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न्यूक्लियोसिंथेसिस

Lokesh Pal May 22, 2024 04:52 122 0

संदर्भ

स्टेलर न्यूक्लियोसिंथेसिस (Stellar Nucleosynthesis) नामक प्रक्रिया के तहत तारे अपने कोर के अंदर तत्त्वों का निर्माण करते हैं।

स्टेलर न्यूक्लियोसिंथेसिस 

  • परिचय: इस प्रक्रिया द्वारा तारे अपने नाभिक के भीतर तत्त्वों का निर्माण करते हैं।
    • एकमात्र अपवाद हाइड्रोजन है, जिसकी उत्पत्ति बिग बैंग के तुरंत बाद हुई थी। यह सबसे हल्का तत्त्व है तथा ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

  • स्टेलर कोर में चरम स्थितियाँ: तारों के नाभिक में अत्यधिक दबाव एवं तापमान होता है।
    • उदाहरण के लिए, सूर्य के केंद्र में तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। ऐसी चरम स्थितियों में परमाणु का नाभिक परमाणु संलयन की प्रक्रिया से गुजरता है।
  • हाइड्रोजन में संलयन प्रक्रिया (Fusion Process): हाइड्रोजन के नाभिक में एक प्रोटॉन होता है। हाइड्रोजन के दो नाभिक मिलकर हीलियम नाभिक का निर्माण करते हैं, जिसमें दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन होते हैं। इस संलयन प्रक्रिया को प्रोटॉन-प्रोटॉन (P-P) शृंखला के रूप में जाना जाता है।
  • विशाल तारों में न्यूक्लियोसिंथेसिस: हालाँकि, अधिक विशाल तारें अपनी उच्च ऊर्जा के कारण न्यूक्लियोसिंथेसिस की अलग प्रक्रिया का अनुसरण करते हैं। इन तारों का नाभिक बहुत गर्म होता है, जहाँ कार्बन-नाइट्रोजन-ऑक्सीजन (CNO) चक्र संचालित होता है।
    • इस चक्र में, कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के नाभिक विभिन्न तत्त्वों के निर्माण के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं।
    • लौह उत्पादन: जब तारे के नाभिक में संलयन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो इसका नाभिक सिकुड़ जाता है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है फलस्वरूप परमाणु पुनः सक्रिय हो जाता है। 
      • संकुचन और संलयन का चक्र तब तक जारी रहता है, जब तक तारा के नाभिक में लोहे का उत्पादन शुरू नहीं हो जाता। लोहा हल्के तत्त्वों की श्रेणी में आता है, जिसकी संलयन की प्रक्रिया में आवश्यक ऊर्जा की मात्रा उत्पादित ऊर्जा से अधिक होती है।
      • लोहे से भारी तत्त्वों को किसी तारे के बाहर सुपरनोवा की स्थिति में संश्लेषित किया जा सकता है।

  • कार्बन-नाइट्रोजन-ऑक्सीजन (CNO) चक्र: यह कार्बन-नाइट्रोजन-ऑक्सीजन चक्र को संदर्भित करता है। यह स्टेलर न्यूक्लियोसिंथेसिस की प्रक्रिया है, जिसमें तारें छह-चरण अनुक्रम के माध्यम से हाइड्रोजन को हीलियम में जोड़ते हैं।
  • सुपरनोवा (Supernova): सुपरनोवा की स्थिति किसी तारे के जीवनकाल के अंतिम चरण से संबंधित है, जब प्रकाशीय विस्फोट के साथ तारा नष्ट हो जाता है।

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