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Lokesh Pal June 10, 2024 05:30 235 0
हाल ही में, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने क्रांतिकारी नेता एवं आदिवासी जनजाति के मसीहा व भगवान बिरसा मुंडा की 124वीं पुण्यतिथि (9 जून 2024) पर उनकी प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
वन भूमि पर पारंपरिक आदिवासी अधिकारों को प्रतिबंधित करने की ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियाँ आदिवासी अशांति और विद्रोहों का एक प्रमुख कारण थी। बिरसा मुंडा का आंदोलन भी ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आदिवासी अधिकारों और उनके सामाजिक और आर्थिक शोषण का उदाहरण है।
जीएस-01: स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता और उनका योगदान।
प्रश्न- बिरसा मुंडा, एक आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान पर चर्चा करें और आदिवासी अधिकारों और सशक्तिकरण के वर्तमान संदर्भ में उनके आदर्शों की प्रासंगिकता का विश्लेषण करें।
(15 अंक, 250 शब्द)
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