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Lokesh Pal
June 08, 2024 05:15
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भारत सहित विश्व के विविध देश अपतटीय सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों (Illegal Offshore Gambling Platforms) से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं क्योंकि वे व्यक्तिगत ग्राहकों से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक के लिए खतरे पैदा कर रहे हैं।
नोट: क्या होता है सरोगेट विज्ञापन?जब कोई भी कंपनी किसी प्रतिबंधित ऊत्पाद का विज्ञापन सीधे तौर पर नहीं कर सकती है, तो वह ग्राहकों तक अपने उत्पाद पहुँचाने के लिए सरोगेट विज्ञापनक का सहारा लेती है। ध्यातव्य है कि भारत सरकार ने कई प्रकार के उत्पादों, जैसे- सिगरेट, तंबाकू, गुटखा तथा शराब इत्यादि के विज्ञापन पर पाबंदी लगा रखी है। अब चूँकि लोगों तक अपना उत्पाद पहुँचाने के लिए विज्ञापन ही एकमात्र सहारा होता है ऐसे में कोई कंपनी उसी ब्रांड नाम का एक अन्य उत्पाद (जो कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं है) बनाती है । इससे होता ये है कि कंपनी अपने ब्रांड का प्रमोशन भी कर लेती है और प्रतिबंध से भी बच जाती है, उदाहरण- जैसे कोई शराब बेचने वाली कंपनी उसी ब्रांड के नाम का पानी बाजार में बेचने लगे । |
निष्कर्ष: अर्थात विनियमन और कराधान के माध्यम से घरेलू कौशल-आधारित इंटरैक्टिव मनोरंजन स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने से जिम्मेदार गेमिंग के उपयोग को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी, साथ ही इससे भारत में अवैध अपतटीय प्लेटफार्मों के उपयोगकर्ता आधार को भी कम किया जा सकेगा।
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