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Lokesh Pal
June 18, 2024 05:30
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संदर्भ:
हाल ही में केरल के कोच्चि में आयोजित 46वीं अंटार्कटिक संधि परामर्श बैठक (एटीसीएम-46) में अंटार्कटिक पर्यटन और उसके सफल संचालन के लिए एक विनियामक ढाँचा तैयार करने संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और साथ ही इस विषय पर बल दिया गया कि क्या अंतिम महाद्वीप के रुप में अंटार्कटिक को एक प्राचीन जंगल ही बने रहना चाहिए!
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ अंटार्कटिका टूर ऑपरेटर्स (IAATO), अंटार्कटिक संधि, मैड्रिड प्रोटोकॉल आदि।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अंटार्कटिक में बढ़ता पर्यटन, अंटार्कटिक में पर्यटन विनियमन आदि। |
निष्कर्षस्वरुप अंटार्कटिका के बढ़ते पर्यटन को अपने संवेदनशील पर्यावरण की रक्षा के लिए मजबूत विनियामक उपायों की आवश्यकता है, जिसके लिए IAATO के स्व-नियमन से बढ़कर एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कड़े निरीक्षण की आवश्यकता है।
प्रश्न: आर्कटिक की बर्फ और अंटार्कटिका के ग्लेशियरों के पिघलने से पृथ्वी पर मौसम के पैटर्न और मानवीय गतिविधियों पर किस तरह से अलग-अलग प्रभाव पड़ता है? समझाइए। (15 अंक, 250 शब्द) (2021)
प्रश्न: भारत आर्कटिक क्षेत्र के संसाधनों में गहरी दिलचस्पी क्यों ले रहा है? (10 अंक, 150 शब्द) (2018)
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