हाल ही में गोवा सरकार ने स्थानीय डोडोल नामक प्रसिद्ध मिष्ठान हेतु भौगोलिक संकेतक (GI) टैग के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है।
डोडोल (Dodol)
डोडोल एक पारंपरिक गोवा मिष्ठान है, जिसे अक्सर ‘गोवा मिठाई की रानी’ बेबिन्का का चचेरा भाई कहा जाता है।
इतिहास: ऐसा माना जाता है, कि गोवा में इस मिष्ठान की शुरुआत 17वीं शताब्दी में पुर्तगाली शासन के दौरान हुई थी।
कुछ विद्वानों का दावा है कि इस मिष्ठान का पारंपरिक संस्करण 8वीं और 11वीं शताब्दी के बीच इंडोनेशिया के मेदांग साम्राज्य में शाही भोजों में परोसा जाता था।
विविधताएँ: डोडोल और इसकी विविधताएँ दक्षिणी भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में भी लोकप्रिय हैं।
भौगोलिक संकेतक टैग
भौगोलिक संकेतक (GI) टैग : भौगोलिक संकेत (GI) टैग, किसी उत्पाद को उसके मूल स्थान के आधार पर प्रमाणित करता है और इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) समझौते के अनुच्छेद-23 और अनुच्छेद-24 द्वारा परिभाषित किया गया है।
नियम: GI टैग वाले उत्पाद प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं। कृषि टैग के मामले के अतिरिक्त, इन उत्पादों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल का किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र से आना आवश्यक नहीं है।
सामूहिक बौद्धिक संपदा: GI एवं अन्य बौद्धिक संपदा (IP) के बीच मूलभूत अंतर यह है कि GI एक सामूहिक बौद्धिक संपदा अधिकार है।
भारत: विश्व व्यापार संगठन के सदस्य के रूप में भारत ने वर्ष 1999 में वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम लागू किया, जो वर्ष 2003 में प्रभावी हुआ।
चैट नियंत्रण कानून (Chat Control Law)
हाल ही में यूरोपीय संघ द्वारा ऑनलाइन बाल यौन शोषण से निपटने के लिए प्रस्तावित चैट नियंत्रण कानून ने सदस्य देशों के बीच गोपनीयता संबंधी चिंताओं और दुरुपयोग के जोखिम के संबंध में चिंताएँ उत्पन्न की है।
चैट नियंत्रण कानून (Chat Control Law)
कानून: इस विधेयक में निजी संदेशों की व्यापक स्कैनिंग करने तथा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को समाप्त करने संबंधी प्रावधान शामिल हैं।
आलोचकों का तर्क है, कि ये स्कैनिंग प्रक्रिया सुरक्षा संबंधी कमजोरियाँ उत्पन्न करती हैं तथा संभावित बैकडोर्स का निर्माण करती हैं, जिनका दुर्भावनापूर्ण तृतीय पक्षों द्वारा लाभ उठाया जा सकता है।
संभावित दुरुपयोग: आलोचकों ने यह भी चिंता व्यक्त की है, कि सत्तावादी शासन असंतुष्टों को निशाना बनाने के लिए स्कैनिंग तकनीक का दुरुपयोग कर सकते हैं।
संशोधित मसौदे में स्कैनिंग को केवल इमेज , वीडियो और यूआरएल (URL) तक सीमित कर दिया गया है तथा टेक्स्ट एवं ऑडियो संदेशों को छोड़ दिया गया है।
सहमति की आवश्यकता: यह कानून स्कैनिंग के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को अनिवार्य बनाता है। हालाँकि, इनकार करने पर मल्टीमीडिया शेयरिंग को ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिससे यह सहमति संबंधी ‘विकल्प’ प्रभावी रूप से अर्थहीन हो जाएगा।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2E एन्क्रिप्शन)
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन: एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2E एन्क्रिप्शन) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें डेटा को उसके मूल से लेकर उसके गंतव्य तक एन्क्रिप्ट किया जाता है, जिससे इसके पूरे संचार के दौरान निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ट्रांजिट-इन-एन्क्रिप्शन: ट्रांजिट-इन-एन्क्रिप्शन आपके डिवाइस और सर्वर के बीच संचार के समय डेटा की सुरक्षा करता है।
व्यापक डेटा संरक्षण: E2E एन्क्रिप्शन सर्वर पर संचरण और भंडारण दोनों के दौरान डेटा को सुरक्षित रखता है और इसे केवल तभी डिक्रिप्ट करता है जब इच्छित प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त किया जाता है।
नाइजर की चीन समर्थित तेल पाइपलाइन (Niger’s China-backed oil pipeline)
चीन समर्थित पाइपलाइन जो नाइजर को तेल निर्यातक देश बना सकती है, यह आंतरिक सुरक्षा संकट और पड़ोसी देश बेनिन के साथ कूटनीतिक विवाद के कारण खतरे में है।
पाइपलाइन
परिचय: 1,930 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन नाइजर में चीन द्वारा निर्मित अगादेम तेल क्षेत्र से बेनिन के कोटोनौ बंदरगाह तक जाती है।
उद्देश्य: चीन की सरकारी राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी के साथ हस्ताक्षरित 400 मिलियन डॉलर के समझौते के माध्यम से तेल समृद्ध स्थलरुद्ध देश नाइजर को तेल उत्पादन में लगभग पाँच गुना वृद्धि हासिल करने में मदद करना।
हाल ही में लॉन्ग मार्च 2-सी रॉकेट ने दक्षिण-पश्चिमी चीन से फ्राँसीसी-चीनी उपग्रह स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट्स मॉनिटर (SVOM) को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।
स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (SVOM) उपग्रह
SVOM उपग्रह: SVOM उपग्रह, एक संयुक्त फ्राँसीसी-चीनी मिशन है, जिसे गामा-रे विस्फोटों की जानकारी प्राप्त करने और उनका अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है, इसे लॉन्ग मार्च-2 सी रॉकेट का उपयोग करके दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में शिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था।
जीवनकाल: उपग्रह को पृथ्वी से 600 किलोमीटर से अधिक ऊँचाई पर कक्षा में स्थापित किया गया है, जिसका नियोजित परिचालन जीवनकाल पाँच वर्ष है। हालाँकि, वैज्ञानिकों का अनुमान है, कि यह 20 वर्षों तक कार्यशील रह सकता है।
गामा-किरण विस्फोट (Gamma Ray Bursts- GRB)
उत्पत्ति: गामा-किरण विस्फोट (GRB) आमतौर पर विशाल तारों के विस्फोट के बाद होता है, जो सूर्य के आकार से लगभग 20 गुना अधिक बड़े होते हैं या कॉम्पैक्ट तारों के विलय से होता है।
ये अत्यंत चमकीली ब्रह्मांडीय घटनाएँ एक अरब से भी अधिक सूर्यों के बराबर ऊर्जा विस्फोट उत्सर्जित कर सकती हैं।
ब्रह्मांडीय यात्रा के अनुरेख: गामा-किरण विस्फोट (GRB) अंतरिक्ष में गैस बादलों और आकाशगंगाओं के अनुरेख लेकर चलते हैं, जो ब्रह्मांड के इतिहास और विकास को समझने के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करते हैं।
चुनौतियाँ: गामा-किरण विस्फोट (GRB) का पता लगाना असाधारण रूप से कठिन है, क्योंकि वे आकाश में अप्रत्याशित रूप से दिखाई देते हैं तथा उनकी अवधि कुछ ही सेकंड होती है।
ये विस्फोट पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा बड़े पैमाने पर अवशोषित कर लिए जाते हैं, जिससे अवलोकन और रिकॉर्डिंग के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण की आवश्यकता होती है।
जीरो नॉलेज प्रूफ (Zero knowledge proof)
क्रिप्टोग्राफिक विधि: जीरो नॉलेज प्रूफ एक ऐसा तरीका है, जिसके द्वारा एक पक्ष (जिसे प्रमाणक कहा जाता है) दूसरे पक्ष (जिसे सत्यापनकर्ता कहा जाता है) को विश्वास दिलाता है कि उसके पास डेटा या सूचना का एक भाग है, वह भी बिना डेटा का खुलासा किए।
सॉवरेन क्लाउड (Sovereign cloud)
सॉवरेन क्लाउड एक क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक है, जो विशेष रूप से किसी देश या क्षेत्राधिकार के लिए डेटा निवास, सुरक्षा और अनुपालन संबंधी चिंताओं को संबोधित करता है।
अंतर: तकनीकी दिग्गजों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारंपरिक सेवाओं के विपरीत, सॉवरेन क्लाउड समाधान उस देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर होस्ट एवं प्रबंधित किए जाते हैं जहाँ वे सेवाएँ प्रदान करते हैं।
नागरिक डेटा, बौद्धिक संपदा या वर्गीकृत जानकारी जैसी संवेदनशील जानकारी को सँभालने वाली सरकारें एवं संस्थाएँ सॉवरेन क्लाउड को प्राथमिकता देती हैं।
डेडपूल (Deadpool)
स्टार्टअप के संदर्भ में, डेडपूल (Deadpool) से तात्पर्य उन कंपनियों की सूची से है, जो बंद हो गई हैं या जिनका परिचालन बंद हो गया है।
डेडपूल में कभी-कभी ऐसी कंपनियाँ भी शामिल हो सकती हैं जिन्हें अधिग्रहित कर लिया गया है या जो पूरी तरह से परिवर्तित चुकी हैं।
यह निवेशकों और उद्यमियों के लिए विशिष्ट उद्योगों के बारे में जानकारी हासिल करने और अपने स्वयं के उद्यमों में संभावित जोखिमों को कम करने में उपयोगी हो सकता है।
Latest Comments