100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

आपदा प्रबंधन अधिनियम में हीटवेव की स्थिति

Lokesh Pal June 12, 2024 02:37 128 0

संदर्भ

देश के कई भागों में जारी भीषण गर्मी के दौर ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन (DM) अधिनियम, 2005 के अंतर्गत हीटवेव को अधिसूचित आपदाओं में शामिल करने पर चर्चा शुरू कर दी है।

संबंधित तथ्य

  • हीटवेव का अधिसूचित आपदाओं में  शामिल करने के लाभ 
    • अगर हीटवेव का अधिसूचित आपदाओं में समावेशन होता है, तो राज्यों को मुआवजा और राहत प्रदान करने के लिए अपने आपदा प्रतिक्रिया कोष का उपयोग करने की अनुमति होगी, 
    • हीटवेव के प्रभाव को प्रबंधित करने के लिए कई अन्य गतिविधियाँ करने की अनुमति होगी। 
    • वर्तमान में, राज्यों को इन गतिविधियों के लिए अपने स्वयं के वित्त का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

आपदा प्रबंधन (DM) अधिनियम, 2005

  • परिचय: इस अधिनियम को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिए पारित किया गया था। हालाँकि यह जनवरी 2006 में लागू हुआ।
  • उद्देश्य
    • आपदा प्रबंधन में शमन रणनीति तैयार करना, क्षमता निर्माण करना आदि शामिल है।

इस अधिनियम की धारा 2 (d) में “आपदा” को परिभाषित किया गया है, जिसके अंतर्गत आपदा का अर्थ प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न किसी भी क्षेत्र में “तबाही, दुर्घटना, आपदा या गंभीर घटना” से है।

  • नोडल एजेंसी
    • यह अधिनियम गृह मंत्रालय को समग्र राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन को संचालित करने के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में नामित करता है।
    • संस्थागत संरचना: यह राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर संस्थानों की एक व्यवस्थित संरचना बनाए रखता है।

  • अधिसूचित आपदाएँ
    • परिभाषा 
      • आपदा प्रबंधन अधिनियम वर्ष  1999 के ओडिशा सुपर-साइक्लोन और वर्ष 2004 की सुनामी के मद्देनजर लागू किया गया था। 
      • यह अधिसूचित आपदा को “प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों” से उत्पन्न “विपत्ति, दुर्घटना या गंभीर घटना” के रूप में परिभाषित करता है, जिसके परिणामस्वरूप जान-माल का भारी नुकसान होता है, संपत्ति का विनाश होता है या पर्यावरण को नुकसान होता है।

    • अधिसूचित आपदाओं के संबंध में प्रावधान
      • अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया जा सकता है। 
      • प्रावधान राज्यों को इस कानून के तहत स्थापित दो निधियों से धन निकालने की अनुमति देते हैं- 
        • राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) और,
        • राज्य स्तर पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF)। 
      • राज्य पहले SDRF में उपलब्ध धन का उपयोग करते हैं, और जब आपदा की भयावहता SDRF के साथ प्रबंधनीय नहीं होती है, तो राज्य NDRF से धन निकालते हैं।
      • वित्त वर्ष 2023-24 में, केवल दो राज्यों ने NDRF से धन निकाला।
  • निधियों का वित्तीयन
    • NDRF में पूर्ण वित्तीयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि राज्य SDRF में 25% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में 10%) का योगदान करते हैं, बाकी केंद्र से आता है। 
    • इन निधियों में धन का उपयोग अधिसूचित आपदाओं के प्रबंधन के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है। 
    • वर्तमान में अधिसूचित आपदाएँ 
    • वर्तमान में, इस अधिनियम के तहत 12 श्रेणियों की आपदाएँ अधिसूचित हैं। 
      • ये हैं-चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट हमला, और पाला या शीत लहरें।
  • हीटवेव को अधिसूचित आपदाओं में शामिल नहीं करने के कारण
    • यद्यपि भारत में हीटवेव कोई नई घटना नहीं हैं तथा उत्तरी, पूर्वी और मध्य भारत के बड़े भागों में गर्मी से संबंधित बीमारियाँ और मौतें सामान्य बात रही हैं, फिर भी जब वर्ष 2005 में यह अधिनियम अस्तित्व में आया था, तब इन्हें आपदा के रूप में नहीं देखा गया था। 
      • ऐसा इसलिए था, क्योंकि गर्मी के दौरान हीटवेव एक सामान्य घटना थी, तथा वास्तव में यह कोई असामान्य मौसम की घटना नहीं थी।
    • हालाँकि, पिछले 15 वर्षों में हीटवेव की गंभीरता और आवृत्ति दोनों में वृद्धि हुई है। आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण, ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है, जिन्हें अपनी आजीविका या अन्य कारणों से बाहर रहना पड़ता है, जिससे उन्हें हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। 23 ऐसे राज्य हैं, जो हीटवेव के प्रति संवेदनशील हैं।
    • इन राज्यों के साथ-साथ कई संवेदनशील शहरों ने अब अत्यधिक गर्मी के प्रभावों से निपटने के लिए हीट एक्शन प्लान (HAP) तैयार किए हैं। 
    • HAP में छायादार स्थानों का निर्माण, सार्वजनिक स्थानों पर ठंडे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, ओरल घोल का वितरण और स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों के काम के घंटों को पुनर्गठित करना जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
    • इन उपायों के लिए व्यय की आवश्यकता होती है, लेकिन राज्य सरकारें इनके लिए SDRF का उपयोग नहीं कर पाई हैं। यही कारण है कि हीटवेव को DM अधिनियम में अधिसूचित आपदा के रूप में शामिल करने की माँग की जा रही है।
  • अन्य कारण
    • वित्त आयोग की अनिच्छा
      • राज्यों ने पिछले तीन वित्त आयोगों के समक्ष हीटवेव को अधिसूचित आपदा के रूप में शामिल करने की माँग रखी है।
      • हालाँकि, वित्त आयोग पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हुए हैं। 15वें वित्त आयोग, जिसकी सिफारिशें वर्तमान में लागू की जा रही हैं, ने कहा कि अधिसूचित आपदाओं की मौजूदा सूची ‘काफी हद तक राज्यों की जरूरतों को पूरा करती है’ और हीटवेव को शामिल करने के अनुरोध में उसे कोई दम नहीं लगा।
      • नया प्रावधान: इसने पूर्ववर्ती आयोग द्वारा बनाए गए एक सक्षम प्रावधान का समर्थन किया, जिसके तहत राज्यों को SDRF के पैसे का कम-से-कम एक हिस्सा  (10% तक) बिजली गिरने या हीटवेव जैसी “स्थानीय आपदाओं” के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई थी, जिसे राज्य स्वयं अधिसूचित कर सकते थे।
      • इस नए सक्षम प्रावधान का उपयोग करते हुए, कम-से-कम चार राज्यों – हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और केरल ने हीटवेव को स्थानीय आपदाओं के रूप में जोड़ा है।
        • केंद्र ने अब तक इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में अधिसूचित करने की माँगों का विरोध किया है।
  • व्यावहारिक कठिनाइयाँ
    • हीटवेव के कारण होने वाली मौतों को उत्तरदायी ठहराने में समस्या है। 
    • अधिकतर लोग पहले से मौजूद दूसरी बीमारियों के कारण मरते हैं, जो अत्यधिक गर्मी के प्रभाव से और भी बदतर हो जाती हैं। 
    • यह पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है कि क्या गर्मी के कारण ऐसा हुआ। यह अन्य आपदाओं से बहुत अलग है, जिनके मामले में पीड़ितों की पहचान आसान और अधिक सीधी होती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.