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Lokesh Pal
June 20, 2024 05:30
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वर्तमान, विश्व में तकरीबन 43.4 मिलियन से अधिक की संख्या में शरणार्थी हैं, इसके अतिरिक्त विश्व के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों कि वजह से इनकी संख्या में लगातार वृद्धि देखि जा सकती है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विश्व शरणार्थी दिवस (20 जून), संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन, 1967 प्रोटोकॉल, गैर-वापसी का अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सिद्धांत आदि।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में शरणार्थियों के सामने आने वाली सामाजिक-राजनीतिक और कानूनी चुनौतियाँ, भारत में शरणार्थी आदि। |
भारत को अपनी मानवीय परंपराओं का सम्मान करने, शरणार्थियों को निरंतर सुरक्षा प्रदान करने तथा वैश्विक मंच पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने के लिए राष्ट्रीय शरण कानून बनाने की आवश्यकता है।
प्रश्न: शरणार्थियों के प्रति भारत के ऐतिहासिक और समकालीन दृष्टिकोण का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। यह दृष्टिकोण भारत के मानवीय मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ किस प्रकार मेल खाता है? समालोचनात्मक टिप्पणी कीजिए ।(10 अंक, 150 शब्द)
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