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IREDA द्वारा FPO जारी करने की योजना

Lokesh Pal May 22, 2024 04:40 168 0

संदर्भ 

भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र में बढ़ते वित्तपोषण के अवसरों और कंपनी की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक ’फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग’ (FPO) शुरू करने की योजना बना रही है।

संबंधित तथ्य

  • हाल ही में, कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC), GIFT सिटी, गुजरात में एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी IREDA ग्लोबल ग्रीन एनर्जी फाइनेंस IFSC लिमिटेड की स्थापना की।
  • पिछले महीने इसे नवरत्न का दर्जा भी प्राप्त हो गया।
  • इरेडा ने दिसंबर 2023 में अपना ‘इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग’ (IPO) लॉन्च किया।
  • 31 मार्च, 2024 तक इरेडा की कुल संपत्ति पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 44.2% बढ़कर 8,559.43 करोड़ रुपये तक पहुँच गई।
  • इस वित्तीय वर्ष में 24,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
  • यह वर्तमान में हरित ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र की NBFC है।

’फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग’ (FPO)

  • संदर्भ: FPO वह तरीका है, जिसके द्वारा एक कंपनी, जो पहले से ही स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है, जनता से धन जुटा सकती है। 
    • FPO को द्वितीयक ऑफरिंग के रूप में भी जाना जाता है

  • FPO के प्रकार: नए ग्राहकों को स्वामित्व कैसे दिया जा रहा है, इसके आधार पर FPO को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है- एक ‘डाइल्यूटिव FPO’ या एक ‘नॉन-डाइल्यूटिव FPO’।

कंपनी द्वारा अपना FPO लाने के कारण

  • विस्तार के लिए: एक कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं और भविष्य की परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए धन जुटाने हेतु FPO का उपयोग कर सकती है।
  • ऋण कम करने के लिए: यदि किसी कंपनी पर अधिक कर्ज है, तो वह FPO के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग करके अपने ऋण को कम करने का निर्णय ले सकती है।
    • हालाँकि, ये दोनों आवश्यकताएँ तभी पूरी होंगी जब जुटाया गया फंड कंपनी के स्वामित्व में आएगा। ऐसा डाइल्यूटिव FPO के मामले में होता है।
  • सार्वजनिक शेयरधारिता बढ़ाना: ‘नॉन-डाइल्यूटिव FPO’ रखने का एक प्राथमिक कारण यह है कि जब कोई कंपनी, मूल कंपनी में सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। अधिक सार्वजनिक शेयरधारिता अधिक सार्वजनिक भागीदारी की सुविधा प्रदान करती है, जिसके परिणामस्वरूप शेयरों के बेहतर मूल्य की प्राप्ति होती है।
    • ‘नॉन-डाइल्यूटिव FPO’ के मामले में, जुटाई गई धनराशि मौजूदा शेयरधारकों को उनके शेयर बेचने के लिए वितरित की जाती है।

’फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग’ (FPO) और ‘इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग’ (IPO) के बीच अंतर

  • FPO एक ‘इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग’ (IPO) के समान लगता है, हालाँकि वे अलग होते हैं।
  • जब कोई कंपनी पहली बार जनता से धन जुटाती है और फिर सूचीबद्ध हो जाती है तो उसे IPO कहा जाता है। जबकि जब कोई कंपनी जो पहले से ही एक्सचेंज पर सूचीबद्ध है, जनता से धन जुटाती है तो उसे FPO कहा जाता है। इसका मतलब है कि IPO के बाद FPO आता है।
  • FPO की तुलना में IPO में निवेश करते समय जोखिम कारक कहीं अधिक होते हैं।

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