हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बच्चों के प्रारंभिक वर्षों के लिए ‘जादुई पिटारा’ नामक एक नवीन शिक्षण सामग्री लॉन्च की।
जादुई पिटारा (Jaadui Pitara)
परिचय: इसमें प्लेबुक, खिलौने, पहेलियाँ, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की पुस्तकें, कार्यपत्रक शामिल हैं, साथ ही स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को प्रतिबिंबित करते हुए इसे जिज्ञासा जगाने और आधारभूत स्तर पर शिक्षार्थियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
आदर्श वाक्य: इसे राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के अंतर्गत ‘खेल के माध्यम से सीखने’ के आदर्श वाक्य पर डिजाइन किया गया है और यह 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
उद्देश्य: सीखने-सिखाने के माहौल को समृद्ध बनाना और इसे अमृत पीढ़ी के लिए अधिक बाल-केंद्रित, जीवंत और आनंदमय बनाना, जैसा कि NEP 2020 में परिकल्पित किया गया है।
DIKSHA प्लेटफॉर्म: ‘जादुई पिटारा’ पर संसाधन डिजिटल रूप से ‘दीक्षा (DIKSHA) प्लेटफॉर्म’ पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे।
विश्व UFO दिवस
(World UFO Day)
विश्व UFO दिवस प्रतिवर्ष 2 जुलाई को अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं (Unidentified Flying Objects- UFO) और बाह्यग्रहीय जीवन के संभावित अस्तित्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व UFO दिवस (World UFO Day)
परिचय: यह एक वार्षिक आयोजन है, जो अज्ञात उड़न वस्तुओं (UFO) और बाह्यग्रहीय जीवन के बारे में रुचि और जिज्ञासा जगाता है।
यह दिन उत्साही लोगों, शोधकर्ताओं और जिज्ञासु लोगों को ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए एक साथ लाता है।
रोसवेल घटना (Roswell Incident): UFO के प्रति आकर्षण जुलाई 1947 में न्यू मेक्सिको में हुई प्रसिद्ध रोसवेल घटना से शुरू हुआ।
अमेरिकी सेना ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वस्तु एक वेदर बैलून था, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह एक विदेशी अंतरिक्ष यान था।
इस और अन्य घटनाओं ने कई वर्षों से लोगों की UFO में रुचि बनाए रखी है।
तिथि परिवर्तित: विश्व UFO दिवस पहली बार 24 जून को मनाया गया, जिस दिन अमेरिकी पायलट केनेथ अर्नोल्ड ने वर्ष 1947 में पहली बार UFO देखे जाने की सूचना दी थी।
हालाँकि, बाद में रोसवेल घटना की वर्षगाँठ से मेल खाने के लिए तारीख को बदलकर 2 जुलाई कर दिया गया।
विश्व धरोहर समिति का 46वाँ सत्र (46th session of the World Heritage Committee)
भारत द्वारा यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर समिति का 46वाँ सत्र 21-31 जुलाई तक नई दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित किया जाएगा।
संबंधित तथ्य
समिति का 45वाँ सत्र: यह सऊदी अरब के रियाद में आयोजित किया गया।
पहली बार: यह पहली बार होगा जब भारत विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी करेगा।
महत्त्व: यह आयोजन भारत को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण पर वैश्विक चर्चाओं के लिए केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित करता है तथा विश्व मंच पर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।
उद्देश्य: समिति विश्व धरोहर सम्मेलन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
यह विश्व धरोहर कोष से वित्तीय सहायता आवंटित करता है तथा किसी स्थल को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के संबंध में अंतिम निर्णय लेता है।
भारत में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन, सितंबर 2023 में भारत में विश्व धरोहर स्थल घोषित होने वाला 41वाँ स्थल बन गया।
विश्व धरोहर समिति के बारे में
स्थापना: इसकी स्थापना यूनेस्को (UNESCO) के 17वें सत्र में आयोजित सामान्य सम्मेलन द्वारा अपनाए गए विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कन्वेंशन (विश्व विरासत सम्मेलन) के तहत की गई थी।
सदस्य: इसमें 21 राष्ट्र, जो महासभा द्वारा निर्वाचित होते हैं, शामिल हैं: अर्जेंटीना, बेल्जियम, बुल्गारिया, ग्रीस, भारत, इटली, जमैका, जापान, कजाखस्तान, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, कतर, कोरिया गणराज्य, रवांडा, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, सेनेगल, तुर्किए, यूक्रेन, वियतनाम और जाम्बिया।
विश्व धरोहर सम्मेलन के अनुसार, समिति के सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष का होता है।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (Anusandhan National Research Foundation -NRF)
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) जो भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को रणनीतिक दिशा देने के लिए गठित एक उच्च स्तरीय निकाय है, के कार्यकारी और शासी बोर्ड में भारतीय उद्योग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (Anusandhan National Research Foundation)
ANRF, वर्ष 2008 में स्थापित विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board- SERB) का स्थान लेगा।
गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष: गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
उपाध्यक्ष: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा शिक्षा मंत्री
नियुक्ति का अधिकार: शासी बोर्ड के अध्यक्ष को व्यवसाय संगठन या उद्योग से अधिकतम पाँच सदस्यों को नामित या नियुक्त करने का अधिकार है।
चिंताएँ
उद्योग जगत के प्रतिनिधित्व का अभाव (Lack of Industry Representation): वर्तमान 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड में केवल एक उद्योगपति, रोमेश वाधवानी शामिल हैं, जो भारतीय मूल के अमेरिकी अरबपति हैं।
निजी क्षेत्र का कम निवेश: वर्ष2019-20 में भारत के अनुसंधान व्यय (लगभग ₹1.2 लाख करोड़) का केवल 36% निजी क्षेत्र से आया।
भारत का अनुसंधान एवं विकास पर व्यय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 0.6% है।
चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में निजी क्षेत्र ने अनुसंधान व्यय का 70% योगदान दिया।
राज्य विश्वविद्यालयों का अभाव
इसमें केवल भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) का ही प्रतिनिधित्व है।
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