‘प्रोजेक्ट चीता’ से जुड़े अधिकारियों ने चीतलों की आबादी को बचाने के लिए कुनो राष्ट्रीय उद्यान से अतिरिक्त चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया।
चीतल (चित्तीदार हिरण)
मूल प्रजाति: चीतल, जिसे चित्तीदार हिरण, चीतल हिरण और पोल डियर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की एक मूल हिरण प्रजाति है।
मूल: जोहान क्रिश्चियन पॉलीकार्प एर्क्सलेबेन (Johann Christian Polycarp Erxleben)।
जैविक विशेषताएँ: यह लैंगिक रूप से द्विरूपी है; नर मादाओं से बड़े होते हैं, तथा सींग केवल नरों में ही पाए जाते हैं।
अनुमानित आबादी: IUCN के अनुसार, पोल डियर भारतीय उपमहाद्वीप के संपूर्ण क्षेत्र में पाया जाता है, हालाँकि इसकी समग्र संख्या का कोई अनुमान नहीं दिया गया है।
हालाँकि, IUCN रेड लिस्ट एक्सिस हिरण को सबसे कम चिंताजनक (LC) श्रेणी में वर्गीकृत करती है।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National park)
स्थान: कुनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में विंध्य पहाड़ियों के पास स्थित है।
चंबल नदी की एक प्रमुख सहायक नदी कुनो के नाम पर बने इस पार्क को मूल रूप से एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे वर्ष 2018 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
इसे ‘भारत में चीता लाने की कार्य योजना’ (Action Plan for Introduction of Cheetah in India) के लिए स्थल के रूप में चुना गया है।
जीव-जंतु: जंगली बिल्ली, भारतीय तेंदुआ, भालू, भारतीय भेड़िया, धारीदार लकड़बग्घा, सुनहरा सियार, बंगाली लोमड़ी और ढोल।
वनस्पति: कुनो राष्ट्रीय उद्यान के वन क्षेत्र में मुख्य रूप से करधई, सलाई और खैर के पेड़ हैं, जो एक मिश्रित वन वातावरण का निर्माण करते हैं।
पार्क में विविध वनस्पतियाँ हैं, जिनमें 123 वृक्ष प्रजातियाँ, 71 झाड़ी प्रजातियाँ, 32 विदेशी और चढ़ने वाली प्रजातियाँ, तथा बाँस एवं घास की 34 प्रजातियाँ शामिल हैं।
श्योक नदी
Shyok River
हाल ही में लद्दाख में सैन्य प्रशिक्षण के दौरान श्योक नदी में जल की तेज धारा में एक टैंक के बह जाने से पाँच सैनिकों की मृत्यु हो गई।
श्योक नदी (Shyok River)
परिचय: श्योक नदी भारत के जम्मू और कश्मीर में उत्तरी लद्दाख से होकर पाकिस्तान प्रशासित गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बहती है, जहाँ यह सिंधु नदी में मिल जाती है।
सहायक नदी: सिंधु नदी की सहायक नदी होने के कारण इसका एक अनूठा मार्ग है। इसकी मुख्य दाहिनी तटवर्ती सहायक नदी नुब्रा नदी (Nubra River) है।
नदी का उद्गम रिमो ग्लेशियर (Rimo Glacier) से होता है, जो सियाचिन ग्लेशियर की एक शाखा है, और इसका नाम लद्दाखी भाषा से निकला है जिसका अर्थ है ‘मृत्यु की नदी’ (River of Death)।
श्योक नदी का प्रवाह अनूठा है; यह रिमो ग्लेशियर से शुरू होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है।
पैंगोंग रेंज (Pangong Range) तक पहुँचने पर यह अचानक उत्तर-पश्चिम की ओर मुड़ जाती है और अपने मूल मार्ग के समानांतर बहने लगती है।
श्योक नदी एक विस्तृत घाटी से होकर बहती है, जो चालुंका के बाद तेजी से सँकरी होकर एक घाटी में परिवर्तित हो जाती है और अंततः पाकिस्तान के स्कार्दू में सिंधु नदी से मिल जाती है।
सामरिक महत्त्व: श्योक नदी घाटी काराकोरम पर्वतमाला के कई महत्त्वपूर्ण दर्रों, विशेष रूप से प्रसिद्ध काराकोरम दर्रे तक पहुँच के कारण सामरिक महत्त्व रखती है।
स्कॉलर वारियर्स
Scholar Warriors
हाल ही में एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने एक कार्यक्रम में अपने भाषण में ‘स्कॉलर वारियर्स’ (Scholar Warriors) की पुरानी सैन्य अवधारणा पर प्रकाश डाला।
‘स्कॉलर वारियर्स’ (Scholar Warriors)
परिचय: स्कॉलर वॉरियर एक सैन्य पेशेवर है, जो वर्तमान के जटिल और गतिशील सुरक्षा वातावरण में बौद्धिक कौशल को युद्ध कौशल के साथ जोड़ता है।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य पूर्णतः प्रशिक्षित सैन्यकर्मियों का निर्माण करना है, जिनके पास युद्ध कौशल के साथ-साथ अकादमिक ज्ञान और शासन क्षमता भी हो।
सैन्य प्रशिक्षण: सैन्य पेशेवर विभिन्न स्तरों पर सैन्य प्रशिक्षण और शिक्षा प्राप्त करते हैं और उनके पाठ्यक्रम सामरिक और रणनीतिक ज्ञान को क्रमिक रूप से शामिल करके इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं।
महत्त्व: इस अवधारणा को अगली पीढ़ी के सैन्य नेतृत्व को आकार देने के लिए महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, जो युद्ध रणनीतियों में अकादमिक और वैचारिक रूप से उतने ही मजबूत होंगे, जितने कि वे वास्तविक लड़ाई में होंगे।
प्रागैतिहासिक शुतुरमुर्ग के खोल की खोज
Discovery of prehistoric ostrich shells
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम् में पुरातत्त्वविदों ने 41,000 वर्ष पुराना शुतुरमुर्ग का घोंसला खोजा है। यह खोज भारतीय उपमहाद्वीप में मेगाफौना (Megafauna) के विलुप्त होने के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी देती है।
मेगाफौना (Megafauna)
परिचय: यह शब्द आमतौर पर 50 किलोग्राम से अधिक वजन वाले जीवों का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उत्पत्ति: इस शब्द का प्रयोग पहली बार अंग्रेज प्रकृतिवादी और खोजकर्ता अल्फ्रेड रसेल वालेस (Alfred Russel Wallace) ने वर्ष 1876 में अपनी पुस्तक ‘द जियोग्राफिकल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ एनिमल्स’ (The Geographical Distribution of Animals) में किया था।
वर्गीकरण: मेगाफौना को उनके आहार के प्रकार के आधार पर मेगाहर्बीवोर्स (Megaherbivores) (पादप उपभोग करने वाले), मेगाकार्निवोर्स (Mega carnivores) (मांस उपभोग करने वाले) और मेगाऑम्निवोर्स (Mega Omnivores) (जो पादप एवं मांस दोनों खाते हैं) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
शुतुरमुर्ग सर्वाहारी होते हैं, एक वयस्क शुतुरमुर्ग का वजन 90 से 140 किलोग्राम के बीच होता है, तथा इसकी ऊँचाई 7 से 9 फीट के बीच होती है।
महत्त्व: आंध्र प्रदेश में हुई यह खोज 41,000 वर्ष पहले दक्षिण भारत में शुतुरमुर्गों की उपस्थिति को सिद्ध करती है। यह उन शोधों में भी शामिल है जो इस बात की जाँच कर रहे हैं कि भारत में मेगाफौना क्यों विलुप्त हो गए?
आईमैक्स
(IMAX)
आईमैक्स (IMAX) आज सिनेमा में व्यावसायिक फिल्म निर्माण में प्रयुक्त सबसे लोकप्रिय फिल्म प्रारूपों में से एक है।
आईमैक्स (IMAX)
परिचय: IMAX एक मोशन पिक्चर फिल्म प्रारूप है। इसमें उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे, फिल्म प्रारूप, प्रोजेक्टर और थिएटर की प्रोडक्शन पाइपलाइन शामिल है।
उत्पत्ति: 1970 के दशक में कनाडा में विकसित, IMAX का उद्देश्य दर्शकों को अपनी बड़ी स्क्रीन के माध्यम से फिल्म देखने का एक शानदार अनुभव प्रदान करना है।
उच्च रिजॉल्यूशन: IMAX फिल्म प्रारूप अपने 35 मिमी. समकक्ष की तुलना में अत्यंत उच्च रिजॉल्यूशन प्रदान करता है।
राष्ट्रीय परीक्षण गृह
National Test House
हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण गृह को सभी भारतीय उत्पादों के लिए सर्वोच्च प्रमाणन निकाय बनाने की योजना बनाई है।
राष्ट्रीय परीक्षण गृह (National Test House- NTH)
परिचय: NTH की स्थापना वर्ष 1912 में अलीपुर, कलकत्ता में “सरकारी परीक्षण गृह” के रूप में की गई थी।
राष्ट्रीय परीक्षण गृह (NTH) एक अग्रणी वैज्ञानिक संगठन है, जो 109 वर्षों से कच्चे माल और तैयार उत्पादों के परीक्षण, अंशांकन और गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए समर्पित है।
नोडल मंत्रालय: NTH, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
मुख्य उद्देश्य: गुणवत्ता परीक्षण के माध्यम से इंजीनियरिंग सामान के उत्पादन पर घरेलू निर्माताओं को समर्थन और सलाह देना।
सड़क धँसाव
Road Cave-ins
हाल ही में अयोध्या में नवनिर्मित राम पथ के कई स्थानों पर सड़क धँस गई।
सड़क का कोई हिस्सा धँसने का क्या कारण है?
जमीन में छेद के समान ये गुफाएँ वास्तव में लगातार वर्षा का परिणाम हैं।
लगातार वर्षा के कारण नालियाँ ओवरफ्लो हो जाती हैं, जिससे पाइपलाइन में रिसाव हो सकता है।
पाइपलाइन से पानी उसके आसपास की भूमि की परतों में बह जाता है, भूमि का क्षरण शुरू हो जाता है और समय के साथ, यह पाइपलाइन में जल के साथ बह जाता है।
Latest Comments