बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है। 

निष्कर्ष:

निष्कर्षतः पर्यावरण अनुकूल ठोस प्रयासों और रणनीतिक योजनाओं के माध्यम से, भारतीय रेलवे भारत के आर्थिक विकास और सामाजिक कनेक्टिविटी में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए दक्षता, सुरक्षा और आधुनिकीकरण के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                              

प्रश्न.  “भारतीय रेल को भारत की  अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है”। भारतीय रेल के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के आलोक में इस कथन पर प्रकाश डालिए। (250 शब्द)

हल करने का दृष्टिकोण:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में भारतीय रेलवे के महत्त्व का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के प्रभावों की चर्चा कीजिये।
  • तर्कपूर्ण सुझावों के साथ, आगे की राह बताइये।
  • प्रभावी और समग्र निष्कर्ष दीजिये।

परिचय : 

भारतीय रेल विश्व में एकल प्रबंधन के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा उद्यम है,जिसका प्रभाव न केवल देश की सामाजिक गतिविधियों पर पड़ा है, बल्कि इससे हमारी कला, संस्कृति और  साहित्य भी काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा भारतीय रेल ने भारत की जनता को एकता के सूत्र में बांधकर उनके मध्य विविधतामूलक संस्कृति के प्रसार का काम किया है।आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के साथ भारतीय रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था में और भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने, विकास को गति देने, यात्री सुविधा में सुधार करने और देश के समग्र विकास में योगदान देने की दिशा में अग्रसर है।

भारतीय रेलवे प्रणाली

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर अनेक सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं, जैसे:

  • दक्षता में वृद्धि: कम्प्यूटरीकृत टिकटिंग, जीपीएस-आधारित ट्रेन ट्रैकिंग और वस्तु परिवहन के लिये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसी उन्नत तकनीकों की शुरुआत से लोगों को लाभ हुआ है। इनके विकास के परिणामस्वरूप, रेलवे सेवाओं की माँग में वृद्धि होने तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ सरकार को पर्याप्त राजस्व की भी प्राप्ति हुई है।
  • प्रभावी लागत में वृद्धि: इस क्षेत्र के डिजिटलीकरण ने भारतीय रेलवे के परिचालन को सुव्यवस्थित करने, लागत कम करने और लाभप्रदता बढ़ाने में मदद की है। इसने बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण तथा सेवाओं में सुधार को संभव बनाया है।
  • कनेक्टिविटी : भारतीय रेलवे ने दूर-दराज के क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के मध्य अंतर को कम करने में मदद की है। इससे नए बाज़ारों और उद्योगों का विकास हुआ है जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास तथा जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
  • रोज़गार के अवसर: भारतीय रेलवे, भारत में लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान करता है। इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर सृजित होने की उम्मीद है जिससे आर्थिक गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
  • बेहतर परिवहन सुविधा: भारतीय रेलवे के डिजिटलीकरण से वस्तुओं के परिवहन में सुधार हुआ है, परिवहन में लगने वाले समय में कमी आई है। वैश्विक व्यापार में भारतीय अर्थव्यवस्था की समग्र प्रतिस्पर्धा में सुधार हुआ है।

आगे की राह:

  • हाल ही में रेल मंत्री द्वारा भारतीय रेलवे नवाचार नीति- “रेलवे के लिये स्टार्टअप” (StartUps For Railways) नीति की शुरुआत की है। 
    • यह नीति रेलवे के डिजिटलीकरण के प्रभाव में, पारंपरिक कार्यप्रणाली से डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर अग्रसर करने को प्रोत्साहित करती है। 
    • इसमें रियल टाइम डाटा कैप्चरिंग और रिकॉर्डिंग, डिजिटल सहयोग, डिजिटल हस्ताक्षरित बिल इत्यादि शामिल हैं | 
  • इसके अलावा रेलवे बजट में बढ़ोतरी करके, रेलवे परिसंपत्तियों का कुशलतम उपयोग, शत प्रतिशत विद्युतीकरण आदि सुनिश्चित कर विश्वसनीयता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 

निष्कर्ष : भारतीय रेलवे प्रतिदिन करोड़ों नागरिकों के लिये ‘लाइफलाइन’ की तरह काम करती है। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। रेलवे सुविधाओं का आधुनिकीकरण और ट्रेनों की गति में वृद्धि भारत के कार्यबल को और अधिक उत्पादक बनाने की दिशा में दीर्घकालिक योगदान कर सकने में सक्षम है ।

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