भारत सरकार का इस्पात मंत्रालय कोकिंग कोल की आपूर्ति में विविधता लाने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत रूस एवं मंगोलिया को प्रमुख नए बाजारों के रूप में पहचाना गया है।
कोकिंग कोल (Coking Coal)
परिचय: कोकिंग कोयला, जिसे धातुकर्म कोयला भी कहा जाता है, उच्च गुणवत्ता वाले कोक के उत्पादन के लिए आवश्यक है।
भूमिका: यह पदार्थ प्राथमिक इस्पात निर्माण की ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया में एक महत्त्वपूर्ण ईंधन और अभिकर्मक है।
विशेषताएँ: कोकिंग कोयले की विशेषता यह है कि इसमें राख, नमी, सल्फर और फास्फोरस की मात्रा कम होती है।
इसकी रासायनिक संरचना के आधार पर इसे बिटुमिनस (Bituminous) कोयले के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
आयात का कारण: भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक है, साथ ही वह कोकिंग कोल का सबसे बड़ा आयातक भी है, जो इस्पात उत्पादन के लिए एक महत्त्वपूर्ण कच्चा माल है। घरेलू माँग 57 मिलियन टन (MT) है, जिसमें से अधिकांश आयात के माध्यम से पूरी की जाती है।
कोक उत्पादन से प्राप्त उप-उत्पाद: टार, बेंजोल, अमोनिया सल्फेट और सल्फर।
चक्रवात फ्रेडी
(Cyclone Freddy)
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, वर्ष 2023 की शुरुआत में दक्षिण-पूर्व अफ्रीका में आने वाला चक्रवात फ्रेडी (Freddy) अब तक का सबसे लंबी अवधि वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात है।
चक्रवात फ्रेडी (Cyclone Freddy)
उत्पत्ति: इसकी शुरुआत वर्ष 2022 में ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट के पास हुई थी।
दीर्घ अवधि: चक्रवात फ्रेडी ने सबसे लंबे समय तक रहने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात है, जिसकी अवधि 36 दिन की थी।
ऊर्जा संचयन (Energy Accumulation): चक्रवातफ्रेडी ने असाधारण मात्रा में ऊर्जा एकत्रित की, जो कि पूरे उत्तरी अटलांटिक हरिकेन सीजन के बराबर थी, जिसे दक्षिणी हिंद महासागर में गर्म समुद्री सतह के तापमान से बल मिला।
प्रभाव: चक्रवात के कारण व्यापक आंतरिक विस्थापन हुआ, जिससे छह अफ्रीकी देशों के लगभग 1.4 मिलियन लोग प्रभावित हुए।
मलावी में सबसे अधिक विस्थापन हुआ, जिससे 6,59,000 लोग प्रभावित हुए।
निर्माण पोर्टल
(Nirman Portal)
हाल ही में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य उम्मीदवारों को पुरस्कृत करने के लिए एक प्रमुखपहल के रूप में निर्माण (NIRMAN) पोर्टल लॉन्च किया।
निर्माण पोर्टल (NIRMAN Portal)
उद्देश्य: CIL के परिचालन जिलों के उन मेधावी युवाओं को समर्थन प्रदान करना, जिन्होंने वर्ष 2024 में UPSC परीक्षा (सिविल सेवा और वन सेवा) के प्रारंभिक दौर के लिए अर्हता प्राप्त की है।
पात्रता: यह योजना पात्र उम्मीदवारों को 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये) की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
अर्हता प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला या थर्ड जेंडर श्रेणी से संबंधित होने चाहिए और CIL के 39 परिचालन जिलों में से किसी एक का स्थायी निवासी होना चाहिए।
उद्देश्य: पोर्टल पूर्ण पारदर्शिता और आवेदनों की निर्बाध जाँच सुनिश्चित करता है।
e-सांख्यिकी पोर्टल
(e-Sankhyiki Portal)
भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने e-सांख्यिकी पोर्टल लॉन्च किया है।
e-सांख्यिकी पोर्टल (e-Sankhyiki Portal)
परिचय: यह योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए रियल टाइम में जानकारी प्रदान करता है।
उद्देश्य: आधिकारिक आँकड़ों के प्रबंधन और साझाकरण के लिए एक व्यापक प्रणाली स्थापित करना, ताकि देश भर में उनका आसानी से प्रसार हो सके।
विशेषता: यह एक उपयोगकर्ता-केंद्रित डेटा पोर्टल है, जो सूचना के उपयोग और पुनः उपयोग को सक्षम बनाता है तथा अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा मूल्य संवर्द्धन एवं विश्लेषण के माध्यम से प्रभाव को बढ़ावा देता है।
मॉड्यूल: इसमें दो मॉड्यूल शामिल हैं:-
डेटा कैटलॉग मॉड्यूल (Data Catalogue Module): यह मॉड्यूल मंत्रालय की प्रमुख डेटा परिसंपत्तियों को एक सुलभ स्थान पर समेकित करता है।
विशेषताएँ: उपयोगकर्ता तालिकाओं सहित डेटासेट के भीतर खोज कर सकते हैं तथा अपनी रुचि के डेटा को डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे उसका मूल्य और पुन: प्रयोज्यता बढ़ जाती है।
डेटा उत्पाद: इसमें सात डेटा उत्पाद शामिल हैं: राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण और बहु-संकेतक सर्वेक्षण।
वर्तमान सामग्री: डेटा कैटलॉग अनुभाग में पहले से ही 2,291 से अधिक डेटासेट मौजूद हैं, जिनमें से प्रत्येक के साथ उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए विशिष्ट मेटाडेटा और विजुअलाइजेशन भी मौजूद हैं।
मैक्रो इंडिकेटर मॉड्यूल (Macro Indicators Module): यह मॉड्यूल आवश्यक ‘मैक्रो इंडीकेटर’ का समय शृंखला आधारित डेटा प्रदान करता है, जो उपयोगकर्ता के अनुकूल पहुँच के लिए फिल्टरिंग और विजुअलाइजेशन सुविधाओं से सुसज्जित है।
उपयोगकर्ता डेटासेट को अनुकूलित कर सकते हैं। विजुअलाइजेशन बना सकते हैं, और उन्हें API के माध्यम से साझा कर सकते हैं, जिससे डेटा की पुनः प्रयोज्यता बढ़ जाती है।
मॉड्यूल के शुरुआती चरण में चार प्रमुख MoSPI उत्पाद शामिल हैं: राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, जो पिछले दशक को कवर करते हैं। पोर्टल में वर्तमान में 1.7 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड हैं।
SCO समिट
(SCO Summit)
वर्ष 2024 में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन 3-4 जुलाई को कजाखस्तान के अस्ताना में आयोजित किया जा रहा है।
शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization)
परिचय: वर्ष2001 में स्थापित यह गठबंधन कजाखस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी गठबंधन है। यह गठबंधन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है, जिसका पहला शिखर सम्मेलन शंघाई, चीन में हुआ था।
उद्देश्य: SCO का उद्देश्य व्यापार, निवेश, ऊर्जा, परिवहन और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और एकजुटता बढ़ाना है।
उद्देश्य: SCO के प्राथमिक लक्ष्य हैं:
सदस्य राज्यों के बीच संबंधों को बढ़ाना।
राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक-तकनीकी, सांस्कृतिक, शैक्षिक, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और पर्यावरण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना।
क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा करना।
लोकतांत्रिक एवं न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक एवं आर्थिक व्यवस्था को बढ़ावा देना।
सदस्य: चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान।
पर्यवेक्षक: पर्यवेक्षकों में अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया शामिल हैं।
हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ग्लोबल इंडिया AI समिट 2024 का उद्घाटन किया है।
ग्लोबल इंडिया AI समिट 2024 (Global IndiaAI Summit 2024)
उद्देश्य
सहयोग को बढ़ावा (Foster Collaboration): यह शिखर सम्मेलन विज्ञान, उद्योग, नागरिक समाज, सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और शिक्षाविदों सहित विविध क्षेत्रों से वैश्विक AI विशेषज्ञों को एक साथ लाता है।
आईनॉलेज एक्सचेंज (iKnowledge Exchange): महत्त्वपूर्ण AI मुद्दों और चुनौतियों पर अंतर्दृष्टि साझा करने की सुविधा प्रदान करना।
नैतिक AI को बढ़ावा देना (Promote Ethical AI): एआई प्रौद्योगिकियों के जिम्मेदार विकास और परिनियोजन पर जोर देना।
भारत की भूमिका: भारत सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद AI प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक साझेदारी (GPAI) के सदस्य देशों और विशेषज्ञों की मेजबानी करेगा।
इंडिया AI स्तंभ और फोकस क्षेत्र (IndiaAI Pillars and Focus Areas): इंडिया AI मिशन का उद्देश्य सात प्रमुख स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में एक मजबूत AI पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
इंडिया AI कंप्यूट क्षमता (IndiaAI Compute Capacity): सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 10,000 से अधिक GPU के साथ एक स्केलेबल AI कंप्यूटिंग इकोसिस्टम की स्थापना करना। एक AI मार्केटप्लेस, AI को एक सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगा, जो आवश्यक AI संसाधनों के लिए एक मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
इंडिया AI इनोवेशन सेंटर: भारत के उद्योगों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी बड़े मल्टीमॉडल मॉडल (LMM) और डोमेन विशिष्ट आधारभूत मॉडल विकसित करने और लागू करने के लिए समर्पित है।
इंडिया AI डेटासेट प्लेटफॉर्म: AI नवाचार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुँच को सुव्यवस्थित करना। एक एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं के लिए निर्बाध पहुँच प्रदान करेगा, जिससे मजबूत AI मॉडल के विकास में सुविधा होगी।
स्नोब्लाइंड मैलवेयर
(Snowblind Malware)
‘स्नोब्लाइंड’ नामक एक नया बैंकिंग मैलवेयर बैंकिंग क्रेडेंशियल्स चुराने के प्रयास में एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहा है।
स्नोब्लाइंड मैलवेयर (Snowblind Malware)
परिचय: यह एक नया एंड्रॉयड मैलवेयर है, जो छेड़छाड़-रोधी उपायों को दरकिनार करने और बैंकिंग क्रेडेंशियल्स चुराने के लिए अंतर्निहित एंड्रॉयड सुरक्षा सुविधा का लाभ उठाता है।
संचालन का तरीका (Method of Operation): यह मैलवेयर संवेदनशील डेटा का प्रबंधन करने वाले ऐप्स में छेड़छाड़-रोधी सुरक्षा को दरकिनार करने के लिए अंतर्निहित सुरक्षा सुविधा का उपयोग करता है।
यह एक्सेसिबिलिटी सुविधाओं का पता लगाने से बचने के लिए ऐप को पुनः पैकेज करता है, जिसका उपयोग लॉगिन क्रेडेंशियल जैसी संवेदनशील जानकारी निकालने और ऐप तक दूरस्थ पहुँच प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
यह ‘सेकंप’ (Seccomp) नामक सुविधा का लाभ उठाता है, जो ‘सिक्योर कंप्यूटिंग’ का संक्षिप्त रूप है, जिसे लिनक्स कर्नेल और एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में एकीकृत किया गया है।
यह सुविधा अनुप्रयोगों में छेड़छाड़ के संकेतों का पता लगाने के लिए डिजाइन की गई है।
प्रक्रिया: सुरक्षा फर्म ने पाया कि स्नोब्लाइंड कोड को इंजेक्ट करता है, जो सेकंप द्वारा छेड़छाड़-रोधी उपायों को आरंभ करने से पहले लोड हो जाता है।
इससे मैलवेयर को सुरक्षा तंत्र को दरकिनार करने और पीड़ित की स्क्रीन को दूर से देखने के लिए एक्सेसिबिलिटी सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति मिलती है।
अक्षम करना: स्नोब्लाइंड बायोमेट्रिक और दो-कारक प्रमाणीकरण को अक्षम कर सकता है, जो अनधिकृत पहुँच को रोकने के लिए बैंकिंग ऐप में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सुरक्षा सुविधाएँ हैं। आम एंड्रॉइड मैलवेयर की तरह, स्नोब्लाइंड उन उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करता है, जो अविश्वसनीय स्रोतों से ऐप इंस्टॉल करते हैं।
अराकू कॉफी
(Araku Coffee)
हाल ही में प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के दौरान आंध्र प्रदेश की अराकू कॉफी के विशिष्ट स्वाद और महत्त्व पर प्रकाश डाला।
अराकू कॉफी (Araku Coffee)
परिचय: अराकू कॉफी की खेती आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के अराकू घाटी में की जाती है, जो पूर्वी घाट में बसा हुआ है। अपने अनोखे स्वाद के लिए जानी जाने वाली इस कॉफी में चॉकलेट, कैरेमल और एक संवेदनशील फल जैसी खटास का अहसास होता है।
खेती: इसकी खेती विविध कृषि वानिकी प्रणाली में की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से जैविक खेती के तरीके अपनाए जाते हैं। आदिवासी किसानों और सहकारी समितियों द्वारा उगाई जाने वाली अराकू कॉफी सतत् आजीविका और सामुदायिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है।
मान्यताएँ: अराकू कॉफी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जैसे कि कैफे डे कोलंबिया प्रतियोगिता में ‘बेस्ट रोबस्टा’ का पुरस्कार जीतना। इसके विशिष्ट गुणों को मान्यता देते हुए इसे वर्ष 2019 में भौगोलिक संकेत (GI) टैग से भी सम्मानित किया गया।
अन्य भारतीय कॉफी: अन्य भारतीय कॉफी में, जिन्हें GI टैग प्राप्त हुआ है उनमें कुर्ग अरेबिका, वायनाड रोबस्टा, चिकमंगलूर अरेबिका, कर्नाटक से बाबाबुदनगिरी अरेबिका और केरल से मॉनसून मालाबार रोबस्टा शामिल हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री
(JOINT MILITARY EXERCISE MAITREE)
भारतीय सेना की टुकड़ी भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री में भाग लेने के लिए रवाना हो गई है।
अभ्यास मैत्री
परिचय: भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री का 13वाँ संस्करण 1 से 15 जुलाई, 2024 तक थाईलैंड के टाक प्रांत के फोर्ट वाचिराप्रकन (Fort Vachira Prakan) में आयोजित होने वाला है।
इस अभ्यास का पिछला संस्करण सितंबर 2019 में उमरोई, मेघालय में आयोजित किया गया था।
प्रतिनिधित्व: 76 कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी में मुख्य रूप से लद्दाख स्काउट्स की एक बटालियन के साथ-साथ अन्य शाखाओं और सेवाओं के कर्मी शामिल हैं।
उद्देश्य: भारत और थाईलैंड के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए, इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अनुसार, जंगल और शहरी दोनों वातावरणों में उग्रवाद/आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन में संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है।
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