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Lokesh Pal May 22, 2024 05:00 87 0
हाल ही में बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मध्य 43वीं बैठक सम्पन्न हुयी, जो उनके बढ़ते पश्चिम विरोधी रणनीतिक अभिसरण को उजागर करती है। इस ऐतिहासिक यात्रा से पश्चिमी देशों को उम्मीद है कि चीन सकारात्मक रुख अपनाते हुए रुस-यूक्रेन संघर्ष में विराम के लिए सुझाव प्रस्तुत कर सकता है।
निष्कर्षतः भारत को अपनी रूस रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, क्योंकि पुतिन का शी जिनपिंग के साथ गठबंधन भारत की बहुध्रुवीय एशिया महत्वाकांक्षाओं को खतरे में डाल सकता है और चीन के साथ सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाने में योगदान कर सकता है।
प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न : (UPSC :2016)प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” का उल्लेख किसके संदर्भ में किया जाता है?
उत्तर:(d) मुख्य परीक्षा प्रश्न. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को चीन की बड़ी ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल के मुख्य उपसमुच्चय के रूप में देखा जाता है। CPEC का संक्षिप्त विवरण दीजिये और उन कारणों का उल्लेख कीजिये जिनकी वज़ह से भारत ने खुद को इससे दूर किया है। (UPSC :2018) प्रश्न. “चीन एशिया में संभावित सैन्य शक्ति की स्थिति विकसित करने के लिये अपने आर्थिक संबंधों और सकारात्मक व्यापार अधिशेष का उपयोग उपकरण के रूप में कर रहा है”। इस कथन के आलोक में भारत पर पड़ोसी देश के रूप में इसके प्रभाव की चर्चा कीजिये। (UPSC :2017) |
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