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भारत-बांग्लादेश संबंध

Lokesh Pal June 26, 2024 02:21 350 0

संदर्भ

हाल ही में भारत और बांग्लादेश ने नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें समुद्री मामलों और नीली अर्थव्यवस्था में संबंधों को मजबूत करना शामिल है।

  • इन समझौतों को भारतीय प्रधानमंत्री और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष के बीच वार्ता के दौरान अंतिम रूप दिया गया।

संबंधित तथ्य 

  • हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री दो दिवसीय भारत दौरे पर थीं। लोकसभा चुनाव के बाद भारत में नई सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है।
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जो भारतीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच हस्ताक्षरित समझौते पर महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि

भारत और बांग्लादेश ने निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके द्विपक्षीय संबंधों का एक नया अध्याय शुरू किया है:-

  • व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) वार्ता शुरू करना
    • इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाना, व्यापार प्रक्रियाओं को सुचारू बनाना और निवेश को बढ़ावा देना है।
    • CEPA से पर्याप्त आर्थिक लाभ मिलने तथा अधिक घनिष्ठ आर्थिक एकीकरण एवं सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • समुद्री सहयोग और ब्लू इकॉनोमी (Maritime Cooperation and Blue Economy)
    • इस समझौते का उद्देश्य समुद्री संसाधनों का स्थायी दोहन, समुद्री कनेक्टिविटी में सुधार और ब्लू इकॉनोमी पहल के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। 
    • यह सहयोग दोनों देशों के सतत् विकास, उनकी समुद्री क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाना (Enhancing Defense and Security Collaboration)
    • दोनों देश रक्षा उत्पादन और अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। 
    • भारत ने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के निर्णय का स्वागत किया, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत की रणनीतिक दृष्टि के अनुरूप है।
      • हिंद-प्रशांत महासागर पहल (Indo-Pacific Oceans’ Initiative- IPOI) का उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना है।
  • डिजिटल और हरित साझेदारी को आगे बढ़ाना 
    • डिजिटल अवसंरचना और प्रौद्योगिकी में संवर्द्धित सहयोग से दोनों देशों के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी, जबकि हरित साझेदारी समझौते का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत् विकास प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
    • डिजिटल अवसंरचना और प्रौद्योगिकी में संवर्द्धित सहयोग से दोनों देशों के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी, जबकि हरित साझेदारी समझौते का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत् विकास प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
  • रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार 
    • सीमा पार रेलवे संपर्क में सुधार के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। 
    • इन संवर्द्धनों से माल और यात्रियों के सुगम पारगमन की सुविधा मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
      • हाल ही में जाखोदा और अगरतला के बीच छठे रेल संपर्क का चालू होना इस प्रगति का प्रमाण है।
  • हेल्थकेयर पहल और ई-मेडिकल वीजा (Healthcare Initiatives and E-Medical Visas)
    • भारत ने, भारत में चिकित्सा उपचार चाहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के लिए ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करने की घोषणा की।
    • इसके अलावा, भारत बांग्लादेश के रंगपुर में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलने की योजना बना रहा है, ताकि बेहतर वाणिज्य दूतावास सेवाएँ प्रदान की जा सकें और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत किया जा सके।
  • साझा नदियों पर हाइड्रोलॉजिकल सहयोग (Hydrological Cooperation on Shared Rivers)
    • दोनों देश गंगा नदी संधि के नवीकरण के लिए तकनीकी स्तर पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हुए।
    • तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन की समीक्षा के लिए एक तकनीकी टीम बांग्लादेश का दौरा करेगी।
    • यह सहयोग साझा जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन तथा सामान्य हाइड्रोलॉजिकल संबंधी चुनौतियों के समाधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों के बारे में

  • भारत और बांग्लादेश के बीच इतिहास, भाषा, संस्कृति और कई अन्य समानताओं के कारण गहन संबंध हैं। द्विपक्षीय संबंधों की उत्कृष्ट प्रकृति संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ पर आधारित एक व्यापक साझेदारी में परिलक्षित होती है।
  • ऐतिहासिक संबंध: भारत-बांग्लादेश संबंधों की नींव वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में रखी गई थी। भारत ने पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में बांग्लादेश की सहायता के लिए महत्त्वपूर्ण सैन्य और भौतिक सहायता प्रदान की।
    • यह नव स्वतंत्र राष्ट्र की नीति को आकार देने में एक प्राथमिक कारक बन गया, जैसा कि ‘बंगबंधु’ (Bangabandhu) शेख मुजीबुर रहमान ने स्वीकार किया था: ‘भारत के साथ मित्रता बांग्लादेश की विदेश नीति की आधारशिला है।’
    • 1970 के दशक के मध्य में, सीमा विवाद और विद्रोह से लेकर जल के बँटवारे तक के मुद्दों पर भारत विरोधी भावना में वृद्धि हुई थी।
    • वर्ष 1996 से शेख हसीना के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक रूप से विकसित हुए हैं और गंगा जल बँटवारे पर एक संधि के साथ द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिखा गया है।
      • तब से भारत और बांग्लादेश ने व्यापार, ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे, कनेक्टिविटी और रक्षा में सहयोग स्थापित किया है।
  • आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध: बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
    • वित्त वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 14.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर बताया गया है।
    • पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप क्षेत्र में सहयोग जैसे वाणिज्यिक सहयोग के नए क्षेत्र उभरे हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मार्च 2021 में भारत-बांग्लादेश स्टार्टअप ब्रिज का उद्घाटन किया।
      • बांग्लादेश के पहले स्टार्टअप प्रतिनिधिमंडल द्वारा मई 2023 में भारत का दौरा किया गया था, जिसके बाद भारत की ओर से भी जुलाई 2023 में पहले बांग्लादेश स्टार्टअप शिखर सम्मेलन, 2023 (Bangladesh Startup Summit, 2023) के लिए बांग्लादेश का दौरा किया गया था।
    • वर्ष 2022 में, दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) पर एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन पूरा किया।
      • CEPA का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक वार्ता को बढ़ाना, व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और निवेश को बढ़ावा देना है। CEPA से पर्याप्त आर्थिक लाभ मिलने, घनिष्ठ आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • विकास साझेदारी (Development Partnership): बांग्लादेश आज भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार है। भारत ने पिछले 8 वर्षों में बांग्लादेश को सड़क, रेलवे, शिपिंग और बंदरगाहों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि के 3 ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) प्रदान किए हैं।
    • इसके अलावा, भारत बांग्लादेश को विभिन्न बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता प्रदान कर रहा है, जिसमें अखौरा-अगरतला रेल संपर्क का निर्माण, बांग्लादेश में अंतर्देशीय जलमार्गों की ड्रेजिंग और भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण शामिल है।
    • उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाएँ (High Impact Community Development Projects- HICDP) भारत की विकास सहायता का एक सक्रिय स्तंभ है।
    • भारत, बांग्लादेश के सिविल सेवा अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों, पेशेवरों आदि को भारत के विभिन्न प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करता रहा है।
  • कनेक्टिविटी (Connectivity) 
    • रेलवे संपर्क (Railway Connectivity): स्थायी जन केंद्रित भागीदारी के लिए बेहतर संपर्क के प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 1965 से पूर्व के 6 रेल संपर्कों का शुरुआत की गई है।
      • भारत और बांग्लादेश के बीच संचालित रेल संपर्क (Operational Rail Links between India and Bangladesh)
        • अगरतला (भारत)- अखौरा (बांग्लादेश)
        • हल्दीबाड़ी (भारत)- चिलाहाटी (बांग्लादेश)
        • पेट्रापोल (भारत)- बेनापोल (बांग्लादेश)
        • गेडे (भारत)- दर्शन (बांग्लादेश)
        • सिंहाबाद (भारत)- रोहनपुर (बांग्लादेश)
        • राधिकापुर (भारत)- बिरोल (बांग्लादेश)
      • रेलवे गाड़ियों का परिचालन (Operating Railway Trains)
        • मैत्री एक्सप्रेस (वर्ष 2008 से, कोलकाता और ढाका को जोड़ती है)
        • बंधन एक्सप्रेस (वर्ष 2017 से, कोलकाता और खुलना को जोड़ती है)
        • मिताली एक्सप्रेस (जून 2022 से, न्यू जलपाईगुड़ी और ढाका के बीच)
    • सड़क और अंतरदेशीय जल संपर्क: वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच पाँच बस सेवा मार्ग संचालित हैं।
      • भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरदेशीय जलमार्ग व्यापार और पारगमन (Protocol on Inland Waterways Trade and Transit- PIWTT) पर एक प्रोटोकॉल है, जो व्यापार और पारगमन को सुविधाजनक बनाने के लिए वर्ष 1972 से लागू है।
      • PIWTT अंतरदेशीय व्यापार के लिए माल की आवाजाही के साथ-साथ भारत और बांग्लादेश की नदी प्रणालियों के माध्यम से बजरों/जहाजों पर पारगमन की अनुमति देता है। PIWTT मार्गों के उपयोग के माध्यम से दोनों देशों के बीच क्रूज सेवाएँ भी चालू हो गई हैं।
    • बंदरगाह संपर्क (Port Connectivity): दोनों देशों ने वर्ष 2023 में चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग के लिए समझौते को क्रियान्वित किया है।
      • इससे भारत को पूर्वोत्तर और मुख्य भूमि भारत के बीच पारगमन कार्गो के लिए बांग्लादेश में इन बंदरगाहों की सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति मिल जाएगी। 
      • इससे परिवहन की लागत और समय में काफी कमी आएगी।
  • विद्युत और ऊर्जा: विद्युत और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग भारत-बांग्लादेश संबंधों के महत्त्वपूर्ण स्तंभों में से एक बन गया है। बांग्लादेश वर्तमान में भारत से 1160 मेगावाट विद्युत आयात कर रहा है।
    • मैत्री सुपर थर्मल पॉवर प्लांट (Maitree Super Thermal Power Plant) को बांग्लादेश ग्रिड को विद्युत की आपूर्ति करने के लिए चालू कर दिया गया है।
    • पॉवर पर संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group- JWG) / संयुक्त संचालन समिति द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थागत ढाँचा प्रदान करती है।
    • भारत से बांग्लादेश तक हाई स्पीड डीजल की ढुलाई के लिए दोनों देशों के बीच भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन मार्च 2023 में किया गया।
    • इसके अलावा, ONGC विदेश लिमिटेड (ONGC Videsh Limited- OVL), ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समूह में, अपतटीय तेल अन्वेषण में मौजूद है। IOCL को वर्ष 2023 में G2G आपूर्तिकर्ता के रूप में भी पंजीकृत किया गया है।
    • वर्ष 2018 में, रूस, बांग्लादेश और भारत ने रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना, बांग्लादेश के पहले परमाणु ऊर्जा रिएक्टर के कार्यान्वयन में सहयोग के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  • सांस्कृतिक सहयोग: इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (Indira Gandhi Cultural Centre) और ढाका स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र दोनों ही दोनों देशों के बीच साझा सांस्कृतिक संबंधों के उत्सव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • योग, कथक, मणिपुरी नृत्य, हिंदी भाषा, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और भारत और बांग्लादेश के प्रसिद्ध कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित इसके प्रशिक्षण कार्यक्रम लोगों-से-लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने में योगदान करते हैं।
    • भारत ने एक महत्त्वपूर्ण युवा संपर्क पहल के रूप में जून 2022 में सर्वश्रेष्ठ बांग्लादेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए बांग्लादेश युवा प्रतिनिधिमंडल 2022 अभियान का एक नया संस्करण शुरू किया। 
    • फरवरी 2024 में 100 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली और अन्य भारतीय शहरों में शैक्षणिक/सांस्कृतिक रुचि के प्रमुख स्थलों का दौरा किया।
  • रक्षा सहयोग: रक्षा क्षेत्र में, वर्ष 2023-2024 में भारतीय और बांग्लादेश सशस्त्र बलों के प्रमुखों के आने-जाने वाले दौरों के साथ महत्त्वपूर्ण द्विपक्षीय आदान-प्रदान हुआ।
    • जारी रक्षा सहयोग की व्यापक समीक्षा के लिए 5वीं वार्षिक रक्षा वार्ता और चौथी त्रि-सेवा वार्ता अगस्त 2023 में ढाका में आयोजित की गई थी। 
    • भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अभ्यास संप्रीति’ (थल सेना), अभ्यास बोंगो सागर (नौसेना) हैं।
  • सुरक्षा और सीमा प्रबंधन: दोनों देशों की विभिन्न एजेंसियों के बीच सक्रिय सहयोग है, जो पुलिस मामलों, भ्रष्टाचार विरोधी गतिविधियों पर सहयोग करने तथा अवैध मादक पदार्थों की तस्करी, जाली मुद्रा, मानव तस्करी आदि मुद्दों से निपटने के लिए मिलकर कार्य कर रही हैं।
    • 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए शांतिपूर्ण और सहकारी प्रबंधन तंत्र सक्रिय रूप से सीमा पर बाड़ लगाने, सीमा स्तंभों के संयुक्त निरीक्षण, नदी की सीमाओं सहित संयुक्त सीमा सीमांकन पर केंद्रित हैं। 
    • अन्य द्विपक्षीय तंत्र जैसे कि सीमा सुरक्षा बलों के बीच DG स्तर की वार्ता, नोडल ड्रग्स नियंत्रण एजेंसियों के बीच DG स्तर की वार्ता, अन्य ट्रैक पर चर्चा करने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और बेहतर समन्वय में संलग्न होने के लिए नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।
  • बहुपक्षीय सहयोग: दोनों देश विभिन्न बहुपक्षीय मंचों जैसे- दक्षेस (SAARC), बिम्सटेक (BIMSTEC) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association- IORA) में शामिल हैं।
    • इसके अलावा, भारत पर्यटन सांख्यिकी रिपोर्ट, 2022 (India Tourism Statistics Report, 2022) के अनुसार, वर्ष 2021 में बांग्लादेश भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा पर्यटक सृजन बाजार रहा है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में चुनौतियाँ

कई मोर्चों पर साझा संबंधों के बावजूद, भारत-बांग्लादेश निम्नलिखित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनका यथाशीघ्र समाधान किया जाना आवश्यक है।

  • चीन एक कारक के रूप में: बांग्लादेश रणनीतिक रूप से चीन के साथ जुड़ता है और बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में उसका निवेश 10 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। चीन ने बांग्लादेश में विभिन्न परियोजनाओं में 25 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जो पाकिस्तान के बाद दक्षिण एशियाई देश में दूसरा सबसे बड़ा निवेश है।
    • इसने बांग्लादेश में पुल, सड़कें, रेलवे ट्रैक, हवाई अड्डे और विद्युत संयंत्रों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि बांग्लादेश के कई उत्पादों पर चीन में कोई टैरिफ नहीं है।
    • इसके अलावा, चीन बांग्लादेश का एक महत्त्वपूर्ण सैन्य सहयोगी बनकर उभरा है। चीन-बांग्लादेश का पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास, ‘चीन-बांग्लादेश स्वर्णिम मैत्री 2024(China-Bangladesh Golden Friendship 2024), संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के आतंकवाद विरोधी अभियानों को आगे बढ़ाता है। 

  • अमेरिका द्वारा प्रतिबंध: अमेरिका ने चुनाव से पहले अवामी लीग द्वारा अपनाई गई ‘अलोकतांत्रिक’ प्रक्रियाओं पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। बांग्लादेश पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण बांग्लादेश की चीन पर निर्भरता बढ़ सकती है।
  • अल्पसंख्यकों की चिंताएँ: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक आबादी द्वारा अत्याचारों का सामना करना पड़ा है। देश की आबादी में हिंदुओं की संख्या मात्र 8% है।
  • बांग्लादेश से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के आने की चिंताएँ: पश्चिम बंगाल और असम में बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के आने से जनसांख्यिकीय चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं और साथ ही भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध संसाधनों पर बोझ भी पड़ा है।
    • इस तरह के प्रवासन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से बनाए गए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens- NRC) ने बांग्लादेश में चिंताएँ बढ़ा दी हैं। 
  • अवैध प्रवास और मानव तस्करी: अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी में शामिल समूह दोनों तरफ सक्रिय हैं।
    • सीमा सुरक्षा बल (BSF) की मानव तस्करी रोधी इकाई ने हाल ही में दो बांग्लादेशी और एक भारतीय महिला को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया।
    • सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2023 के बीच अवैध रूप से सीमा पार करने के आरोप में 2,345 लोगों को पकड़ा गया। 
  • माल और मवेशियों की तस्करी: सीमा के पूरे हिस्से में कई तरह की वस्तुओं का अवैध व्यापार होता है। वर्ष 2014 में एक अनुमान के अनुसार, भारत से बांग्लादेश को अवैध निर्यात लगभग 4 बिलियन डॉलर का था, जो औपचारिक व्यापार की मात्रा के लगभग बराबर है।
    • सीमा पर सोने और जाली भारतीय मुद्रा नोटों (Fake Indian Currency Notes- FICN) की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। 
    • वर्ष 2022 में, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने लगभग 114 किलोग्राम सोना जब्त किया और वर्ष 2022 में 3.33 लाख मूल्य की नकली मुद्रा से बढ़कर नवंबर 2023 तक ₹15.86 लाख मूल्य की नकली मुद्रा हो गई।
    • भारत-बांग्लादेश सीमा के खंडित होने के कारण प्रत्येक वर्ष 20 लाख से अधिक भारतीय मवेशियों की तस्करी बांग्लादेश में की जाती है।
  • मादक पदार्थों की तस्करी (Drug Trafficking): बांग्लादेश का उपयोग ड्रग डीलरों और ड्रग माफिया द्वारा पारगमन बिंदु के रूप में किया जा रहा है, जो बर्मा और स्वर्ण त्रिभुज (Golden  Triangle) के अन्य देशों से हेरोइन और अफीम को विभिन्न गंतव्यों तक भेजते हैं।
  • जल बँटवारे संबंधी मुद्दे: हिमालय से निकलने वाली और असम में ब्रह्मपुत्र (बांग्लादेश में यमुना) में मिलने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहने वाली तीस्ता नदी, भारत और बांग्लादेश, दोनों मित्रवत् पड़ोसियों के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा है।
    • 54 नदियों के साझा प्रवाह के बावजूद तीस्ता और फेनी जैसी प्रमुख नदियों के लिए अनसुलझी संधियों से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ रहा है।
    • भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, लेकिन अभी तक केवल दो संधियों [गंगा जल संधि (Ganga Waters Treaty) और कुशियारा नदी संधि (Kushiyara River Treaty)] पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

  • भारत विश्व के दो सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्रों के मध्य में अवस्थित है जिसके एक तरफ स्वर्ण त्रिभुज (Golden triangle) क्षेत्र और दूसरी तरफ स्वर्ण अर्द्धचंद्र (Golden crescent) क्षेत्र स्थित है।
    • स्वर्ण त्रिभुज क्षेत्र में थाईलैंड, म्याँमार, वियतनाम और लाओस शामिल हैं।
    • स्वर्ण अर्द्धचंद्र क्षेत्र में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान शामिल हैं।

आगे की राह 

हाल ही में स्वीकृत समझौते महत्त्वपूर्ण हैं और इन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए, साथ ही निम्नलिखित मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए:

  • अवैध प्रवास के मुद्दे को संबोधित करना: अवैध प्रवास के मुद्दे को हल करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अवैध प्रवासी मतदान का अधिकार एवं भारतीय राष्ट्रीयता प्राप्त न कर सकें।
  • सुरक्षा सहयोग: सुरक्षा सहयोग को संस्थागत बनाने की आवश्यकता है ताकि यह किसी भी देश में किसी विशेष सरकार के कार्यकाल तक सीमित न रहे।
  • जल बँटवारे के मुद्दे का समाधान: जल बँटवारे पर द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि (Bilateral Extradition Treaty Agreement) पर हस्ताक्षर करके इसकी शुरुआत की जा सकती है। तीस्ता मुद्दे का जल्द समाधान आवश्यक है।
  • लोगों के बीच संपर्क: लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसलिए उदार वीजा प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
    • भारतीय वीजा आवेदन प्रक्रिया को और अधिक उदार बनाने तथा भारत एवं बांग्लादेश के बीच लोगों के मध्य संबंधों को मजबूत करने की भारत सरकार की नीति के अनुरूप, भारतीय वीजा की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए देश भर में 16 IVAC केंद्रों में सेवाओं को बढ़ाया गया है। 
  • सांस्कृतिक और खेल कूटनीति: हाल ही में भारत ने टी20 विश्व कप मैच से पहले भारतीय और बांग्लादेशी क्रिकेट टीमों को शुभकामनाएं दी हैं। इस तरह के इशारे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समानता और खेलों के प्रति साझा उत्साह को रेखांकित करते हैं, जिसका भविष्य में भी पालन किया जाना चाहिए।

सीमा साझा करना (Border Sharing)

  • भारत बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी स्थलीय सीमा साझा करता है।
    • भारत और बांग्लादेश के बीच 4096.7 किमी. लंबी सीमा है।
  • बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले भारतीय राज्य: असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा हैं।

भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (Indo-Pacific Oceans Initiative- IPOI) के बारे में

  • यह क्षेत्र में आम चुनौतियों के लिए सहकारी और सहयोगात्मक समाधान हेतु देशों के लिए एक खुली, गैर-संधि आधारित पहल है।
  • यह सात स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मौजूदा क्षेत्रीय संरचना और तंत्र का उपयोग करता है:
    • समुद्री सुरक्षा (Maritime Security)
    • समुद्री पारिस्थितिकी (Maritime Ecology)
    • समुद्री संसाधन (Maritime Resources)
    • क्षमता निर्माण और संसाधन साझाकरण (Capacity Building and Resource Sharing)
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन (Disaster Risk Reduction and Management)
    • विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक सहयोग (Science, Technology and Academic Cooperation)
    • व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन (Trade Connectivity and Maritime Transport)

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