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शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी गतिविधियाँ

Lokesh Pal May 31, 2024 04:04 146 0

संदर्भ

हाल ही में नासा के मैगलन मिशन ने शुक्र ग्रह पर निरंतर ज्वालामुखी गतिविधियों की खोज की है, जो ग्रह की सतह पर ऐसी गतिविधियों का दूसरा प्रत्यक्ष संकेत है।

शोध के मुख्य निष्कर्ष

  • रडार से प्राप्त छवियों का विश्लेषण और निष्कर्ष 
    • अवलोकन के दौरान, वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध के दो क्षेत्रों में लावा का प्रवाह देखा।
    • इस मिशन की प्राप्त छवियाँ संकेत देती हैं कि शुक्र ग्रह की ज्वालामुखी गतिविधियाँ पृथ्वी से मिलती-जुलती हैं।
    • हाल के वर्षों में, तकनीकी सुधारों ने मैगलन मिशन के रडार द्वारा एकत्र डेटा का विश्लेषण करना आसान बना दिया है।

रडार इमेजिंग (Radar Imaging)

  • परिचय: रडार इमेजिंग प्रणाली प्रतिध्वनि मापन उपकरण की तरह कार्य करता है। यह रडार एंटीना के माध्यम से माइक्रोवेव विकिरण का उत्सर्जन करता है एवं प्राप्त प्रतिध्वनियों के गुणों का विश्लेषण करता है।
  • प्रक्रिया: एंटीना और परावर्तक वस्तु के बीच की दूरी का आकलन रडार करता है, साथ ही परावर्तित तरंग के आयाम और चरण का भी आकलन करता है।
  • रेंज, आयाम और चरण की इन मापों का संयोजन छवियों एवं अन्य मूल्यवान डेटा को उत्पन्न करने में किया जाता है।

  • ज्वालामुखीय गतिविधियों के स्थल: सिफ मॉन्स (Sif Mons), हाल ही में खोजे गए ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है, जो ईस्टला रेजियो क्षेत्र में स्थित है तथा इसकी चौड़ाई लगभग 300 किलोमीटर है।
    • रडार ने लगभग 30 वर्ग किलोमीटर भू-भाग पर लावा के प्रवाह का खुलासा किया है।
    • नियोबे प्लैनिटिया में एक विशाल ज्वालामुखी मैदान अवस्थित है, जहाँ लगभग 45 वर्ग किलोमीटर भूमि पर लावा प्रवाह देखा गया है।
  • ज्वालामुखियों की विशेषताएँ: सिफ मॉन्स और नियोबे प्लैनिटिया में स्थित ज्वालामुखियों को ढाल ज्वालामुखी (Shield Volcano) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो कम चिपचिपाहट वाले लावा प्रवाह के परिणामस्वरूप अपनी चौड़ी, सामान्य ढलानों के लिए जाने जाते हैं।
    • दोनों स्थलों पर हाल ही में बनी चट्टान की औसत मोटाई तीन से 20 मीटर तक होने का अनुमान है।
  • लावा प्रवाह का अवलोकन: सिफ मॉन्स क्षेत्र में लावा का प्रवाह अधिकतम ढलान के साथ देखा गया है और आम तौर पर ये ज्वालामुखी पश्चिम की ओर बहने वाले घुमावदार पैटर्न के साथ रैखिक विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं।
    • निओबे प्लैनिटिया क्षेत्र में लावा का प्रवाह के लिए कम ढाल उपलब्ध है और ढलान की दिशा उत्तर-पूर्व की ओर है।

पिछले अध्ययन (Previous Studies)

  • हालिया अध्ययन शुक्र ग्रह पर निरंतर ज्वालामुखी गतिविधियों के बारे में पहले की खोजों का विस्तार करता है।
  • ज्वालामुखी के क्रेटर में परिवर्तन: वर्ष 2023 के एक अध्ययन में ग्रह की भूमध्य रेखा के पास एटला रेजियो क्षेत्र में माट मॉन्स पर स्थित ज्वालामुखी क्रेटर के आकार का खुलासा किया गया था, जिसे मैगलन मिशन के दौरान देखा गया था।
  • मैगलन मिशन: इस हालिया अध्ययन में मैगलन मिशन के दौरान संभावित लावा प्रवाह के प्रारंभिक साक्ष्य को चिह्नित किया गया है।

मैगलन मिशन (Magellan Mission)

  • परिचय: नासा ने 4 मई, 1989 को इस अंतरिक्ष मिशन की शुरुआत की थी।
  • उद्देश्य: शुक्र ग्रह की सतह का मानचित्रण करने के लिए रडार इमेजिंग का उपयोग करना।

शुक्र ग्रह के अध्ययन हेतु नासा के विभिन्न मिशन

  • डेविन्सी मिशन (DAVINCI Mission): DAVINCI (Deep Atmosphere Venus Investigation of Noble gases, Chemistry and Imaging) मिशन की शुरुआत शुक्र ग्रह के वायुमंडल और जलवायु स्थिति का पता लगाने के लिए की गई है, जो ग्रह पर जीवनयापन के लिए संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • वेरिटास मिशन (VERITAS Mission): वेरिटास मिशन (Venus Emissivity, Radio Science, InSAR, Topography and Spectroscopy) रडार तकनीक से लैस है, जिसे शुक्र की कक्षा में स्थापित किया गया है।
    • शुरुआत: वेरिटास मिशन नासा के डिस्कवरी कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे वर्ष 2031 से पहले शुरू करने की योजना नहीं है।

शुक्र (Venus)

  • परिचय: शुक्र, सूर्य से दूसरा सबसे दूर ग्रह है तथा आकार एवं द्रव्यमान के मामले में सौरमंडल का छठा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • शुक्र की विशेषताएँ: कार्बन डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता के कारण शुक्र सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है, परिणामस्वरूप वहाँ पर तीव्र ग्रीनहाउस प्रभाव होता है।
    • फाउल क्लाउड्स (Foul Clouds): ग्रह पर सल्फ्यूरिक अम्ल के बादलों से सड़े हुए अंडे की गंध आती है।
    • वैज्ञानिक केंद्र: 40 से अधिक अंतरिक्ष यान ने शुक्र ग्रह का अन्वेषण किया है।
    • असामान्य सूर्योदय (Unusual Sunrise): शुक्र ग्रह पर सूर्य पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है।
  • घूर्णन और कक्षा: शुक्र को अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने में (243 पृथ्वी के दिन के बराबर) सूर्य की परिक्रमा करने में (224.7 पृथ्वी के दिन के बराबर) से अधिक समय लगता है।
  • पृथ्वी का जुड़वाँ: द्रव्यमान, आकार, घनत्व और सौरमंडल में उनकी सापेक्ष स्थिति में समानता के कारण आमतौर पर शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वाँ कहा जाता है।

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