केंद्र सरकार ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 2,800 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत करने जा रही है।
संबंधित तथ्य
इस मिशन को प्रारंभ में वर्ष 2021-22 में लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के कारण इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू नहीं किया जा सका।
इस बीच, कृषि मंत्रालय ने कई राज्यों में विभिन्न पायलट परियोजनाएँ और गतिविधियाँ शुरू कीं, जो इस मिशन का हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इस आशय के प्रस्ताव को “अतिशीघ्र” मंजूरी प्रदान किए जाने की उम्मीद है।
लक्ष्य:
डिजिटल कृषि मिशन देश भर में किसानों की रजिस्ट्री, फसल बोने की रजिस्ट्री और गाँव के नक्शों की जियोरेफरेंसिंग के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मिशन का एक घटक किसानों की रजिस्ट्री बनाना है, जिसमें प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट पहचान पत्र दिया जाएगा।
कुछ राज्यों में किसानों की विशिष्ट पहचान पत्र बनाने का कार्य शुरू हो चुका है।
6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है – उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद, महाराष्ट्र में बीड, गुजरात में गांधीनगर, पंजाब में फतेहगढ़ साहिब और तमिलनाडु में विरुधुनगर।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने किसानों की पहचान पत्र बनाने का कार्य शुरू कर दिया है।
फर्रुखाबाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही 1.5 लाख से अधिक किसानों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र बना लिए हैं।
विशिष्ट किसान पहचान पत्र से नई मूल्यवर्द्धित सेवाओं की शुरुआत होगी और किसान इस पहचान पत्र के माध्यम से पीएम-किसान और फसल बीमा योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
इससे उन्हें कृषि ऋण और बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाने में भी मदद मिलेगी।
फसल बोने की रजिस्ट्री: मिशन में फसल बोने की रजिस्ट्री की भी परिकल्पना की गई है।
इसमें किसान द्वारा अपनी जमीन पर बोई गई फसलों का रिकॉर्ड होगा।
इससे फसल उत्पादन की बेहतर योजना बनाने और उसका अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
इसमें किसान द्वारा अपनी जमीन पर बोई गई फसलों का रिकॉर्ड होगा।
इससे फसल उत्पादन की बेहतर योजना बनाने और उसका अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
वित्तीय आवंटन
इस मिशन के लिए 2,800 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है और इसे अगले दो वर्षों (2025-26 तक) के लिए लागू किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा कृषि से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण पहलें
राष्ट्रीय कृषि बाजार (National Agriculture Market-eNAM): यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार निर्माण के लिए मौजूदा APMC मंडियों को जोड़ता है।
राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन (NMSA): इसे एकीकृत कृषि, जल उपयोग दक्षता, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और संसाधन संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करके विशेष रूप से वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): इसे सिंचाई के कवरेज को बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ ‘हर खेत को पानी’ और जल उपयोग दक्षता में सुधार – ‘प्रति बूँद अधिक फसल’ – स्रोत निर्माण, वितरण, प्रबंधन, क्षेत्र अनुप्रयोग और विस्तार गतिविधियों पर अंतिम समाधान के साथ एक केंद्रित तरीके से तैयार किया गया है।
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह केंद्र प्रायोजित योजना (CSS), राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन (NMSA) के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (Soil Health Management-SHM) का एक विस्तारित घटक है।
PKVY का उद्देश्य जैविक खेती को समर्थन और बढ़ावा देना है, जिससे मृदा के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): यह एक सरकार प्रायोजित फसल बीमा योजना है, जो कई हितधारकों को एक मंच पर एकीकृत करती है।
सूक्ष्म सिंचाई निधि (Micro Irrigation Fund-MIF): सरकार ने कृषि उत्पादन और किसानों की आय को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य के तहत अधिक भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के समर्पित फंड (नाबार्ड के तहत स्थापित) को मंजूरी दी।
डिजिटल कृषि: इसका उद्देश्य प्रासंगिक सूचना सेवाओं के माध्यम से समावेशी, किसान-केंद्रित समाधान को सक्षम करने के लिए कृषि हेतु डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे का विकास करके कृषि में मौजूदा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (National e-Governance Plan in Agriculture- NeGPA) में सुधार करना है।
नई कृषि निर्यात नीति: इसका उद्देश्य स्थिर व्यापार नीति व्यवस्था के साथ कृषि निर्यात को वर्तमान 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक बढ़ाकर वर्ष 2022 तक 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक करना तथा उसके बाद अगले कुछ वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाना है।
निर्यात बास्केट और गंतव्यों में विविधता लाना तथा शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च मूल्य और मूल्यवर्द्धित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना।
Latest Comments