100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत का ‘डीप सी मिशन’

Lokesh Pal June 21, 2024 03:55 247 0

संदर्भ

भारत अपने स्वयं के डीप सी मिशन (Deep Sea Mission) वाला छठा देश बनने जा रहा है। भारत की पहली मानवयुक्त पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ (MATSYA 6000) गहरे समुद्र के रहस्यों का पता लगाएगी 

संबंधित तथ्य

  • अन्य 5 देश जिनके पास स्वयं के डीप सी मिशन हैं- फ्राँस, अमेरिका, चीन, रूस एवं जापान। 
  • हार्बर ट्रेल (40-50 मीटर) डीप सी मिशन का पहला चरण सितंबर 2024 तक पूरा करने की योजना है।
  • मत्स्य 6000 पनडुब्बी, डीप सी मिशन में प्रमुख भूमिका निभाएगी।

डीप सी मिशन (Deep Ocean Mission- DOM) के बारे में

  • DOM भारत का महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसे मुख्य रूप से भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। 
  • DOM को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2021 में चरणबद्ध तरीके से पाँच साल की अवधि में मंजूरी दी गई थी। 
  • इस मिशन को पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित तरीके से समुद्र तल से कई टन मूल्यवान खनिजों का पता लगाने एवं उनका खनन करने के लिए प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होगी। 
  • DOM प्रधानमंत्री के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (Prime Minister’s Science, Technology, and Innovation Advisory Council- PMSTIAC) ​​के तहत 9 मिशनों में से एक है।

मत्स्य 6000′ (MATSYA 6000)

  • मत्स्य 6000 भारत की प्रमुख गहरे समुद्र में चलने वाली मानव पनडुब्बी है, जिसका लक्ष्य 6,000 मीटर की गहराई तक समुद्र तल तक पहुँचना है। 
    • तीन चालक दल के सदस्यों के साथ, जिन्हें ‘एक्वानॉट्स’ कहा जाता है,  यह अवलोकन, नमूना संग्रह, बुनियादी वीडियो एवं ऑडियो रिकॉर्डिंग तथा प्रयोग की सुविधा के लिए डिजाइन किए गए वैज्ञानिक उपकरणों एवं यंत्रों का एक समूह है।

  • इसका विकास चेन्नई के राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology- NIOT) द्वारा किया जा रहा है।
    • टाइटेनियम मिश्र धातु से निर्मित, इस धातु संरचना को 6,000 बार तक के दबाव को सहन करने के लिए निर्मित किया गया है।
  • मत्स्य के साथ, भारत एकमात्र ऐसा देश होगा, जिसके पास गहरे पानी वाले ROVs, ध्रुवीय ROVs, AUVs, गहरे पानी वाले कोरिंग सिस्टम आदि सहित जल के नीचे वाहनों का एक संपूर्ण प्रणाली तंत्र मौजूद होगा।

मिशन के छह स्तंभ हैं-

  1. तकनीकी विकास: गहरे समुद्र में खनन के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास तथा मानवयुक्त पनडुब्बी (मत्स्य 6000 का विकास) जो तीन लोगों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जा सके।
    • सबमर्सिबल वैज्ञानिक सेंसरों, उपकरणों के एक समूह एवं मध्य हिंद महासागर से पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के खनन के लिए एक एकीकृत प्रणाली से सुसज्जित होगी।
  2. महासागर जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास: इसमें भविष्य के जलवायु अनुमानों को समझने एवं प्रदान करने के लिए समुद्री अवलोकन तथा मॉडल की एक शृंखला शामिल है।
  3. गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज एवं संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार।
  4. गहरे समुद्र का सर्वेक्षण एवं अन्वेषण: इसका उद्देश्य हिंद महासागर के मध्य-महासागरीय कटकों के साथ बहु-धातु हाइड्रोथर्मल सल्फाइड खनिजकरण की संभावित साइटों की पहचान करना है।
  5. समुद्र से ऊर्जा एवं मीठे जल का दोहन।
  6. महासागर जीव विज्ञान के लिए एक उन्नत समुद्री स्टेशन की स्थापना: इसे प्रतिभा के पोषण एवं समुद्री जीव विज्ञान तथा नीली जैव प्रौद्योगिकी में नए अवसरों को आगे बढ़ाने के केंद्र के रूप में स्थापित करना।

पर्यावरणीय चिंताएँ 

  • पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा: गहरे समुद्र तल का केवल एक छोटा-सा हिस्सा ही खोजा गया है एवं संरक्षणवादियों को चिंता है कि खनन से पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होगा, विशेषकर जब इसे बिना किसी पर्यावरणीय प्रोटोकॉल के शुरू किया जा रहा है। 
  • संबद्ध क्षति: ध्वनि प्रदूषण, कंपन एवं प्रकाश प्रदूषण, साथ ही खनन प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले ईंधन तथा अन्य रसायनों के संभावित रिसाव और फैलाव का भी खतरा बना रहेगा।
  • समुद्री जीवन को नुकसान: एक बार जब मूल्यवान सामग्री निकाली जाती है, तो तलछट आदि सामग्री को कभी-कभी वापस समुद्र में डाल दिया जाता है। यह फिल्टर फीडिंग प्रजातियों जैसे प्रवाल एवं स्पंज आदि को नुकसान पहुँचा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि 

(United Nations Convention on the Law of the Sea – UNCLOS)

  • यह वर्ष 1982 में अपनाया गया एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जो समुद्री एवं संबंधित गतिविधियों के लिए कानूनी ढाँचा स्थापित करता है।
  • इसे समुद्र का कानून भी कहा जाता है। 
  • यह समुद्री क्षेत्रों को पाँच मुख्य क्षेत्रों में विभाजित करता है, अर्थात्- आंतरिक जल, प्रादेशिक सागर, सन्निहित क्षेत्र, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone- EEZ) एवं उच्च समुद्र (High Sea)।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.