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टॉप क्वार्क: हिग्स बोसॉन का सबसे करीबी कण

Lokesh Pal July 03, 2024 03:47 153 0

संदर्भ

यूरोप में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider- LHC) के भौतिकविदों ने टॉप क्वार्क की 172.52 GeV/c2 द्रव्यमान पर आधारित सटीक द्रव्यमान माप की रिपोर्ट दी है, जिसका प्रभाव संपूर्ण ब्रह्मांड पर पड़ता है। 

क्वार्क (Quarks) के बारे में 

  • प्राथमिक कण (Elementary Particles): क्वार्क्स ब्रह्मांड में दृश्य पदार्थ के अंतिम मूलभूत खंड होते हैं। 
    • वे एक परमाणु के प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं और कण भौतिकी के मानक मॉडल के आधार पर स्थित हैं। 

  • प्रायोगिक साक्ष्य: वर्ष 1968 में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड लीनियर एक्सेलेरेटर सेंटर (Stanford Linear Accelerator Center- SLAC) में, प्रयोगकर्ताओं ने प्रोटॉन पर इलेक्ट्रॉन और म्यूऑन की बौछार की तथा इस बात के प्रमाण पाए कि इलेक्ट्रॉन एवं म्यूऑन प्रोटॉन के भीतर मौजूद तीन छोटे कणों के साथ गति में थे, जिनमें से प्रत्येक के पास अपना विद्युत आवेश था। 
  • बंधन: सामान्य परिस्थितियों में क्वार्क हमेशा मजबूत परमाणु बल द्वारा एक साथ बँधे रहते हैं और कभी भी अकेले नहीं रहते हैं तथा हैड्रॉन नामक मिश्रित कण बनाते हैं। 
    • बैरियन (Baryons): ये तीन क्वार्क से निर्मित कण हैं, जिनमें प्रोटॉन (दो अप और एक डाउन क्वार्क) और न्यूट्रॉन (एक अप और दो डाउन क्वार्क) शामिल हैं। 
      • दो क्वार्क से बने कणों को मेसॉन (Mesons) कहा जाता है।

  • फ्लेवर्स (Flavours): वर्तमान मानक मॉडल में, क्वार्क के छह ‘फ्लेवर्स’ हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी क्वांटम संख्याएँ हैं और उनका द्रव्यमान अलग-अलग होता  है।
    • अप क्वार्क; डाउन क्वार्क; स्ट्रेंज क्वार्क; चार्म क्वार्क; बॉटम क्वार्क; टॉप क्वार्क (यह सबसे भारी है और इसका द्रव्यमान अप क्वार्क से 61,000 गुना अधिक है।) 

टॉप क्वार्क (Top Quark) 

  • टॉप क्वार्क अब तक वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया सबसे भारी कण है।
    • यह जल के अणु से 10 गुना भारी है, यह ताँबे के अणु से लगभग तीन गुना भारी है तथा कैफीन के पूर्ण अणु से 95% अधिक भारी है। 
  • क्षय: टॉप क्वार्क एक बहुत ही अस्थिर कण है और 10−25 सेकंड से भी कम समय में हल्के, अधिक स्थिर कणों में इसका विखंडन हो जाता है। 
    • द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता (Mass-Energy Equivalence) के अनुसार, अधिक भारी कण, अधिक ऊर्जावान कण भी होता है तथा अधिक ऊर्जावान कण अक्सर कम ऊर्जा वाले कणों में विखंडित हो जाते हैं।
  • खोज: टॉप क्वार्क की खोज वर्ष 1995 में अमेरिका में टेवाट्रॉन (Tevatron) नामक कण त्वरक (Particle Accelerator) के माध्यम से की गई थी, जिसका द्रव्यमान पहले 151-197 GeV/c2 मापा गया था। 
    • यूरोप स्थित लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider- LHC) के भौतिकविदों ने 172.52 GeV/c2 द्रव्यमान को अब तक का सबसे सटीक आँकड़ा बताया है।

टॉप क्वार्क के सटीक द्रव्यमान को मापने का महत्त्व

  • हिग्स बोसॉन को समझना: हिग्स बोसॉन सर्वाधिक शक्तिशाली तरीके से टॉप क्वार्क के साथ इंटरैक्ट करता है क्योंकि यह सबसे भारी सबएटॉमिक कण है। टॉप क्वार्क के द्रव्यमान को यथासंभव सटीक रूप से मापकर, हिग्स बोसॉन के बारे में भी बहुत कुछ जाना जा सकता है।
    • यह हिग्स बोसॉन कणों के साथ परस्पर क्रिया करके उन्हें द्रव्यमान प्रदान करता है। 
  • ब्रह्मांड क्वांटम टनलिंग इवेंट (Universe quantum Tunnelling Event): टॉप क्वार्क द्रव्यमान को सटीक रूप से मापने से यह पता चलता है कि क्या हमारा ब्रह्मांड अस्तित्व से बाहर हो जाएगा, क्योंकि 126 GeV/c2 द्रव्यमान वाला हिग्स बोसॉन ब्रह्मांड को उसकी वर्तमान स्थिति में बनाए रखने के लिए पर्याप्त है।
    • यदि हिग्स क्षेत्र वर्तमान की तुलना में थोड़ा अधिक शक्तिशाली होता, तो अधिकांश रासायनिक तत्त्वों के परमाणु नष्ट हो जाते तथा उनके साथ तारे, आकाशगंगाएँ और पृथ्वी के जीव भी नष्ट हो जाते।
  • अद्वितीय प्रकृति (Peculiar Nature): इसकी अद्वितीय प्रकृति का निर्धारण करने के लिए, एक ओर यह हिग्स बोसॉन के द्रव्यमान के सबसे करीब है और दूसरी ओर, इसके जैसे अन्य सभी कण बहुत हल्के हैं। 
  • शोधकर्ता शीर्ष क्वार्क के द्रव्यमान माप को उन गणनाओं में शामिल करने में सक्षम होंगे, जो हमारे ब्रह्मांड के कणों के बारे में हमारी समझ को सूचित करती हैं।
  • अधिक कण खोजना: टॉप क्वार्क के द्रव्यमान को सटीक रूप से मापना यह जानने के लिए भी महत्त्वपूर्ण है कि क्या टॉप क्वार्क के निकट द्रव्यमान वाला कोई अन्य कण भी मौजूद हो सकता है।

हिग्स बोसॉन (Higgs Boson) 

  • हिग्स बोसॉन, हिग्स क्षेत्र का मूलभूत बल-वाहक कण है, जो अन्य कणों को उनका द्रव्यमान प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
  • हिग्स क्षेत्र (Higgs field): यह समस्त मूल कणों का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है, जो संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है।
    • एक ‘क्षेत्र’ ऊर्जा के समुद्र की तरह होता है और क्षेत्र में उद्दीपन को कण कहा जाता है। इस तरह, उदाहरण के लिए, हिग्स क्षेत्र के एक उद्दीपन को हिग्स बोसॉन कहा जाता है।
  • सिद्धांत: हिग्स क्षेत्र को पहली बार 60 के दशक के मध्य में पीटर हिग्स (Peter Higgs) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। 
  • खोज: इस कण की खोज अंततः 4 जुलाई, 2012 को लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) के शोधकर्ताओं द्वारा की गई। 
    • LHC ने हिग्स क्षेत्र के अस्तित्व और द्रव्यमान को जन्म देने वाली क्रियाविधि की पुष्टि की और इस प्रकार कण भौतिकी के मानक मॉडल को पूरा किया। 
  • द्रव्मान (Mass): हिग्स बोसॉन का द्रव्यमान 125 अरब इलेक्ट्रॉन वोल्ट है तथा यह प्रोटॉन से 130 गुना अधिक भारी है।
  • कोई चक्रण नहीं: यह शून्य ‘स्पिन’ (कोणीय गति के बराबर एक क्वांटम यांत्रिक) के साथ आवेश रहित भी है। यह एकमात्र ऐसा प्राथमिक कण है, जिसमें कोई ‘स्पिन’ नहीं है।
  • एक बोसॉन: यह एक “बल वाहक” कण है, जो तब क्रियाशील होता है, जब कण एक-दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं तथा इस परस्पर क्रिया के दौरान एक बोसॉन का आदान-प्रदान होता है।
    • उदाहरण के लिए:  जब दो इलेक्ट्रॉन परस्पर क्रिया करते हैं तो वे एक फोटॉन (विद्युत चुंबकीय क्षेत्र का बल-वाहक कण) का आदान-प्रदान करते हैं, हिग्स बोसॉन वह कण/तरंग या ‘परिमाणित अभिव्यक्ति’ है, जो उत्तेजित होने पर हिग्स क्षेत्र से उत्पन्न होता है।
  • ब्राउट-एंगलर्ट-हिग्स तंत्र (Brout-Englert-Higgs Mechanism): हिग्स क्षेत्र अन्य कणों के साथ अपनी अंतःक्रिया के माध्यम से द्रव्यमान उत्पन्न करता है तथा हिग्स बोसॉन द्वारा संचालित तंत्र को ब्राउट-एंगलर्ट-हिग्स तंत्र कहा जाता है।


News Source: The Hindu

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