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इबेरियन लिंक्स

Lokesh Pal June 22, 2024 06:15 116 0

संदर्भ

हाल ही में IUCN ने इबेरियन लिंक्स (Iberian lynx) की संरक्षण स्थिति में महत्त्वपूर्ण सुधार के कारण इबेरियन लिंक्स की स्थिति को ‘सुभेद्य’ (Vulnerable) से ‘असुरक्षित’ (Endangered) में बदल दिया है।

संबंधित तथ्य

  • वर्ष 2001 की स्थिति: वर्ष 2001 में, परिपक्व इबेरियन लिंक्स की आबादी घटकर केवल 62 रह गई थी।
    • वर्ष 2022 तक परिपक्व इबेरियन लिंक्स की संख्या बढ़कर 648 हो गई।
  • वर्तमान स्थिति: परिपक्व इबेरियन लिंक्स सहित, कुल संख्या अब 2,000 से अधिक होने का अनुमान है।

इबेरियन लिंक्स के बारे में

  • वैज्ञानिक नाम: लिंक्स पार्डिनस (Lynx Pardinus)
    • यह प्रजाति, अन्य बिल्ली प्रजातियों की तरह, यौन द्विरूपता (Sexual Dimorphism) प्रदर्शित करती है, जिसमें नर, मादाओं की तुलना में भारी और लंबे होते हैं। 
      • नर मादाओं की तुलना में अधिक भारी एवं लंबे होते हैं। 
  • वितरण: स्पेन एवं पुर्तगाल
  • शारीरिक विशेषताएँ: लंबे पैर, नुकीले कान एवं तेंदुए जैसे धब्बेदार चिह्न।

  • भारत में यूरेशियन लिंक्स लद्दाख के बर्फीले ठंडे रेगिस्तान में पाया जाता है।

इबेरियन लिंक्स के संरक्षण को बढ़ाने के लिए प्रमुख रणनीतियाँ

  • शिकार की संख्या को बढ़ाना: इसके प्राथमिक शिकार के रूप में लुप्तप्राय यूरोपीय खरगोश (Oryctolagus Cuniculus) की आबादी को बढ़ाया गया।
  • आवास का संरक्षण एवं पुनर्स्थापन: भूमध्यसागरीय झाड़ियों एवं वन आवास की सुरक्षा तथा पुनर्स्थापन पर ध्यान दिया गया।
    • पर्यावास विस्तार: इबेरियन लिंक्स के पर्यावास में काफी विस्तार हुआ है, जो अब कम-से-कम 3,320 वर्ग किमी. में फैल गया है, जो वर्ष 2005 में केवल 449 वर्ग किमी. था।
    • पुनर्स्थापन: वर्ष 2010 के बाद से, 400 से अधिक इबेरियन लिंक्स को पुर्तगाल एवं स्पेन के विभिन्न क्षेत्रों में पुन: प्रस्तुत किया गया है।
  • इससे संबंधित क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप को न्यूनतम करना।
  • आनुवंशिक विविधता एवं प्रजनन कार्यक्रम
    • आनुवंशिक विविधता: स्थानांतरण के माध्यम से इबेरियन लिंक्स की विविधता में सुधार किया गया है।
    • एक एक्स-शीटू (Ex-situ) प्रजनन कार्यक्रम: यह कार्यक्रम भी जनसंख्या बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण रहा है।
      • इन दोनों उपायों ने इबेरियन लिंक्स की आबादी बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

एक्स-शीटू (Ex-situ) प्रजनन कार्यक्रम

  • एक्स-शीटू प्रजनन कार्यक्रम का उद्देश्य लुप्तप्राय प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास के बाहर संरक्षित करना है। 
  • इसमें आबादी के एक हिस्से को उनके प्राकृतिक आवास के समान एक नए, नियंत्रित वातावरण, जैसे चिड़ियाघर या वन्यजीव अभयारण्यों में स्थानांतरित करना शामिल है।
  • महत्त्व: विभिन्न क्षेत्रों से प्रजातियों के जोड़ों (नर एवं मादा) का सावधानीपूर्वक चयन करके आनुवंशिक विविधता बढ़ाने में मदद करता है।

इबेरियन लिंक्स के लिए खतरा

सफलता के बावजूद, कई खतरे अभी भी बने हुए हैं:

  • वायरस का प्रकोप: यूरोपीय खरगोशों की आबादी, जो कि इबेरियन लिंक्स के आहार के लिए महत्त्वपूर्ण है, वायरस के प्रकोप के प्रति संवेदनशील है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण रोग: इबेरियन लिंक्स को जलवायु परिवर्तन के कारण घरेलू बिल्लियों, अवैध शिकार, सड़क दुर्घटनाओं एवं निवास स्थान में परिवर्तन से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
  • अन्य जोखिम: अवैध शिकार, सड़क दुर्घटनाएँ अभी भी प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में डालती हैं।

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