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फल पकाने में कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध

Lokesh Pal May 21, 2024 05:08 130 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने विशेष रूप से आम के फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड पर प्रतिबंध का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यापारियों/फल संचालकों/खाद्य व्यवसाय संचालकों को सचेत किया है।

संबंधित तथ्य

  • FSSAI, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभागों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के प्रावधानों के अनुसार ऐसी गैर-कानूनी प्रथाओं में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सतर्क रहने, गंभीर कार्रवाई करने और सख्ती से निपटने की सलाह दे रहा है।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006:

  • FSS अधिनियम, 2006 उन विभिन्न अधिनियमों एवं आदेशों को समेकित करता है जो अब तक विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाद्य संबंधी मुद्दों से निपटने में सहायक थे, जैसे –
    • खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954
    • फल उत्पाद आदेश, 1955
    • मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973
    • वनस्पति तेल उत्पाद (नियंत्रण) आदेश, 1947
    • खाद्य तेल पैकेजिंग (विनियमन) आदेश, 1988
    • दूध और दुग्ध उत्पाद आदेश, 1992
  • मुख्य विशेषताएँ
    • इस अधिनियम का उद्देश्य बहु-स्तरीय और बहु-विभागीय नियंत्रण से एकल नियंत्रण की ओर बढ़ते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानकों से संबंधित सभी मामलों हेतु एकल संदर्भ बिंदु स्थापित करना है।
    • अधिनियम के अंतर्गत FSSAI तथा प्रत्येक राज्य के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा प्राधिकरणों की स्थापना हुई।
    • नियमों में खाद्य सुरक्षा मामलों के अधिनिर्णयन हेतु खाद्य सुरक्षा अपीलीय अधिकरण एवं अपीलीय अधिकरण के पंजीयक का प्रावधान किया गया है।
    • इसमें लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण, खाद्य व्यवसायों की लेबलिंग एवं उत्पादों की पैकेजिंग, खाद्य उत्पाद मानक तथा खाद्य योजक विनियमन शामिल हैं।
    • यह गैर-निर्दिष्ट खाद्य और खाद्य सामग्री के विक्रय या अनुमोदन पर रोक लगाता है तथा प्रतिबंधित करता है, ऐसे तत्त्व मानव स्वास्थ्य को हानि पहुँचा सकते हैं।
    • यह जैविक खाद्य पर खाद्य सुरक्षा एवं मानकों का प्रावधान करता है तथा खाद्य विज्ञापन को नियंत्रित करता है।

  • प्रतिबंध के कारण
    • कैल्शियम कार्बाइड, जो आमतौर पर आम जैसे फलों को पकाने के लिए उपयोग किया जाता है, से एसिटिलीन गैस उत्सर्जित होती है, जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। 
    • ये पदार्थ, जिन्हें ‘मसाला’ के नाम से भी जाना जाता है, चक्कर आना, मुँह सूखना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर आदि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। 
    • इसके अलावा, एसिटिलीन गैस इससे संबंधित काम करने वालों के लिए भी खतरनाक है। 
      • यह संभव है कि कैल्शियम कार्बाइड फलों के सीधे संपर्क में आ जाए और फलों पर आर्सेनिक तथा फास्फोरस उस्त्सर्जित करे।
    • इन खतरों के कारण, खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) के विनियमन 2.3.5 के तहत फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
      • इस विनियमन में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति इसकी बिक्री या पेशकश नहीं करेगा अथवा किसी भी विवरण के तहत बिक्री के उद्देश्य से अपने परिसर में बिक्री के लिए ऐसे फल नहीं रखेगा, जो एसिटिलीन गैस, जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, के उपयोग द्वारा कृत्रिम रूप से पकाए गए हैं। 
  • अनुमोदित विकल्प
    • प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड के बड़े पैमाने पर उपयोग के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, FSSAI, ने भारत में फलों को पकाने के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के उपयोग की अनुमति दी है। 

एथिलीन गैस

  • एथिलीन, फलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जो रासायनिक और जैव-रासायनिक गतिविधियों की एक शृंखला शुरू और नियंत्रित करके पकने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है। 
  • कच्चे फलों को एथिलीन गैस से उपचारित करने पर प्राकृतिक रूप से पकने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जब तक कि फल स्वयं पर्याप्त मात्रा में एथिलीन का उत्पादन शुरू नहीं कर देता।

    • एथिलीन गैस का उपयोग फसल, किस्म और परिपक्वता के आधार पर 100 μl/L तक की सांद्रता में किया जा सकता है। 
  • कैल्शियम कार्बाइड
    • रासायनिक सूत्र: CaC2 
    • इसे ‘मसाला’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका उपयोग फल पकाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है।
    • इसका निर्माण इलेक्ट्रिक आर्क भट्टी में चूने और कार्बन के मिश्रण को 2000 से 2100°C (3632 से 3812°F) तक गर्म करके किया जाता है ।
    • इसे खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के उप-विनियम के प्रावधान के अनुसार प्रतिबंधित किया गया है।
    • इसका उपयोग खनन और धातु उद्योगों के साथ-साथ एसिटिलीन गैस के उत्पादन में भी किया जाता है।
    • यह एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील यौगिक है और एसिटिलीन गैस उत्सर्जित करता है, जिसका उपयोग फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए किया जाता है।

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