100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

ओपन एक्सेस :भारत वैज्ञानिक महाशक्ति की ओर

Lokesh Pal May 30, 2024 05:30 122 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: एक राष्ट्र, एक सदस्यता, ओपन सोर्स, नेचर इंडेक्स, नई शिक्षा नीति (2020) । 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विज्ञान में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में ओपन एक्सेस की भूमिका,  अनुसंधान हेतु आवश्यक साधनों या उपकरणों की उपलब्धता एवं उससे संबंधित चुनौतियाँ आदि। 

संदर्भ: 

हाल ही में, प्रसिद्ध  विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित एक संपादकीय में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति के समानांतर वैज्ञानिक शक्ति बनने की दिशा में उसकी प्रगति की सराहना की गई है।

विज्ञान क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:

  • नेचर इंडेक्स के निष्कर्ष: नेचर इंडेक्स के अनुसार, भारतीय विज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र वास्तव में एक प्रभावशाली पथ पर अग्रसर है, जो अब अनुसंधान उत्पादन में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है, तथा गुणवत्ता के मामले में यह ग्यारहवें स्थान पर है।
  • विज्ञान कार्य में आसानी: हालाँकि, ‘विज्ञान कार्य में आसानी’, जो बड़े अनुसंधानों और नवाचारों को जन्म दे सकती है परंतु इसके लिए मजबूत बुनियादी ढाँचे और संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो भारत के अनुसंधान परिदृश्य में एक बड़ी कमी है।
  • विश्वविद्यालयों में वृद्धि: 2014 से 2021 तक भारत में विश्वविद्यालयों की संख्या 760 से बढ़कर 1,113 हो गई है ।
  • संसाधनों की कमी: फिर भी, कई देशों में आवश्यक संसाधनों जैसे कि अनुसंधान हेतु आवश्यक साधनों या उपकरणों और परिष्कृत प्रयोगशालाओं का अभाव है, शोध को आधार देने वाली पठन श्रोतों तक पर्याप्त   पहुँच का भी अभाव है।  
  • विज्ञान तकनीकी और नवाचार: इस अंतर को पाटने के लिए I-STEM नामक एक अग्रणी पहल की गई है, जिसके तहत देश भर में सभी सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान सुविधाओं को सूचीबद्ध किया गया है तथा आवश्यकता के आधार पर उन्हें शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराया गया है।
    • इस माँग-आपूर्ति मानचित्रण का उद्देश्य उन्नत अनुसंधान बुनियादी ढाँचे की उपलब्धता को लोकतांत्रिक बनाना है।
  • एक राष्ट्र, एक सदस्यता (ONOS): ओएनओएस के आह्वान में वैज्ञानिक पत्रिकाओं की सदस्यता के लिए एक केंद्रीकृत मॉडल का प्रस्ताव है, जिससे वे सभी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित संस्थानों के लिए सार्वभौमिक रूप से उपलब्ध हो सकें।
    • इन व्यावसायिक पत्रिकाओं तक पहुँच स्थापित करने की प्रणाली अत्यंत महँगी है। अनुमानतः भारत में ये संस्थाएँ पत्रिकाओं और डेटाबेस तक पहुँच बनाने के लिए सालाना 1,500 करोड़ रुपये खर्च करती हैं।
    • लेकिन इस खर्च का लाभ केवल कुछ शीर्ष स्तर के संस्थानों को ही मिल पाता है।
    • सरकार द्वारा ओएनओएस पर बातचीत वर्तमान में बाज़ार पर हावी पाँच प्रमुख व्यावसायिक प्रकाशकों के साथ चल रही है।

इष्टतम समाधान: 

लेकिन क्या वैज्ञानिक विधा तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के लिए ओएनओएस एक इष्टतम समाधान है?

  • ONOS की उत्पत्ति: जब 2019 के आसपास इसकी अवधारणा बनाई गई थी, तो विद्वानों के लेखों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा भुगतान के पीछे था।
  • मुक्त पहुँच: अब, लेखों का एक बड़ा हिस्सा मुक्त पहुँच (ओए) के माध्यम से उपलब्ध है, जिसका अर्थ है कि लेख ऑनलाइन सभी के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं।
    • वेब ऑफ साइंस में अनुक्रमित प्रकाशनों के विश्लेषण से पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर मुक्त पहुँच (ओए)  प्रकाशनों का अंश 2018 में 38% से बढ़कर 2022 में 50% हो गया है।
    • यह बदलाव मुफ्त में उपलब्ध होने वाली सामग्री के लिए भुगतान की आवश्यकता और दक्षता के बारे में सवाल उठाता है। 
    • वर्तमान में, यू.एस. और यूरोपीय संघ द्वारा ओए के लिए एक मजबूत प्रयास किया जा रहा है।
  • अमेरिका की मुक्त पहुँच नीति: अमेरिका ने 2023 में अपनी अद्यतन ONOS नीति जारी की, जो 2025 तक सभी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित शोध लेखों की तत्काल मुक्त पहुँच को अनिवार्य बनाती है।
  • अनिवार्य मुक्त पहुँच: इसी तरह, वेलकम ट्रस्ट जैसे प्रमुख परोपकारी वित्तपोषण स्रोतों ने अपने द्वारा वित्तपोषित अनुसंधान के लिए ONOS  को अनिवार्य कर दिया है।
    • इस प्रवृत्ति को देखते हुए, यह तर्क देना उचित है कि हमें पहले की तुलना में कम भुगतान करना चाहिए।

चुनौतियाँ: 

  • अल्पाधिकार बाजार: अल्पाधिकार शैक्षिक प्रकाशन बाजार, जिस पर वैश्विक उत्तर में मुट्ठी भर शक्तिशाली प्रकाशकों का प्रभुत्व है, इन प्रकाशकों को कठोर शर्तें निर्धारित करने की अनुमति देता है, जिससे ONOS पर कोई भी बातचीत चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
    • इन प्रकाशकों की गहरी प्रतिष्ठा और अधिकार भी विकल्पों पर किसी भी चर्चा को बाधित करते हैं।
  • सामान्य खरीद प्रक्रिया के विरुद्ध: किसी भी अन्य सरकारी खरीद में, अधिकतम लागत दक्षता और लाभ सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक धन के उपयोग को कड़ाई से विनियमित किया जाता है। फिर, अकादमिक पत्रिकाओं की खरीद में कोई अंतर क्यों होना चाहिए ?
    • यदि अनुसंधान का महत्त्वपूर्ण भाग पहले से ही बिना किसी लागत के उपलब्ध है, तो एकीकृत, महँगी सदस्यता का औचित्य कम सम्मोहक हो जाता है।
  • भारतीय शोध तक पहुँच को बढ़ावा नहीं देता: यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि ONOS भारतीय शोध को वैश्विक स्तर पर सुलभ बनाने में मदद नहीं करेगा; बल्कि, यह मुख्य रूप से भारतीय शोधकर्ताओं के लिए बड़े प्रकाशनों,  कुलीन वर्गों के स्वामित्व वाली पत्रिकाओं तक पहुँच की सुविधा प्रदान करता है।

निष्कर्ष: 

निष्कर्षस्वरुप वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, भारत को ओपन एक्सेस की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ ओएनओएस को संतुलित करना होगा, ताकि संसाधनों का समान वितरण और भारतीय अनुसंधान की वैश्विक पहुँच सुनिश्चित की जा सके।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                                             (UPSC : 2022)

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:

  1. आरोग्य सेतु
  2. कोविन
  3. डिजीलॉकर
  4. दीक्षा

उपर्युक्त में से कौन-से, ओपेन-सोर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बनाए गए हैं ?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2, 3 और 4
  3. केवल 1, 3 और 4
  4. 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

विषय GS-02: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रश्न: भारत में विश्वविद्यालयों की बढ़ती संख्या के वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार की समग्र गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन करें। संस्थानों के मध्य संसाधन उपलब्धता में असमानता इस प्रभाव को कैसे प्रभावित करती है? टिपण्णी करें (15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.