यूरोपीय संघ (EU) के 27 सदस्य देशों के लगभग 373 मिलियन नागरिक 6-9 जून को यूरोपीय संसद के चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।
भारत-यूरोपीय संघ संबंध
वित्तीय संबंध: वर्ष2021 में यूरोपीय संघ (EU) भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। भारत में EU का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वर्ष 2020 में €87 बिलियन तक पहुँच गया।
वर्ष 2021 में लगभग 15% भारतीय निर्यात यूरोपीय संघ को निर्देशित किया गया था।
वर्ष 2020 में दोनों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार €95.5 बिलियन था।
यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) ने भारत में बुनियादी ढाँचे, ऊर्जा एवं जलवायु परियोजनाओं में €3 बिलियन से अधिक का निवेश किया है।
रणनीतिक साझेदारी: चक्रीय अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण को नियोजित करते हुए कनेक्टिविटी, जल और संसाधन दक्षता पर प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ -भारत संयुक्त घोषणा-पत्र को अपनाया गया है।
वर्ष 2023 में, यूरोपीय संघ एवं भारत ने डिजिटल परिवर्तन और हरित प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की शुरुआत हुई।
पड़ोस, विकास एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग (Neighbourhood, Development and International Cooperation): पड़ोस, विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग उपकरण (NDICI-ग्लोबल यूरोप) के तहत, भारत को वर्ष 2021-2027 की अवधि के लिए अनुदान निधि में €90 मिलियन प्राप्त होने की उम्मीद है।
इसके अतिरिक्त, भारत विभिन्न बहु-देशीय यूरोपीय संघ कार्यक्रमों का लाभार्थी है।
यूरोपीय संसद के बारे में
परिचय: यूरोपीय संसद (EP) यूरोपीय संघ का एकमात्र प्रत्यक्ष निर्वाचित निकाय है, जो अपने सदस्य राष्ट्रों के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है।
कार्य: इसके प्राथमिक कार्यों में सदस्य राष्ट्र सरकारों के साथ यूरोपीय संघ के कानूनों पर बातचीत करना शामिल है, जिनका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद द्वारा किया जाता है।
शक्तियाँ: EP यूरोपीय संघ के बजट को भी मंजूरी देता है एवं अंतरराष्ट्रीय समझौतों एवं इस ब्लॉक के विस्तार हेतु वोट भी करता है।
इसके पास यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को मंजूरी या अस्वीकार करने की भी शक्ति है।
राष्ट्रीय संसदों के विपरीत, EP के पास कानूनों का प्रस्ताव करने का अधिकार नहीं है, लेकिन वह केवल कार्यकारी यूरोपीय आयोग द्वारा प्रस्तावित कानूनों पर बातचीत कर सकता है।
संरचना: EP में प्रत्येक पाँच वर्ष में चुने गए 720 सदस्य (MEPs) शामिल होते हैं। इसके बाद MEPs ढाई वर्ष के कार्यकाल के लिए अपने अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।
यूरोपीय संघ
परिचय: यूरोपीय परिषद यूरोपीय संघ की राजनीतिक दिशा और प्राथमिकताएँ निर्धारित करती है।
सदस्य: इसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख, यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष एवं विदेशी मामलों के उच्च प्रतिनिधि शामिल हैं।
स्थापना: वर्ष1975 में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के रूप में स्थापित, यह वर्ष 2009 में लिस्बन की संधि (Treaty of Lisbon) के साथ एक आधिकारिक संस्थान बन गया। जिसमे निर्णय सर्वसम्मति से किए जाते हैं।
यूरोपीय संघ चुनावों में मतदान के लिए पात्रता शर्तें
मतदान की आयु आवश्यकताएँ: 21 सदस्य राष्ट्रों में, 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के लोग मतदान कर सकते हैं।
बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और माल्टा में मतदान की न्यूनतम आयु 16 वर्ष है।
ग्रीस में, चुनावी वर्ष के दौरान 17 वर्ष के हो जाने वाले लोग मतदान कर सकते हैं।
हंगरी में, विवाहित व्यक्ति उम्र की परवाह किए बिना मतदान कर सकते हैं।
विदेश में यूरोपीय संघ के मतदान नियम: यूरोपीय संघ के नागरिक अपने मूल देश में या विदेश से मतदान कर सकते हैं। चेक गणराज्य, आयरलैंड, माल्टा और स्लोवाकिया को छोड़कर सभी सदस्य राष्ट्रों में विदेश से मतदान की अनुमति है।
बुल्गारिया एवं इटली में यह अधिकार केवल यूरोपीय संघ के भीतर रहने वालों पर लागू होता है।
किसी अन्य यूरोपीय संघ के देश में रहने वाले नागरिक अपने मूल देश या अपने निवास के देश से उम्मीदवारों को वोट देना चुन सकते हैं।
एक-देश मतदान नियम: मतदाता को यह चुनना होगा कि वह किस देश के MEPs को वोट देगा, लेकिन एक ही समय में दोनों देशों में मतदान करना कानूनी नहीं है।
मतदान की प्रक्रिया
मतदान प्रणाली: कुछ सदस्य राज्यों में, मतदाता केवल बंद सूची चुन सकते हैं, जो पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए क्रम में बदलाव की अनुमति नहीं देते हैं, जबकि अन्य में वे तरजीही प्रणाली में व्यक्तिगत उम्मीदवारों का चयन कर सकते हैं।
मतदान के तरीके: राष्ट्रीय कानूनों के आधार पर, विदेश में कुछ मतदाता अपने राष्ट्रीय दूतावासों में, मेल के माध्यम से या इलेक्ट्रॉनिक रूप से मतदान कर सकते हैं।
अभ्यर्थियों की पात्रता
उम्मीदवारों का चयन: सभी उम्मीदवारों को यूरोपीय संघ का नागरिक होना चाहिए। मतदाता देश के आधार पर व्यक्तिगत उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में से चुन सकते हैं।
यूरोपीय संसद में संरेखण: एक बार चुने जाने के बाद, प्रत्येक राष्ट्र के राजनेता राजनीतिक रुझानों के आधार पर, संसद बनाने वाले यूरोपीय समूहों में शामिल हो जाएँगे।
प्रतिबंध: निर्वाचित व्यक्ति राष्ट्रीय सरकारों या यूरोपीय संघ आयोग जैसे अन्य राजनीतिक निकायों में कार्य नहीं कर सकते हैं।
MEP आवंटन: प्रत्येक EU राष्ट्र से चुने गए MEPs की संख्या पर प्रत्येक चुनाव से पहले निर्धारित होती है एवं यह अवक्रमणकारी आनुपातिकता (Degressive Proportionality) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि बड़े देश का प्रत्येक MEP छोटे देश के MEP की तुलना में अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
किसी भी देश से MEP की न्यूनतम संख्या छह एवं अधिकतम संख्या 96 है।
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