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विदेश में NRI विवाह और भारत में उत्तराधिकार संबंधी अधिकार

Lokesh Pal May 23, 2024 03:05 103 0

संदर्भ

भारत के कानूनी ढाँचे के भीतर उत्तराधिकार अधिकारों को समझना विदेशी नागरिकों से विवाहित अनिवासी भारतीयों (Non Resident Indians- NRI) के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है।

अनिवासी भारतीय (NRI): एक भारतीय नागरिक, जो आमतौर पर भारत से बाहर रहता है एवं उसके पास भारतीय पासपोर्ट है।

ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI): नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारक के रूप में पंजीकृत एक व्यक्ति।

संबंधित तथ्य

  • बच्चों और जीवनसाथियों के वित्तीय अधिकारों संबंधी कानूनी जटिलताएँ: NRI , जिनकी शादियाँ भारत में नहीं हुई थीं, उनके बच्चों एवं जीवनसाथियों के वित्तीय अधिकारों के संबंध में प्रश्न अक्सर उठते रहते हैं।

भारत में उत्तराधिकार संबंधी अधिकार

  • उत्तराधिकार वर्तमान में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम (ISA), 1925, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (HSA), 1956 एवं असंहिताबद्ध मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim personal law) द्वारा शासित होता है।
  • हिंदू उत्तराधिकार कानून हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 द्वारा शासित होता है। यह अधिनियम किसी भी संपत्ति उत्तराधिकार पर लागू नहीं होता है, जो भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 द्वारा विनियमित है।

हिंदू कानून के तहत संपत्ति का उत्तराधिकार: इसे निम्नलिखित में विभाजित किया गया है:

  • वसीयतनामा उत्तराधिकार (Testamentary Succession): जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो संपत्ति का वितरण वसीयत करके किया जाता है।
  • निर्वसीयत उत्तराधिकार (Intestate Succession): इसमें कानून के संचालन द्वारा संपत्ति का वितरण शामिल होता है, जब किसी व्यक्ति की वसीयत किए बिना मृत्यु हो जाती है।

भारत में NRI के लिए कानूनी प्रावधान

  • NRI के लिए विवाह पंजीकरण आवश्यकताएँ: कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, विदेश में शादी करने वाले NRI जोड़ों को भारत में अपनी शादी को पंजीकृत करने की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते कि यह उस देश में विधिवत पंजीकृत हों, जहाँ उन्होंने शादी की है। 
    • भारत से विवाह प्रमाण-पत्र उनके पति/पत्नी एवं बच्चों के विरासत अधिकारों के लिए अनावश्यक है।
  • तलाक या मृत्यु में अधिकार: भले ही ऐसे जोड़े का तलाक हो जाए या पति-पत्नी में से एक की मृत्यु हो जाए, जीवित पति या पत्नी एवं उनके बच्चे वसीयत या उत्तराधिकार के माध्यम से भारत में संपत्ति प्राप्त करने के हकदार हैं।
    • यहाँ तक ​​कि लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए या विदेश में भारतीयों द्वारा गोद लिए गए बच्चे भी भारत में उत्तराधिकार के हकदार हैं। 
  • आवासीय स्थिति के बावजूद विरासत के अधिकार: वे भारत में विरासत के हकदार हैं, भले ही दोनों पक्ष निवासी भारतीय या NRI हों या एक NRI से विवाहित विदेशी नागरिक हो।

विदेशी विवाह अधिनियम, 1969: इसके तहत, राजनयिक या कांसुलर अधिकारियों को विवाह अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है एवं विवाह के पंजीकरण के बाद, वे विवाह का प्रमाण-पत्र जारी करते हैं, जो भारत में वैध विवाह का प्रमाण है।

  • विदेशी जीवनसाथी का अधिकार (Foreign Spouse Entitlement): विदेशी पति या पत्नी भी भारत में दिवंगत NRI पति या पत्नी की संपत्ति का उत्तराधिकार पाने के हकदार हैं क्योंकि विदेशी होने के कारण उन्हें उत्तराधिकार की परिधि से बाहर नहीं किया जाता है। 
  • NRI के लिए उत्तराधिकार कानून: उत्तराधिकार के कानून किसी को भी उत्तराधिकार के माध्यम से भारत में संपत्ति प्राप्त करने से नहीं रोकते हैं, जिसमें NRI एवं उनके निकटतम रिश्तेदार शामिल हैं।
    • ऐसे विवाह से पैदा हुआ बच्चा उत्तराधिकार के माध्यम से भारत में संपत्ति प्राप्त करने का स्वचालित रूप से हकदार है।
    • एक विवाह, जो स्थानीय कानूनों के अनुसार विदेश में विधिवत पंजीकृत है, वह उत्तराधिकार का दावा करने के लिए भारत में मान्य है।
    • इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए NRI के पास दो विकल्प हैं:
      • वे या तो उस देश के नागरिक कानूनों के तहत अपनी शादी को पंजीकृत कर सकते हैं, जहाँ उन्होंने शादी की है एवं अभिप्रमाणन प्राप्त कर सकते हैं। 
      • वे विदेशी विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी का पंजीकरण करा सकते हैं।

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955: यह हिंदुओं के बीच विवाह से संबंधित कानून में संशोधन और संहिताबद्ध करता है।

विशेष विवाह अधिनियम (SMA), 1954: इसमें भारत के लोगों एवं विदेशों में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों के लिए नागरिक विवाह का प्रावधान है, चाहे किसी भी पक्ष का धर्म या आस्था कुछ भी हो।

उत्तराधिकार के लिए कानूनी चरण

  • भारत में विदेशी नागरिकों से शादी करने वाले NRI को विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी का पंजीकरण कराना होगा।
    • ऐसे विवाहों में, उत्तराधिकार अधिकार भारतीय जीवनसाथी के व्यक्तिगत कानूनों के बजाय भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 द्वारा शासित होते हैं।
    • हालाँकि, यदि दोनों पक्ष अलग-अलग देशों से होने के बावजूद हिंदू हैं, तो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 एवं इसका वर्ष 2005 का संशोधन लागू होता है।

अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक 

(Marriage of Non-Resident Indian Bill), 2019

  • इसके लिए NRI को शादी के 30 दिनों के भीतर भारत में अपनी शादी का पंजीकरण कराना होगा, चाहे वह भारत में या विदेश में हुई हो। अनुपालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
  • इस विधेयक का उद्देश्य महिलाओं को उनके NRI पतियों द्वारा त्याग दिए जाने से बचाना है।

  • OCI कार्ड की आवश्यकता: एक NRI के लिए जो भारतीय नागरिक है, विवाह के बाद भारत में उत्तराधिकार संबंधी अधिकारों की सुरक्षा के लिए किसी और कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
  • हालाँकि, NRI जो दूसरे देश के नागरिक हैं, उन्हें अपने धर्म के आधार पर व्यक्तिगत उत्तराधिकार कानूनों के तहत अपने अधिकारों के तेजी से क्रियान्वयन के लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
  • विवाह प्रमाण-पत्र की आवश्यकता: उत्तराधिकार से परे, भारत में विदेशी जीवनसाथी एवं बच्चों के लिए वीजा, पासपोर्ट, बीमा, बैंक खाते तथा अन्य दस्तावेज प्राप्त करने के लिए विवाह प्रमाण-पत्र महत्त्वपूर्ण है।

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