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Lokesh Pal
May 30, 2024 05:15
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: स्वतंत्र जल नियामक प्राधिकरण, जल नियामक प्राधिकरण, राज्य जल संसाधन परिषद।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में जल क्षेत्र का विनियमन और संबंधित चुनौतियाँ, भारत में स्वतंत्र जल नियामक प्राधिकरण की आवश्यकता, राष्ट्रीय जल नीति 2012 के प्रावधान आदि। |
हाल ही में, कई देशों ने एक स्वतंत्र जल नियामक प्राधिकरण (WRA) और जल प्रशासन की विकेन्द्रीकृत प्रणाली स्थापित की है, जिसमें सरकार मध्यस्थ की भूमिका निभा रही है।
निष्कर्ष: अर्थात भारत में एक प्रभावी, समान जल विनियामक ढाँचा स्थापित करने के लिए एक आदर्श विधेयक, पारदर्शी शासन और सभी स्तरों पर मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
उपर्युक्त कथनों में से कितने कथन सही है/हैं?
उत्तर: (b) मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:विषय GS-02: संसद और राज्य विधानमंडल: संरचना, कार्यप्रणाली, कार्य संचालन, शक्तियाँ और विशेषाधिकार तथा इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।प्रश्न: केंद्र सरकार जल विनियमन के लिए एक आदर्श कानून बनाने पर विचार कर रही है जिसे राज्य अपना सकते हैं। भारत में प्रभावी और न्यायसंगत जल विनियमन सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कानून की आवश्यकता और इसमें शामिल किये जाने योग्य उचित सुझावों की चर्चा करें। (15 अंक, 250 शब्द) |
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